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Haryana

Haryana ने 21 मई से 10,300 क्यूसेक पानी की मांग की; पंजाब के सिंचाई मंत्री बोले, भाखड़ा लाइन की क्षमता 11,700 क्यूसेक से अधिक नहीं।

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15 मई 2025 को भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) की तकनीकी समिति की बैठक में पंजाब सरकार के सचिव कृष्ण कुमार और मुख्य अभियंता शेर सिंह ने भाग लिया। बैठक के बाद, पंजाब के सिंचाई मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि राजस्थान के प्रतिनिधियों ने पंजाब की सराहना की। उन्होंने कहा कि जब राजस्थान को पानी की आवश्यकता थी, तब पंजाब ने उसे पानी प्रदान किया।

जबकि Haryana ने अपनी बारी आने पर पुराना राग अलापना शुरू कर दिया। Haryana ने पहले अपनी 8500 क्यूसेक पानी की मांग रखी। इस पर पंजाब सरकार के अधिकारियों ने कहा कि 21 तारीख से उन्हें नए कोटे से पानी मिल जाएगा। इस पर Haryana सरकार के अधिकारियों ने कहा कि हमें 10300 क्यूसेक पानी 21 तारीख से दिया जाए, जबकि Haryana ने पहले पत्रों से 9525 क्यूसिक पानी की मांग रखी थी।

Haryana ने अपनी डिमांड बढ़ाकर रखी

सिंचाई मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने कहा Haryana ने अब अपनी मांग बढ़ाकर रख दी है। इस समय भाखड़ा मेन लाइन जहां से पानी जाना है, उसकी क्षमता 11700 क्यूसेक पानी है। तीन हजार क्यूसेक पानी पंजाब के लिए चाहिए। 10300 Haryana ने मांगा है, जो कि संभव नहीं है। लाइन की रिपेयर का काम चल रहा है। जब हमारे अधिकारियों ने यह बात बीबीएमबी चेयरमैन के सामने रखी तो उनका जवाब था कि वह इस मामले को देख लेते हैं।

सिंचाई मंत्री ने कहा मीटिंग में आज भी Haryana ने वह बात की है जो संभव नहीं है। बीबीएमबी के चेयरमैन ने यह बात कहीं है कि सभी शांत रहे। भाखडा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड के जो नियम है उनका पालन किया है। मंत्री ने कहा कि चार हजार क्यूसेक पानी Haryana को पंजाब द्वारा मानवता के आधार पर दिया जा रहा है। वह पंजाब का हक है। जब भी हमारी डिमांड होगी तो हम मांग करेंगे, तो Haryana को पानी वापस करना होगा।दूसरी ओर, यह लगभग साफ हो गया है कि Haryana को 20 मई तक अतिरिक्त पानी नहीं मिल पाएगा, क्योंकि पंजाब एंड Haryana हाईकोर्ट में चल रहे मामले की अगली सुनवाई 20 मई को है। जबकि 21 मई से Haryana को अगले साल के लिए पानी मिलना शुरू हो जाएगा।

पंजाब सरकार देती है 60% राशि

पंजाब सरकार ने जब बीबीएमबी से पिछले सालों में हुए खर्च का हिसाब मांगा तो एक बात साफ हो गई कि नंगल हाइडल चैनल की मरम्मत का पूरा खर्च पंजाब सरकार के खजाने से ही उठाया जा रहा है। वर्ष 2010-11 से 2022-23 के बीच नंगल हाइडल चैनल की मरम्मत पर 32.69 करोड़ रुपए खर्च किए गए।

इसमें पंजाब का हिस्सा 15.87 करोड़ था, जबकि Haryana और राजस्थान का हिस्सा 16.82 करोड़ था, लेकिन इन राज्यों ने इसका भुगतान नहीं किया। सीएम मान पहले भी कह चुके हैं कि वे बीबीएमबी का साठ फीसदी भुगतान करते हैं। लेकिन बीबीएमबी हमारे खिलाफ खड़ी है। हम ऐसे क्यों भुगतान करें।

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