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Rohtak में गैंगस्टर प्लोटरा के भाई सुमित प्लोटरा की हुई मौत, दो गुटों में चली ताबड़ गोलियां

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गुरुवार की रात Rohtak में राहुल बाबा गैंग और सुमित प्लोत्रा ​​गैंग के बीच हुए झगड़े में तीन लोगों की जान चली गई। दो और लोग गोली लगने से घायल हो गए। यह सब सोनीपत रोड पर बलियाना मोड़ के पास शराब की दुकान के पास हुआ।

बोहर गांव के कुछ युवक दुकान पर बैठे थे, तभी मोटरसाइकिल सवार कुछ युवकों ने बिना वजह उन पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं। इसके बाद गोली चलाने वाले भाग गए। राहुल बाबा गैंग नामक एक समूह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके बताया कि उन्होंने यह सब किया है।

इस घटना में कुछ लोग घायल हुए और कुछ लोगों की जान चली गई। मरने वालों में एक 37 वर्षीय अमित था, जो सुमित नाम के व्यक्ति का भाई था। पास के गांव के दो अन्य लोग जयदीप 30 वर्षीय और विनय 28 वर्षीय की भी मौत हो गई। इसके अलावा अनुज 29 वर्षीय और मनोज 32 वर्षीय दो अन्य लोगों को भी गोली लगने से पैर में चोट आई।

पुलिस को पता चला कि रात करीब 10 बजे बोहर गांव के पांच युवक शराब बेचने वाली दुकान के बाहर बैठे थे। तभी दुकान के सामने तीन मोटरसाइकिलें आकर रुकीं, जिन पर करीब सात-आठ युवक सवार थे। आते ही उन्होंने बैठे पांचों युवकों पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं। इससे पांचों घायल हो गए। गोली चलाने के बाद मोटरसाइकिल सवार लोग तेजी से भाग निकले।

वहां मौजूद कुछ लोगों ने देखा कि कुछ लोग घायल हैं। उन्होंने घायलों के परिजनों को फोन करके बताया। जब परिजन पहुंचे तो उन्होंने घायलों को गाड़ी में बिठाया और रोहतक पीजीआई नामक अस्पताल ले गए। दुख की बात है कि डॉक्टर ने बताया कि उनमें से तीन की मौत हो चुकी है। बाकी दो लोगों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया।

रोहतक आईएमटी थाने के इंस्पेक्टर दिलबाग ने बताया कि उन्हें राहुल बाबा गैंग नामक गिरोह के बारे में सूचना मिली थी, जो हाल ही में एक समस्या में शामिल है। शराब की दुकान पर करीब 20 गोलियां चलाई गईं। ऐसा करने वाले दो लोगों को पुलिस ने पकड़ लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।

राहुल बाबा गैंग ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके इस तिहरे हत्याकांड की जिम्मेदारी ली है। उसने सोशल मीडिया पर लिखा, “आज जो कुछ भी हुआ, उसकी पूरी जिम्मेदारी राहुल बाबा गैंग लेता है। जय भवानी… जो भी बीच में आएगा, मारा जाएगा। सावधान रहना। इधर-उधर देखना…”

बोहर गांव का सुमित प्लोत्रा ​​नाम का शख्स शराब बेचने का धंधा करता रहा है। 2017 में उसका नाम रोहतक की एक कोर्ट में गोली मारकर हत्या करने की गंभीर घटना से जुड़ा था। बाद में उसे दिल्ली में तीन लोगों की हत्या के अपराध में दोषी पाया गया और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। अब वह तिहाड़ जेल में है।

जब वह जेल में था, तब उसका छोटा भाई अमित उसकी शराब की दुकान की देखभाल करता था। वह करीब डेढ़ महीने पहले ही जेल से छूटकर आया है।

गुरुवार रात को कुछ ऐसा हुआ, जिसे लोग काफी समय पहले हुए झगड़े से जुड़ा हुआ मान रहे हैं। सतीश कुमार एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि 2018 में रोहतक की एक कोर्ट के बाहर गोलीबारी हुई थी। उस गोलीबारी में सुमित प्लोत्रा ​​नामक एक गांव का युवक शामिल था। वह पकड़ा गया और अब जेल में है।

थाने के प्रभारी को लगता है कि शायद किसी और से बदला लेने के लिए ऐसा हुआ होगा। लेकिन अभी यह पक्के तौर पर कहना जल्दबाजी होगी। राहुल बाबा गैंग का कहना है कि उन्होंने यह किया है और राहुल बाबा पहले ही जेल से बाहर आ चुका है। वे इस बात की जांच कर रहे हैं कि उसने ऑनलाइन क्या पोस्ट किया है।

खिडवाली नामक गांव में रहने वाला एक गैंगस्टर राहुल बाबा पिछले साल सुनारिया नामक जेल में घायल हो गया था। उस हमले में सुमित प्लोत्रा ​​नामक एक व्यक्ति का नाम था। अब पुलिस यह देखने की कोशिश कर रही है कि क्या यह नई घटना 2023 में हुई घटना से संबंधित है।

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क्या मजबूरी है Jayant Chaudhary की? जो हरियाणा में हैंडपंप गाड़ने से अपने कदम पीछे खींचे

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Jayant Chaudhary ने जम्मू-कश्मीर में चुनाव लड़ने का फैसला करके कई लोगों को चौंका दिया। यह असामान्य है कि वह हरियाणा में किसी भी पद के लिए चुनाव नहीं लड़ेंगे, जबकि वह जम्मू-कश्मीर में चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं, जो कि बहुत दूर है। इससे यह सवाल उठने लगा है कि क्या हरियाणा में भाग न लेने के पीछे उनके पास कोई ठोस कारण था या यह उनकी पार्टी या सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा की किसी बड़ी योजना का हिस्सा है। कई लोग उनके विकल्पों के बारे में उत्सुक हैं और इस बात से परेशान हैं कि वह हरियाणा, खासकर कुरुक्षेत्र से दूर होते जा रहे हैं। देश में हर कोई हरियाणा में हो रहे चुनावों पर करीब से नज़र रख रहा है।

सभी राजनीतिक दल चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं, लेकिन एक महत्वपूर्ण व्यक्ति इस लड़ाई में शामिल नहीं हो रहा है। वह व्यक्ति जयंत चौधरी हैं, जो राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के नेता और सरकार में मंत्री हैं। लोग हैरान हैं कि वह हरियाणा में मदद क्यों नहीं कर रहे हैं, खासकर तब जब उन्होंने वहां हैंडपंप लगाने का काम बंद कर दिया है। कुछ लोगों का मानना ​​है कि ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि वह हाल ही में किसानों से कम जुड़े हैं, यही वजह हो सकती है कि वह हरियाणा में चुनाव नहीं लड़ रहे हैं।

राजनीति में हमेशा कुछ न कुछ अहम कारण होते हैं और हरियाणा चुनाव के दौरान हैंडपंप का इस्तेमाल न करना भी इसी का हिस्सा है। हमने रालोद पार्टी के नेता त्रिलोक त्यागी से बात की और उन्होंने बताया कि वे अकेले चुनाव लड़ने के बजाय भाजपा पार्टी के साथ मिलकर काम करने की योजना बना रहे हैं। भाजपा ने हरियाणा चुनाव में अकेले लड़ने का फैसला किया और रालोद ने भी इस विकल्प पर सहमति जताई। इसी तरह, जब रालोद ने जम्मू-कश्मीर में अकेले चुनाव लड़ना चाहा तो भाजपा ने उनका समर्थन किया। अब रालोद जम्मू-कश्मीर में 12 चुनावी सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए काफी मेहनत कर रही है।

जब राजनीति की बात आती है, तो फैसले वाकई बहुत मायने रखते हैं। रालोद पार्टी ने हरियाणा में चुनाव लड़ने के लिए किसी को नहीं चुना और लोग हैरान हैं कि ऐसा क्यों किया गया। हमने रालोद का नेतृत्व करने वाले राजेंद्र शर्मा से इस बारे में पूछा। उन्होंने बताया कि उनके नेता जयंत चौधरी बड़े फैसले लेने से पहले बहुत सोच-समझकर फैसला लेते हैं। यह उनके लिए एक अहम फैसला है और राजनीति में हर फैसले के पीछे कोई न कोई वजह होती है। अभी आरएलडी बीजेपी पार्टी के साथ मिलकर काम कर रही है, इसलिए उन्होंने अपने चुनाव लड़ने के बजाय बीजेपी को चुनाव जीतने पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करने का फैसला किया। यही कारण है कि आरएलडी हरियाणा में चुनाव में भाग नहीं ले रही है और बीजेपी अकेले ही चुनाव लड़ रही है।

हरियाणा में बड़े चुनावी युद्ध के लिए हर कोई तैयार हो रहा है, लेकिन जयंत एक्शन से गायब दिख रहे हैं। हमने पुष्पेंद्र शर्मा नाम के एक रिपोर्टर से बात की, जिन्होंने बताया कि जयंत चौधरी अभी बीजेपी पार्टी के साथ बातचीत करने की मजबूत स्थिति में नहीं हैं। बीजेपी के अपने नियम हैं और अगर वे साथ मिलकर काम करते हैं तो जयंत को उनका पालन करना होगा। इसके अलावा, कई किसान और जाट (हरियाणा में लोगों का एक समूह) इस बात से नाराज़ हैं कि जयंत ने उनके आंदोलन का मज़बूती से समर्थन नहीं किया है। इस वजह से, जयंत कोई ऐसा फ़ैसला नहीं लेना चाहते जिससे राजनीति में उनके भविष्य को नुकसान पहुँचे, इसलिए उन्होंने बीजेपी के अकेले चुनाव लड़ने के फ़ैसले का समर्थन करने का फ़ैसला किया। यही वजह है कि जयंत अभी हरियाणा में चुप हैं।

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CM Nayab Saini ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर साधा निशाना, कहा आज तक उन्होंने जहां-जहां भी घोषणाएं की हैं, वहां लोगों को…….

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हरियाणा में 5 अक्टूबर को मतदान का दिन जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, लोग अपने विचारों और योजनाओं के बारे में सभी से बात करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। CM Nayab Saini ने गुरुवार को कुरुक्षेत्र में बहुत से लोगों से बात की। उन्होंने लोगों से कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि पिछले बड़े चुनाव के बाद से उनके पास बदलाव करने के लिए पर्याप्त समय नहीं है। लेकिन उन्होंने कहा कि सिर्फ 56 दिनों में उन्होंने हरियाणा को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए 126 महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि अन्य राजनीतिक समूह खुद काम करने के बजाय सिर्फ उनकी घोषणाओं के बारे में बात कर रहे हैं। सीएम सैनी ने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा को लगता है कि वे जो बातें करते हैं, वे सिर्फ वादे हैं। उन्होंने कहा कि भूपेंद्र 10 साल तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे, लेकिन सिर्फ 56 दिनों में उन्होंने और भी महत्वपूर्ण काम किए हैं। उनका मानना ​​है कि उनकी सरकार ने गरीबों, युवाओं, किसानों और महिलाओं की मदद के लिए बेहतरीन फैसले लिए हैं। नेता सीएम नायब सिंह सैनी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हरियाणा के लोग बहुत उत्साहित और खुश हैं। उन्हें भाजपा पार्टी की योजनाएं पसंद हैं।

हरियाणा और पूरे देश में लोग भाजपा पर भरोसा करते हैं क्योंकि वे अपने वादे पूरे करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दूसरी पार्टी कांग्रेस की योजनाएं सच नहीं हैं और सिर्फ झूठ से भरी हैं। सीएम सैनी ने कहा कि उन्होंने अतीत में जहां भी वादे किए, लोगों को वास्तव में कोई मदद नहीं मिली, उन्हें सिर्फ प्रशंसा मिली। उन्होंने कहा कि उन्होंने 2014 और 2019 में अपने वादों को पूरी तरह से निभाया। अब, वह हरियाणा के लोगों से उनका समर्थन करने के लिए कह रहे हैं ताकि वे 2024 के लिए भी अपने वादे पूरे कर सकें। वह भारतीय जनता पार्टी के लिए उनका प्यार और समर्थन चाहते हैं।

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Panchkula में महिला से ठगों ने मुंबई पुलिस बताकर ठगे 10 लाख, ड्रग्स सप्लाई के झूठे मामले में फंसाने की दी धमकी

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Panchkula साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में एक हैरान कर देने वाली घटना हुई। एक कंप्यूटर कंपनी में काम करने वाली महिला को मुंबई के पुलिस अधिकारी होने का दिखावा करने वाले कुछ बदमाशों ने धोखा दिया। उन्होंने उसे यह कहकर डरा दिया कि अगर वह उन्हें बहुत सारा पैसा नहीं देगी, तो वे उस पर ड्रग्स बेचने का आरोप लगा देंगे! जालंधर में रहने वाली और चंडीगढ़ में आईटी पार्क नामक जगह पर काम करने वाली नबदीप कौर नाम की महिला ने बताया कि उसके साथ कुछ अजीब हुआ।

11 सितंबर को उसे अलग-अलग लोगों के फोन आए। उनमें से एक ने कहा कि वह मुंबई का एक पुलिस अधिकारी है और उसका नाम रविकांत है। उसने नबदीप से कहा कि उसके पास उसका आधार कार्ड और पैन कार्ड की जानकारी है और उसने वादा किया कि वह वास्तव में एक पुलिस अधिकारी है। किसी ने फोन करके कहा कि नबदीप कौर नाम की एक महिला के लिए भारत से ईरान एक पैकेज भेजा जा रहा है। इस पैकेज में कपड़े, लैपटॉप, पासपोर्ट और 450 ग्राम ड्रग्स थे। उन्होंने यह भी बताया कि इस पैकेज की वजह से इस व्यक्ति के खिलाफ पुलिस रिपोर्ट दर्ज की गई है। इसके बाद उन्होंने उसे वीडियो कॉल पर कनेक्ट किया और मुंबई के प्रदीप सावंत नामक पुलिस अधिकारी होने का नाटक किया।

कुछ बदमाशों ने नवदीप को झांसा देकर उसके बैंक खाते की जानकारी दे दी। फिर उन्होंने उसके खाते में बड़ी रकम, लगभग 10 लाख रुपये, डाल दिए। इसके बाद उन्होंने जल्दी से वह पैसा निकालकर अपने खाते में डाल लिया। जब नवदीप ने अपने खाते को देखा तो उसने पाया कि यह पैसा दरअसल उसके नाम पर लिया गया लोन था, लेकिन जालसाजों ने सारा पैसा अपने खाते में डाल लिया।

नवदीप कौर ने तुरंत पंचकूला में पुलिस को अपनी समस्या बताई। पुलिस ने उसकी बात सुनी और मामले की जांच करने का फैसला किया। अब वे यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि जालसाजों ने उसे कैसे झांसा देकर इतना बड़ा घोटाला किया।

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