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Haryana

Haryana में आज से 4 दिन कमजोर रहेगा मानसून, इस जिले में सबसे ज्यादा हुई बारिश

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अगले चार दिनों तक Haryana में बारिश का मौसम बहुत तेज़ नहीं रहेगा। कुछ जगहों पर मौसम थोड़ा अलग रहेगा, लेकिन शायद ज़्यादा बारिश न हो। भले ही बारिश न हो, लेकिन सुबह और शाम की ठंडी हवाएँ बाहर अच्छा महसूस कराएँगी। मौसम में ज़्यादा बदलाव न होने की वजह से मौसम थोड़ा गर्म हो गया है, जो पहले से लगभग 0.2 डिग्री ज़्यादा है।

आज, यह सामान्य से थोड़ा ठंडा है क्योंकि तापमान में 3 डिग्री की गिरावट आई है। सबसे गर्म जगह सिरसा रही, जहाँ तापमान 35.7 डिग्री तक पहुँच गया, और सबसे ठंडा गुरुग्राम रहा, जहाँ तापमान 27.1 डिग्री रहा।

पिछले दिन गुरुग्राम में मानसून की वजह से 14.0 मिलीमीटर बारिश हुई, जो एक ऐसा समय होता है जब बहुत ज़्यादा बारिश होती है। कुरुक्षेत्र में 6.0 मिलीमीटर और महेंद्रगढ़ में 5.0 मिलीमीटर बारिश हुई। कुल मिलाकर, इस मौसम में सामान्य से 10 प्रतिशत कम बारिश हुई है। पंचकूला में सबसे ज़्यादा 43.6 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि सोनीपत में 31.2 मिलीमीटर बारिश हुई। यमुनानगर में 20 मिलीमीटर और कुरुक्षेत्र में 18.9 मिलीमीटर बारिश हुई। करनाल में 12.3 मिलीमीटर और रोहतक में 9.9 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि कई अन्य जगहों पर भी बारिश हुई।

भारत में मौसम विशेषज्ञ यह जांच कर रहे हैं कि 1 जून से 5 सितंबर तक हरियाणा में कितनी बारिश हुई है। उन्होंने पाया कि 332.1 मिलीमीटर बारिश हुई, जो कि आमतौर पर होने वाली बारिश से थोड़ी कम है – लगभग 10% कम। आम तौर पर, हम लगभग 374.3 मिलीमीटर बारिश की उम्मीद करते हैं। उन्होंने यह भी पाया कि हरियाणा के 14 इलाकों में उतनी बारिश नहीं हुई जितनी आमतौर पर होती है।

आगे मौसम कैसा रहेगा?

मानसून एक ऐसा समय होता है जब हमें आमतौर पर बहुत बारिश मिलती है, लेकिन अभी यह बहुत सक्रिय नहीं है। अगले कुछ दिनों यानी 9 सितंबर से 12 सितंबर तक हमारे राज्य के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों में मौसम थोड़ा बदल सकता है और कुछ इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है। पश्चिमी हरियाणा में मौसम थोड़ा बादल छाए रहेंगे और बीच-बीच में हल्की बारिश होगी। इस वजह से दिन का तापमान थोड़ा बढ़ सकता है और हवा में चिपचिपाहट कम महसूस होगी। हरियाणा में इस साल जुलाई में पिछले पांच सालों के मुकाबले कम बारिश हुई है। 2018 में 549 मिमी, 2019 में 244.8 मिमी, 2020 में 440.6 मिमी, 2021 में 668.1 मिमी, 2022 में 472 मिमी और 2023 में 390 मिमी बारिश हुई। लेकिन इस साल यानी 2024 में सिर्फ 97.9 मिमी बारिश हुई है। पर्याप्त बारिश न होने की वजह से चावल उगाने वाले किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और उन्हें बहुत सारा पैसा खोना पड़ रहा है। उन्हें अपनी फसलों के लिए पानी पाने के लिए ट्यूबवेल का इस्तेमाल करना पड़ रहा है।

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Editor Two
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