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Ludhiana : हत्या के आरोप में 15 लोगों के खिलाफ कोर्ट ने सुनाई यह सख्त सजा

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लुधियाना  : हत्या के आरोप में आज अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरबंस सिंह लेखी की अदालत ने इंद्रजीत सिंह उर्फ ​​भाऊ उर्फ ​​विक्की निवासी साहिबजादा फतेह सिंह नगर, मनु गर्ग उर्फ ​​मनु निवासी कोट मंगल सिंह, दलविन्द्र सिंह उर्फ ​​जेटी,विशाल शर्मा,दीपक राणा निवासी न्यू गुरु अंगद देव नगर, गुरमीत सिंह उर्फ चीमा निवासी हरचरण नगर, अशोक कुमार उर्फ ​​अशोक निवासी गुरु अंगद देव कॉलोनी, दलवीर सिंह उर्फ़ काका निवासी गांव लोहारा,अकाशदीप सिंह उर्फ हैरी, रणबीर सिंह  निवासी कोट मंगल सिंह, रजिंदर सिंह उर्फ काका निवासी न्यू अमन नगर, वारिंद्र कुमार उर्फ बंटी निवासी कबीर नगर सहित कुल 15 आरोपियों को आजीवन कारावास और 20-20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।

अदालत ने सभी आरोपियों को आईपीसी की धारा 307 के तहत दस-दस साल के कठोर कारावास, आईपीसी की धारा 452 के तहत पांच साल कैद, आईपीसी की धारा 506 के तहत तीन साल कैद, आईपीसी की धारा 324 के तहत दो साल कैद और धारा 323 के तहत एक साल कैद की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि 4 अक्टूबर 2017 को उपरोक्त आरोपियों के खिलाफ धारा 307, 452, 326, 506, 148 और 149 आईपीसी के तहत पुलिस स्टेशन डाबा में मामला दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता परमिंदर सिंह के अनुसार वह गुरपाल नगर स्थित अपनी फैक्ट्री में रह रहा था। 3 अक्टूबर 2017 को रात करीब 10 बजे वह और उसका बड़ा भाई गुरचरण सिंह उर्फ ​​चरना और छोटा भाई गुरपाल सिंह उर्फ ​​जीती, बिट्टू कुमार, हरप्रीत सिंह उर्फ ​​अंबा और कमलजीत सिंह अपनी फैक्ट्री में मौजूद थे। उस समय अशोक कुमार निवासी न्यू जनता नगर, चीना निवासी क्वालिटी चौक, सैंटी निवासी मगहर दी चक्की, मंगल सिंह निवासी काका, कोट मंगल सिंह, बंटी बाजवा महताब बंटी निवासी गांव लोहारा, लक्खा निवासी गांव डाबा, रवि कुमार और काला निवासी कोट मंगल सिंह, भाऊ, समीर और 30/40 अज्ञात व्यक्ति जिनके पास धारदार हथियार थे, जबरदस्ती उनकी फैक्ट्री में घुस गए। आरोपी अशोक कुमार ने चुनौती देते हुए कहा कि आज वे सभी एक साथ फैक्ट्री में आये थे। उन्होंने हरप्रीत सिंह पर किरपान से वार किया। आरोपी सैंटी ने उनके भाई गुरपाल सिंह पर हाथ में लिए डंडे से मारा और दूसरे आरोपी काके ने रॉड से मारा, जबकि बंटी बाजवा, महताब बंटी और लक्खा और भाऊ, रवि कुमार और राणा ने भी उन पर हमला कर दिया। अशोक कुमार ने फैक्ट्री में पड़े हथौड़े से उनके भाई गुरपाल सिंह के सिर व गर्दन पर हमला किया, जिससे वह बेहोश हो गया था। बाकी 30/40 लोगों ने पूरी फैक्ट्री में तोड़फोड़ की। पीड़ितों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया और आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। बाद में आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 और 201 के तहत अपराध में संशोधन किया गया। पुलिस ने उक्त आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। सुनवाई के दौरान अदालत में आरोपियों ने कहा कि वे निर्दोष हैं और उन्हें झूठा फंसाया गया है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद अदालत ने आरोपी को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

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