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Haryana: कच्चे कर्मचारियों की नौकरी अब 58 साल तक सुरक्षित, सरकार ने हटाई शर्त, विधानसभा सत्र में चार विधेयक पास।

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हरियाणा। Haryana में कच्चे कर्मचारियों की नौकरी को 58 साल की उम्र तक सुरक्षित कर दिया गया है। विधानसभा सत्र में सैनी सरकार ने कर्मचारियों से जुड़ी एक महत्वपूर्ण शर्त को हटा दिया है। अब Haryana सरकार ने कच्चे कर्मचारियों के लिए एक विधेयक पास किया है, जिसके तहत संविदा कर्मचारियों की नौकरी की सुरक्षा सुनिश्चित हो गई है। यह विधेयक संविदा कर्मचारियों को स्थायित्व और सुरक्षा देने के लिए लाया गया है, जिससे उनकी कार्यक्षमता में सुधार होगा और वे अपने कार्य के प्रति अधिक समर्पित रहेंगे।

साथ ही, किसी कर्मचारी की नौकरी को सुरक्षित करने के लिए कैलेंडर वर्ष में 240 दिन काम करने की शर्त को हटा दिया गया है। 15 अगस्त 2024 तक जिन संविदा कर्मचारियों ने पांच साल की पूर्णकालिक सेवा पूरी की है, उन्हें नौकरी की सुरक्षा दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, यदि किसी संविदा कर्मचारी ने कैलेंडर वर्ष में कम से कम 240 दिन का वेतन प्राप्त किया है, तो उसे पूरे वर्ष का कार्यकाल माना जाएगा। विधानसभा में बुधवार को चार विधेयक पास किए गए।

शव का अंतिम संस्कार न कर प्रदर्शन करने पर तीन साल की जेल

Haryana में शव रखकर प्रदर्शन करना गैरकानूनी होगा। शव का सम्मानजनक तरीके से अंतिम संस्कार न करने पर छह महीने से लेकर तीन साल तक की सजा और एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इसी तरह युवाओं को विदेश भेजने का झांसा देकर ठगने और उन्हें डंकी रूट से विदेश भेजने वाले फर्जी ट्रैवेल एजेंटों पर भी शिकंजा कसा जाएगा। विधानसभा में बुधवार को चार विधेयक पास हुए।

इनमें शव का सम्मानजनक निपटान विधेयक 2025, Haryana ट्रैवल एजेंटों का पंजीकरण और विनियमन विधेयक 2025, हरियाणा सार्वजनिक जुआ रोकथाम विधेयक 2025 और Haryana संविदात्मक कर्मचारी (सेवा की सुनिश्चितता) संशोधन विधेयक 2025 शामिल हैं। इसके अलावा Haryana बागवानी पौधशाला विधेयक 2025 और अपर्णा संस्था (प्रबंधन एवं नियंत्रण ग्रहण) विधेयक, 2025 सदन में पेश किए गए।

परिवार के इन्कार पर सार्वजनिक प्राधिकरण करेगा अंतिम संस्कार

अब प्रदेश में किसी भी व्यक्ति के शव का समय पर अंतिम संस्कार न करके विरोध या आंदोलन कर किसी भी मांग को पूरा करने की अनुमति नहीं होगी। अंतिम संस्कार के लिए परिवार के सदस्यों के शव को अस्वीकार करने पर सार्वजनिक प्राधिकरण द्वारा अंतिम संस्कार किया जाएगा। ऐसी स्थिति में छह महीने से तीन साल तक सजा और एक लाख रुपये तक जुर्माना लगाने का प्रावधान है।

फर्जी ट्रैवल एजेंटों को होगी 10 साल तक कैद

ट्रैवल एजेंटों का पंजीकरण और विनियमन विधेयक में कबूतरबाजी में संलिप्त ट्रैवल एजेंटों को 3 से 10 साल तक कैद और 2 से 5 लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है। दोषी साबित होने पर आरोपित ट्रैवल एजेंट की संपत्ति भी जब्त कर ली जाएगी। ट्रैवल एजेंसी से लेकर जनरल सेल्स एजेंट, आइलेट्स कोचिंग सेंटर, पासपोर्ट और टिकटिंग सहित तमाम तरह की सेवाएं देने वाले भी इस कानून के दायरे में होंगे। ऐसे लोगों को अधिकृत फीस देकर लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा।

जुआ-सट्टा खेलने पर पांच साल तक जेल और संपत्ति होगी जब्त

1876 से चले आ रहे पुराने कानून को बदला गया है। राज्य में सार्वजनिक रूप से जुआ खेलने, जुआ घर चलाने, खेलों और चुनावों में सट्टेबाजी, खेलों में मैच फिक्सिंग या स्पॉट फिक्सिंग की रोकथाम के लिए हरियाणा सार्वजनिक जुआ रोकथाम विधेयक लाया गया है। इसमें सट्टेबाजी के विभिन्न मामलों की श्रेणियों को परिभाषित करने के साथ पुलिस को व्यापक अधिकार दिए गए हैं। इस विधेयक में दोषी पाए जाने पर तीन से पांच साल तक कैद और संपत्ति जब्त किए जाने का प्रावधान है।

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