Connect with us

Chandigarh

नारी शक्ति और स्वास्थ्य की Guaranty: Advanced Technology के साथ Punjab Government का ‘Anaemia-Free’ Mission तेज़, बेटियों की सेहत बनी Top Priority

Published

on

पंजाब सरकार ने राज्य की महिलाओं, बेटियों और माताओं की सेहत को अपनी टॉप प्राथमिकता बनाते हुए ‘अनीमिया मुक्त पंजाब’ मिशन को तेज़ कर दिया है। सरकार का कहना है कि एक स्वस्थ और मजबूत पंजाब तभी बन सकता है, जब हमारी बेटियाँ और महिलाएँ पूरी तरह से फिट और हेल्दी हों। यही वजह है कि सरकार इस मिशन को सिर्फ एक अभियान की तरह नहीं, बल्कि एक लक्षित और जमीनी स्तर पर चल रही हेल्थ ड्राइव की तरह आगे बढ़ा रही है।

स्कूलों में 60,000 बेटियों की आधुनिक तरीके से जांच

सरकार ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली कक्षा 6 से 12 तक की लगभग 60,000 छात्राओं की बड़े स्तर पर अनीमिया जांच शुरू कर दी है।
सबसे खास बात यह है कि जांच के लिए नो नीडल बिना सुई वाला मॉडर्न डिवाइस इस्तेमाल किया जा रहा है।

  • इस मशीन से बच्चियों का हीमोग्लोबिन लेवल कुछ सेकंड में पता चल जाता है।
  • जांच बिल्कुल painless है।
  • जिस छात्रा में अनीमिया मिलता है, उसका तुरंत इलाज शुरू किया जाता है।

सरकार का साफ कहना है कि “Healthy बेटी = Healthy Punjab”, इसलिए कोई भी बच्ची अनीमिया से कमजोर न रहे।

तीन विभाग मिलकर चला रहे हैं यह मिशन

यह अभियान केवल स्वास्थ्य विभाग का नहीं है बल्कि तीन बड़े विभाग मिलकर इसे चला रहे हैं:

  • स्वास्थ्य विभाग
  • शिक्षा विभाग
  • महिला एवं बाल विकास विभाग

इस तालमेल की वजह से यह मिशन पहले से ज्यादा असरदार और तेज़ हुआ है।

छोटे बच्चों और माताओं तक IFA गोलियों की 100% सप्लाई

सरकार ने आयरन और फोलिक एसिड (IFA) गोलियों की सप्लाई पर भी खास फोकस किया है क्योंकि अनीमिया रोकने का यह सबसे आसान और असरदार तरीका है।

  • लगभग 7.27 लाख छोटे बच्चों तक IFA गोलियां पहुँचाई जा रही हैं
  • 2.06 लाख गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को भी यह गोलियां दी जा रही हैं
  • सप्लाई के मुख्य चैनल:
    • आंगनबाड़ी केंद्र
    • आशा वर्कर

सरकार का दावा है कि इन गोलियों की 100% वितरण सुनिश्चित किया जा रहा है ताकि किसी भी बच्चे या माँ में आयरन की कमी न रहे।

स्कूलों में Mid-Day Meal की क्वालिटी और पौष्टिकता बढ़ाई गई

बच्चों की सेहत बेहतर करने के लिए सरकार ने मिड-डे मील को और पौष्टिक बनाया है।
इसका मकसद दो चीज़ों को मजबूत करना है:

  • बच्चों का शारीरिक विकास
  • बच्चों का मानसिक विकास

सरकार का कहना है कि अच्छी डाइट ही बच्चों की हेल्थ, स्टडी और ग्रोथ को मजबूत बनाती है।

जागरूकता की भी बड़ी मुहिम: लोगों को बताया जा रहा है क्या खाना चाहिए, क्या नहीं

कैबिनेट मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि अनीमिया को रोका जा सकता है, अगर लोग सही खाना खाएं और पोषक भोजन को अपनी डेली लाइफ में शामिल करें।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार:

  • बाजार के अनहेल्दी फूड से बचने की सलाह दे रही है
  • पब्लिक प्लेसेज़ पर जागरूकता अभियान चला रही है
  • लोगों को संतुलित आहार, हरी सब्जियाँ, दालें, अनाज और आयरन युक्त भोजन खाने के लिए प्रेरित कर रही है

सरकार का संदेश साफ है—
बेटियों की सेहत पर कोई समझौता नहीं। हर बेटी स्वस्थ होगी तभी उसका भविष्य और राज्य का भविष्य स्वस्थ होगा।

पूरे मिशन का उद्देश्य

  • अनीमिया का पूरी तरह खात्मा
  • बेटियों और महिलाओं को हेल्दी बनाना
  • माताओं और बच्चों की देखभाल को मजबूत करना
  • आधुनिक तकनीक के ज़रिए तेज़ और सही हेल्थ सर्विस देना
  • पोषण और जागरूकता दोनों पर एक साथ ध्यान देना

पंजाब सरकार का ‘अनीमिया मुक्त पंजाब’ मिशन यह सिद्ध करता है कि सरकार केवल घोषणाएँ नहीं करती, बल्कि उन्हें ग्राउंड लेवल तक पहुंचाकर लोगों की जिंदगी में सीधे बदलाव लाने का काम करती है।
यह मिशन साफ दिखाता है कि राज्य की महिलाओं, बेटियों और माताओं की सेहत सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement
Punjab2 hours ago

जनता के पैसे से लंदन-कनाडा-दुबई टूर करते थे सुखबीर और कैप्टन, दूसरी और CM मान लेकर आ रहे हैं जापान से रोजगार!

Punjab4 hours ago

Congress की सिख-विरोधी मानसिकता फिर हुई बेनकाब: ‘आप’ ने हरक सिंह रावत को पार्टी से तुरंत निकालने की मांग की

Punjab5 hours ago

सांसद मलविंदर कंग का कांग्रेस पर हमला, कहा- हरक सिंह रावत की ’12 बजे’ वाली टिप्पणी कांग्रेस की सिख विरोधी मानसिकता को दर्शाती है

Punjab5 hours ago

मान सरकार के नेतृत्व में पंजाब बना देश का करियर लीडर, जहां 5,000 से ज़्यादा शिक्षकों को सीधे IIT मद्रास सिखाएगा टॉप 100 हाई-डिमांड जॉब्स।

Punjab5 hours ago

पंजाब सरकार का बड़ा कदम, 2026 तक बेटियों का लिंग अनुपात बढ़ाने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का लक्ष्य