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Chandigarh

गृहमंत्री अनिल विज विपक्ष और उपमुख्यमंत्री के बीच एक मजबूत दीवार के रूप में खड़े नजर आए

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चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी): हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन जहरीली शराब से हुई मौतों तथा शराब तस्करी का मामला खूब गूंजा। एक ओर जहां विपक्षी दल कांग्रेस एवं इनेलो इस मुद्दे को लेकर मौजूदा सरकार को घेरने की जद्दोजहद में थी, खास तौर पर विपक्षी दलों के मुख्य फोकस में आबकारी एवं कराधान विभाग संभाल रहे दुष्यंत चौटाला थे। वहीं लेकिन सदन पटल पर हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज दुष्यंत चौटाला और विपक्ष के बीच में एक दीवार के रूप में नजर आए। 

अनिल विज ने बड़े सहज रूप से लेकिन आक्रामक शब्दों के साथ सरकार का पक्ष रखा। गृहमंत्री अनिल विज के तेवर देखकर इस मामले में अभय चौटाला का रुख भी कुछ देरी के बाद नरम हो गया। क्योंकि सदन पटल पर प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज ने विपक्ष को ही घेरते हुए कहा कि यमुनानगर में शराब तस्करी के मामले में पकड़ा गया एक आरोपी कांग्रेस का नेता मांगेराम था। वहीं दूसरा 2014 में रादोर से इनेलो की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार गौरव गुप्ता के पिता राजकुमार गुप्ता थे। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला शांत बैठकर सारी गतिविधियां देखते नजर आए। कुछ विभाग के अधिकारियों की आई पर्चियां विज को थमाते रहे। सम्भवतः यह सत्ता पक्ष का स्ट्रैटजिक प्लान भी हो सकता है। क्योंकि चाचा अभय चौटाला के भतीजे दुष्यंत चौटाला पर तल्ख तेवर रहने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

दरअसल, संबंधित मामला गृह विभाग से कहीं अधिक आबकारी एवं कराधान विभाग का बनता था, बावजूद इसके दुष्यंत द्वारा जवाबदेही देने की बजाय अनिल विज इस पूरा मामले का बोझ अपने कंधों पर लेते दिखे। प्रदेश के गृहमंत्री हमेशा सदन पटल पर विपक्ष के हर सवाल और बात का जवाब आंकड़ों सहित व शायराना अंदाज में देते नजर आते रहे हैं। समय-समय पर उनके शब्दों में पैनी धार भी देखने को मिलती रही है। आज भी गृहमंत्री अनिल विज का कुछ ऐसा ही रूप विधानसभा में सभी ने देखा। उन्होंने शराब के बनने समेत क्यूआर कोड से संबंधित भी पूरी जानकारी सदन पटल पर रखी और बड़ी आसानी से इस मामले को शांत कर करने की रणनीति पर काम किया। मुख्यमंत्री ने विपक्ष के सवालों का जवाब भी दिया और पूरा प्रस्ताव भी पड़ा। हर प्रश्न का उत्तर देते हुए अनिल विज दिखाई दिए। जिस प्रकार से राजनीतिक मंचों पर चाचा अभय चौटाला और भतीजे दुष्यंत चौटाला के तल्ख तेवर और कटाक्ष रूपी बाण देखने को मिलते रहे हैं। इसी प्रकार की स्थिति विधानसभा में भी बन सकती थी, लेकिन आज की पूरी गतिविधि में विज की भूमिका सरकार के लिए खास तौर पर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के लिए बेहद सकारात्मक साबित हुई। विज आज यहां हरियाणा विधानसभा में चल रहे शीतकालीन सत्र में लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का उत्तर दे रहे थे।

शराब तस्करी के मामले में सरकार की कार्रवाई के बारे में क्या बताया विज ने

विज ने बताया कि आबकारी एवं कराधान विभाग ने एसईटी की सिफारिशों पर काम करते हुए व्यवस्थित सुधार के लिए सक्रिय रूप से अनेक गुणात्मक कदम उठाये हैं। विभाग ने अवैध शराब से होने वाले राजस्व नुकसान को रोकने हेतु भी अनेक कदम उठाये हैं। जिसमें डिस्टिलरी और बॉटलिंग संयंत्रों से अवैध शराब की आपूर्ति रोकने हेतु निम्नलिखित कदम उठाये गए है जिसके तहत राज्य के सभी डिस्टिलरी और बॉटलिंग संयंत्रों में अत्याधुनिक सीसीटीवी कैमरे लगाये गए हैं जिनको मुख्यालय स्थित एकीकृत नियंत्रण कक्ष से जोडा गया है। इन कैमरों से लाइव फीड मुख्य कार्यालय के साथ- साथ जिला स्तर पर डीईटीसी को भी उपलब्ध कराई जा रही है। आबकारी नीति 2023-24 के खंड 12.3 के प्रावधानों के अनुसार एल-1 और एल-13 लाइसेंसधारियों के परिसर में भी सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य कर दिए गए हैं। इसके अलावा, शहरी दुकानों के प्रवेश, निकास व बिलिंग काउंटरों और अहातों के प्रवेश और निकास बिंदुओं पर भी सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य कर दिए गए हैं। डिस्टिलरी के साथ-साथ बॉटलिंग प्लांट में भी प्रवाह (फ्लो) मीटर लगाना अनिवार्य कर दिया गया है।

इस संदर्भ में डिस्टिलरी नियमों में भी जरूरी बदलाव किये गए हैं और विभाग द्वारा प्रवाह (फ्लो) मीटरों से संबंधित मानक भी तय कर दिये गए हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं कि स्प्रिट के परिवहन के लिए उपयोग किए जाने वाले वाहन जीपीएस युक्त हों और इन वाहनों में ई-लॉक प्रणाली की भी व्यवस्था हो। यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि स्प्रिट ले जाने वाले ऐसे वाहनों के सभी आउटलेट पर टैम्प्रूफ सील लगाई जाए। इस संबंध में विस्तृत निर्देश जारी कर दिये गये हैं। आबकारी नीति 2023-24 के खंड 12.1 के तहत शराब की बोतल पर हॉलोग्राम लगाना अनिवार्य किया गया है। सभी उत्पादकों के लिए अपने परिसर से अंग्रेजी व देसी शराब आपूर्ति से पूर्व सभी बोतलों पर हॉलोग्राम लगाना अनिवार्य किया गया है। इसके साथ-साथ विभाग ने 12.12.2023 से पायलट आधार पर राज्य के सभी डिस्टिलरी और बॉटलिंग संयंत्रों में क्यू. आर. कोड आधारित ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम शुरू किया है। इस परियोजना का उद्देश्य है कि अति सुरक्षा युक्त हाँलोग्राम लगी अंग्रेजी व देसी शराब आपूर्ति की पूरी कडी की निगरानी की जाये।

उन्होंने बतया कि विभाग द्वारा अवैध शराब की बिक्री को रोकने के लिए नियमित रूप से शराब के ठेको की जाँच की जाती है। राजस्व हानि को रोकने के लिए आबकारी नीति 2023-24 में अवैध शराब की बिक्री से संबंधित कठोर दण्ड का प्रावधान किया गया है। शराब की अवैध विक्री के खिलाफ विभाग द्वारा की गई त्वरित और कड़ी कार्रवाई से शराब लाइसेंसधारियों द्वारा कोटा उठाने में वृद्धि हुई है और इसके परिणामस्वरूप आबकारी शुल्क, अतिरिक्त आबकारी शुल्क व परमिट शुल्क के रूप में सरकार के राजस्व में वृद्धि हुई है। वर्तमान आबकारी नीति वर्ष, 2023-24 में 12.06.2023 से 20.11.2023 की अवधि के लिए आबकारी राजस्व पिछले आबकारी नीति वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 22.70 प्र्रतिशत बढ़ गया है, जो कि विभाग द्वारा आबकारी नीति को सही ढंग से लागू करने का नतीजा है।

इसी प्रकार विज ने बताया कि अवैध शराब की बिक्री को रोकने के लिए अधिकांश शराब के ठेकों पर बिल जारी करने हेतु प्वांइट आफॅ सेल (पीओएस) मशीनें लगाई गई हैं। बाकी बचे ठेकों पर मशीनें न लगाने को लेकर आबकारी नीति के तहत जुर्माना लगाया जा रहा है ताकि वो भी इस प्रावधान का पालन करें। अवैध और नकली शराब को रोकने के लिए हरियाणा आबकारी अधिनियम, 1914 के प्रावधानों में संशोधन किया गया है। धारा 61 के प्रावधानों को और अधिक सख्त बनाया गया है। इसके अलावा, मार्च, 2020 में संशोधन के माध्यम से धारा 72ए पेश की गई, जिसमें हानिकारक दवा या विदेशी घटक वाली शराब के कारण मृत्यु होने पर मृत्युदंड या आजीवन कारावास का प्रावधान है।

इसलिए यह कहना उचित नहीं है कि हाँलोग्राम तथा डिस्टिलरी व ठेकों पर सीसीटीवी कैमरे संबंधी आदर्श प्रणाली (एसओपी) की पालना नहीं हो रही। जैसा की ऊपर वर्णन किया गया है आबकारी नीति, वर्ष 2023-24 में हॉलोग्राम अनिवार्य किया गया है, तथा डिस्टिलरी और बॉटलिंग संयंत्रों में अत्याधुनिक सीसीटीवी कैमरे लगाये गए हैं जिनको मुख्यालय स्थित एकीकृत नियंत्रण कक्ष से जोडा गया है, एल-1 और एल-13 लाइसेंसधारियों के परिसर में भी सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य कर दिए गए हैं। सही मायने में विभाग द्वारा सक्रिय रूप से नये कदम उठाये गए हैं जो कि राज्य के सभी डिस्टिलरी और बॉटलिंग संयंत्रों में क्यू. आर. कोड आधारित ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम लागू करने से साबित होता है।

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