Chandigarh
इंतकाल के ऐवज में 34.7 लाख रुपए की रिश्वत लेने के मामले में आया नया मोड़
पंजाब डैस्कः इंतकाल करने के ऐवज में 34.7 लाख रुपए की रिश्वत लेने के मामले में नया मोड़ आया है। आरोपी पटवारी गुरविंदर सिंह व उसके करिंदे रूपिंदर सिंह उर्फ निक्कू ने अग्रिम जमानत याचिका कोर्ट में दायर की थी, जिसे मानयोग ए.एस.जे. अजीत अत्री की कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने राजस्व हलका पीरूबन्दा, पूर्वी लुधियाना में तैनात राजस्व पटवारी गुरविन्दर सिंह और उसके निजी एजेंट निक्कू के विरुद्ध 34.70 लाख रुपए रिश्वत लेने के लिए भ्रष्टाचार का मुकद्दमा दर्ज किया था। इस केस में पटवारी के भाई और पिता को भी रिश्वत लेने की साजिश रचने के दोष अधीन शामिल किया गया है।
शिकायतकर्ता बब्बू तंवर निवासी कस्बा रामपुराफूल, ज़िला बठिंडा का आरोप था कि उक्त पटवारी और उसके प्राईवेट एजेंट ने आपस में मिलीभुगत करके उसके पिता की लुधियाना के बस स्टैंड के नज़दीक स्थित जायदाद के इंतकाल को मंज़ूरी देने के बदले में अलग-अलग समय पर उससे 34.7 लाख रुपए की रिश्वत ली है। इस संबंधी विजीलैंस ब्यूरो रेंज लुधियाना की टीम की तरफ से आनलाइन शिकायत की पड़ताल की गई जिस दौरान सामने आया कि उक्त पटवारी, उसके एजेंट निक्कू, पिता परमजीत सिंह और उक्त पटवारी के भाई ने रिश्वत ली है।
इस मामले में विजीलैंस ने पटवारी गुरविन्दर सिंह, उसके साथी निक्कू व पटवारी के भाई और पिता को रिश्वत मांगने और लेने और आपसी मिलीभुगत से साजिश रचने में दोषी पाते हुए भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 7 और 7 ए और आई.पी.सी. की धारा 420, 120-बी के अंतर्गत विजीलैंस ब्यूरो के थाना लुधियाना रेंज में मुकद्दमा दर्ज किया था।