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Haryana

Virender Sehwag ने अनिरुद्ध चौधरी के लिए मांगे वोट, वोटिंग से पहले किया प्रचार

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हरियाणा में लोग 5 अक्टूबर को मतदान करेंगे। उससे पहले उम्मीदवारों के पास यह बताने का आखिरी दिन है कि उन्हें क्यों चुना जाना चाहिए। उन्हें शाम 6 बजे तक अपने प्रचार अभियान के बारे में शोर मचाना बंद करना होगा। हर कोई वोट पाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहता है। कुछ मशहूर लोग, जिन्हें स्टार प्रचारक कहा जाता है, अपने पसंदीदा उम्मीदवारों की मदद कर रहे हैं और लोगों से उनके लिए वोट मांग रहे हैं। इन स्टार प्रचारकों में से एक पूर्व क्रिकेटर Virender Sehwag हैं, जो बुधवार को हरियाणा के तोशाम नामक स्थान पर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार अनिरुद्ध चौधरी के लिए वोट मांगने गए थे।

वीरेंद्र सहवाग ने एक रिपोर्टर से बात की और कहा कि वे मदद करने आए हैं क्योंकि परिवार का समर्थन करना महत्वपूर्ण है, ठीक वैसे ही जैसे बड़े भाई के कुछ करने पर सभी मदद करते हैं। अनिरुद्ध चौधरी ने बताया कि ज्यादातर क्रिकेट खिलाड़ी आम तौर पर चुनाव प्रचार के दौरान मदद नहीं करते हैं, लेकिन वीरेंद्र हमेशा बिना पूछे ही आ जाते हैं। अनिरुद्ध उनके वहां होने के लिए वास्तव में उनके आभारी हैं। सहवाग ने कहा कि अनिरुद्ध चौधरी लोगों से किए गए सभी वादे पूरे करेंगे। वह जानता है कि चीजों को कैसे चलाना है क्योंकि वह पहले भी ऐसा कर चुका है। सहवाग ने तोशाम के लोगों से वादा किया कि अगर अनिरुद्ध जीतता है, तो वह उन्हें खुश करेगा और निराश नहीं करेगा।

तोशाम में दो चचेरे भाइयों: श्रुति चौधरी और अनिरुद्ध चौधरी के बीच एक खास पद के लिए प्रतिस्पर्धा चल रही है। श्रुति किरण चौधरी की बेटी हैं और पहले भी नेता रह चुकी हैं, जो भिवानी-महेंद्रगढ़ नामक जगह का प्रतिनिधित्व करती हैं। अनिरुद्ध रणवीर सिंह महेंद्र के बेटे हैं, जो क्रिकेट संगठन बीसीसीआई के बॉस हुआ करते थे। जब श्रुति चौधरी को 2024 के लोकसभा चुनाव में भाग लेने का मौका नहीं मिला, तो उन्होंने और उनकी माँ किरण चौधरी ने भाजपा पार्टी में शामिल होने का फैसला किया। किरण चौधरी अब भाजपा की वजह से राज्यसभा की सदस्य हैं, जो सरकार में नेताओं का एक खास समूह है। चूंकि श्रुति अब भाजपा का हिस्सा हैं, इसलिए वे उन्हें तोशाम सीट जीतने की कोशिश करने दे रहे हैं। भाजपा वास्तव में इस सीट को जीतना चाहती है क्योंकि उन्होंने इसे पहले नहीं जीता है।

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Hisar: महिला ने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त, पति बोला- मानसिक रूप से परेशान थी

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Hisar के हांसी के सिसाय गांव में बुधवार सुबह एक महिला ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। वह काफी समय से मानसिक रूप से परेशान थी। पुलिस ने तुरंत मदद की और सुनिश्चित किया कि उसका अस्पताल में चेकअप हो और फिर उन्होंने उसका शव उसके परिवार को सौंप दिया।

सत्यवान सिसई गांव में रहता है और इलेक्ट्रीशियन का काम करता है। उसकी एक 16 साल की बेटी और 12 साल का बेटा है। उसकी शादी 2007 में राजस्थान के दूसरे गांव की शकुंतला नाम की महिला से हुई थी। पिछले कुछ महीनों से शकुंतला बहुत दुखी और अस्वस्थ महसूस कर रही थी। 16 अक्टूबर को जब सत्यवान काम पर गया हुआ था और बच्चे स्कूल गए हुए थे, तो शकुंतला ने घर में ही फांसी लगाकर अपनी जान दे दी।

सत्यवान ने पुलिस को बताया कि जब वह दोपहर के समय घर पहुंचा, तो उसने अपनी पत्नी शकुंतला को प्लास्टिक की रस्सी से छत से लटकता हुआ पाया। उसने मदद के लिए चिल्लाया और जल्द ही उसके परिवार और पड़ोसी यह देखने के लिए आ गए कि क्या हुआ है। उन्होंने 112 नंबर डायल करके पुलिस को बुलाया। पुलिस तुरंत पहुंची और जांच की कि क्या हुआ है। फिर, वे शकुंतला के शव को जांच के लिए अस्पताल ले गए और बाद में उसे उसके परिवार को सौंप दिया।

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चंद्रशेखर आजाद ने Haryana सरकार पर गंभीर आरोप, शपथ ग्रहण समारोह में सरेआम संविधान की…..

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उत्तर प्रदेश के नगीना से नेता चंद्रशेखर आज़ाद Haryana सरकार के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बात कह रहे हैं। उन्होंने एक्स नामक वेबसाइट का इस्तेमाल करके सभी को बताया कि उन्हें लगता है कि हरियाणा के राज्यपाल के साथ बुरा व्यवहार किया जा रहा है। उनका मानना ​​है कि राज्यपाल और दूसरे महत्वपूर्ण व्यक्ति, उपराज्यपाल का एक साथ एक मंच पर बैठना उचित नहीं है। नगीना से एक व्यक्ति ने लिखा कि कल चंडीगढ़ में, हरियाणा के नए मुख्यमंत्री द्वारा अपना काम करने का महत्वपूर्ण वादा लेने के समारोह के दौरान ऐसा लग रहा था कि हमारे देश के नियमों का सम्मान नहीं किया जा रहा है। इससे ऐसा लग रहा था कि महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोग अपना काम ठीक से करने के बजाय मौजूदा सरकार के कहने पर चल रहे हैं।

जब नए मुख्यमंत्री अपना वादा कर रहे थे, तब राज्यपाल, जिनके पास बहुत महत्वपूर्ण काम है, बस देख रहे थे और हमारे देश के आज़ाद होने के बाद पहली बार वास्तव में शामिल नहीं हुए। लेखक कह रहे हैं कि अगर डॉ. भीमराव अंबेडकर, जिन्होंने संविधान बनाने में मदद की और जिनका बहुत सम्मान किया जाता है, अभी जीवित होते, तो वे जो कुछ हो रहा है उससे परेशान होते। वे सवाल कर रहे हैं कि क्या राज्यपाल का पद ऐसी स्थितियों के लिए है। पहली बार कई राज्यों के राज्यपालों को एक विशेष समारोह में आमंत्रित किया गया, जहाँ नए नेता शपथ ले रहे हैं। लेखक का मानना ​​है कि इससे पता चलता है कि भाजपा पार्टी इन महत्वपूर्ण भूमिकाओं का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए और खुद को अच्छा दिखाने के लिए कर रही है।

सांसद कह रहे हैं कि संविधान ने राज्यपाल को राज्य के लिए एक निष्पक्ष रेफरी की तरह बनाया है, जो किसी का पक्ष नहीं लेता। लेकिन एक विशेष समारोह के दौरान जहाँ नए मुख्यमंत्री ने शपथ ली, कई राज्यपालों और विभिन्न राज्यों के एक उपराज्यपाल को एक साथ एक ही मंच पर बैठने के लिए आमंत्रित किया गया। सांसद का मानना ​​है कि इससे पता चलता है कि भले ही उनके पास महत्वपूर्ण कार्य हैं, फिर भी वे निष्पक्ष और तटस्थ होने के बजाय भाजपा पार्टी के साथ एक ही टीम में काम करने जैसा व्यवहार कर रहे हैं।

जब आज़ाद समाज पार्टी के नेता कांशीराम कहते हैं कि केंद्र सरकार (भाजपा) देश के नियमों को बदल रही है, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि वे उन नियमों को सुरक्षित और मजबूत रखना चाहते हैं। लेकिन यह सब उनके प्रभारी रहते हुए हो रहा है, जिसका मतलब है कि वे इसके बारे में जानते हैं और इसे होने दे रहे हैं।

सांसद ने कहा कि अगर कुछ बुरा होता है, तो प्रधानमंत्री मोदी, जो वास्तव में हमारे देश के नियमों की परवाह करते हैं, को बताना चाहिए कि उन महत्वपूर्ण नियमों को तोड़ने के लिए कौन जिम्मेदार है।

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फिर आई हरियाणा में Nayab सरकार, इन सभी विधायकों ने ली शपथ

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Nayab Singh Saini ने आज पंचकूला में फिर से हरियाणा का नेता बनने का वादा किया है। उनकी पार्टी भाजपा ने इतिहास रच दिया है क्योंकि यह लगातार तीसरी बार है जब वे हरियाणा के नेता बने हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक खास कार्यक्रम में गए थे जहां Nayab Singh Saini ने शपथ लेकर नेता बनने का वादा किया। नायब सैनी के साथ-साथ कई अन्य महत्वपूर्ण लोगों ने भी मंत्री के तौर पर अपना काम करने का वादा किया। आइए जानें कि Nayab Saini की टीम में कौन-कौन से विधायक हैं!

अनिल विज एक ऐसे व्यक्ति हैं जो सरकार में काम करते हैं। वे अपने समुदाय में लोगों को सुरक्षित और खुश रखने के लिए निर्णय और नियम बनाने में मदद करते हैं। अनिल विज ने मंत्री के तौर पर अपना काम करने का वादा किया है। वे अंबाला छावनी से हैं और सात बार विधानसभा के सदस्य चुने गए हैं! नायब सिंह सैनी के बाद उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने और चीजों को गुप्त रखने की शपथ ली। अब अनिल विज कैबिनेट मंत्री हैं, जिसका मतलब है कि उनके पास एक महत्वपूर्ण काम है। उन्होंने मनोहर लाल के नेतृत्व वाली सरकार में गृह सुरक्षा और स्वास्थ्य में भी मदद की है। कृष्ण लाल पंवार एक व्यक्ति का नाम है। क्या आप उनके बारे में और जानना चाहेंगे या फिर वे क्या करते हैं?

कृष्‍ण लाल पंवार, जो सरकार में राज्‍यसभा नामक एक विशेष समूह का हिस्‍सा थे और हरियाणा का प्रतिनिधित्‍व करते थे, हाल ही में इसराना नामक जगह से चुनाव जीते हैं। उन्‍होंने फिर से मंत्री के रूप में अपना काम करने का वादा भी किया है। इससे पहले वे मनोहर लाल के नेतृत्‍व वाली सरकार में परिवहन और आवास के प्रभारी थे। अब वे दूसरी बार कैबिनेट मंत्री बने हैं, जो सरकार में एक बड़ा काम है।

कृष्‍ण लाल पंवार लंबे समय से राजनीति में हैं। वे अपने क्षेत्र असंध से कई बार विधानसभा के सदस्‍य रहे। वर्ष 2009 में मतदान के लिए क्षेत्र बदल दिए गए और वे इसराना नामक एक नए क्षेत्र से चुनाव लड़े। वे बलबीर वाल्‍मीकि नामक एक व्‍यक्ति के खिलाफ जीते, जो कांग्रेस पार्टी से थे।

वर्ष 2014 में उन्‍होंने इनेलो नामक एक समूह का हिस्‍सा बनना छोड़ दिया और भाजपा नामक एक दूसरे समूह में शामिल हो गए। वे नौकरी के लिए लड़े और कांग्रेस समूह के बलबीर वाल्‍मीकि नामक एक व्‍यक्ति के खिलाफ जीते। उसके बाद उन्हें सरकार में महत्वपूर्ण काम दिए गए, जैसे परिवहन और आवास में मदद करना। 2019 में उन्होंने फिर से जीतने की कोशिश की, लेकिन इस बार वे बलबीर वाल्मीकि से हार गए। चूंकि वे राज्य में एससी समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण व्यक्ति थे, इसलिए भाजपा ने उन्हें राज्यसभा नामक एक विशेष स्थान पर भेजा। जब उन्होंने कहा कि वे 2024 में विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं, तो भाजपा ने उन्हें फिर से अपना उम्मीदवार चुना। पंवार खुश थे क्योंकि उन्होंने इस बार जीत हासिल की और कांग्रेस पार्टी के बलबीर वाल्मीकि को 13,895 वोटों से हराकर 2019 में अपनी हार की भरपाई की।

राव नरबीर सिंह एक व्यक्ति का नाम है। यह “मिस्टर स्मिथ” या “सुश्री जॉनसन” कहने जैसा है। क्या आप उनके बारे में और जानना चाहेंगे? राव नरबीर सिंह बादशाहपुर से एक राजनेता हैं, जो राज्य में मतदान के लिए सबसे बड़ा क्षेत्र है। उन्हें अब चौथी बार मंत्री चुना गया है। इस बार वे नायब सैनी सरकार का हिस्सा हैं। वे दूसरी बार बादशाहपुर से विधायक चुने गए। 2014 में उन्होंने पहली बार बादशाहपुर में कमल का फूल खिलने में मदद की। वे पहली बार 1987 में 26 साल की उम्र में विधायक बने थे, उन्होंने जटूसाना से राव इंद्रजीत सिंह नामक एक अन्य राजनेता के खिलाफ जीत हासिल की थी। उस समय वे देवी लाल के नेतृत्व वाली सरकार में गृह राज्य मंत्री भी थे।

1996 में नायब सिंह सैनी को सोहना नामक स्थान के लिए विधायक नामक एक विशेष नेता के रूप में चुना गया था, और फिर वे सरकार में परिवहन और टीम वर्क में मदद करने वाले मंत्री बन गए। 2014 में वे फिर से चुने गए, इस बार बादशाहपुर नामक स्थान के लिए, और वे भवन और वन मंत्री बन गए। अब 2024 में वे चौथी बार विधायक चुने गए हैं और फिर से सरकार में मंत्री हैं। महिपाल ढांडा पानीपत ग्रामीण नामक स्थान से नेता हैं, और अब उनके पास कैबिनेट मंत्री के रूप में एक नया महत्वपूर्ण काम है। इससे पहले वे नायब सिंह सैनी नामक एक अन्य नेता की टीम में छोटे मंत्री थे। 2014 में भाजपा नामक एक समूह ने महिपाल ढांडा नामक व्यक्ति को पानीपत नामक स्थान पर एक विशेष कार्य के लिए चुना।

यह कार्य 2009 में बनाए गए एक नए क्षेत्र के लिए था। महिपाल ने कड़ी मेहनत की और धारा सिंह रावल नामक एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ जीत हासिल की, जो किसी भी समूह का हिस्सा नहीं था। फिर, 2019 में, महिपाल ने भाजपा की मदद से फिर से उसी नौकरी के लिए चुनाव लड़ा और फिर से जीत हासिल की, इस बार जेजेपी नामक एक अलग समूह के देवेंद्र कादियान नामक व्यक्ति के खिलाफ। 2024 में, महिपाल ढांडा तीसरी बार चुनाव लड़े और अपने प्रतिद्वंद्वी सचिन कुंडू के खिलाफ 50,212 वोटों से जीत हासिल की। ​​अब, उन्हें नायब सरकार में फिर से मंत्री चुना गया है। विपुल गोयल फरीदाबाद से एक नेता हैं, और उन्हें अभी कैबिनेट मंत्री नामक एक महत्वपूर्ण पद दिया गया है। फरीदाबाद के लिए यह उनका दूसरा मौका है, इससे पहले मनोहर के कार्यकाल में वे मंत्री भी रह चुके हैं।

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