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Uttar Pradesh

13 January से महाकुंभ का शुभारंभ, भव्य और डिजिटल आयोजन की तैयारियां पूरी

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उत्तर प्रदेश में महाकुंभ 2025 का शुभारंभ 13 Januray से होने जा रहा है। इसे लेकर प्रशासन ने व्यापक तैयारियां पूरी कर ली हैं। श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद महाकुंभ की तैयारियों की निगरानी कर रहे हैं।

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40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना

सीएम योगी ने कहा कि इस महाकुंभ में 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, जिससे प्रदेश में दो लाख करोड़ रुपये तक की आर्थिक वृद्धि होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अपनी प्राचीन विरासत पर गर्व कर रहा है।

योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ को “भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर” का प्रतीक बताते हुए कहा,
“यह आयोजन हमारी प्राचीन परंपराओं और सांस्कृतिक जड़ों को समझने का अवसर है।”
उन्होंने इसे आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया।

भव्य, दिव्य और डिजिटल महाकुंभ

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार का महाकुंभ भव्य, दिव्य और डिजिटल होगा।

श्रद्धालुओं के लिए डिजिटल टूरिस्ट मैप और एआई-आधारित सुरक्षा तंत्र की व्यवस्था की गई है।

स्मार्टफोन के जरिए शौचालयों की स्वच्छता आकलन की सुविधा उपलब्ध होगी।

गंगा और यमुना नदियों में गंदगी रोकने के लिए अत्याधुनिक एसटीपी और बायो-रिमिडिएशन तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है।

1.5 लाख से अधिक स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल शौचालय बनाए गए हैं।

आयोजन से आर्थिक और सांस्कृतिक लाभ

सीएम योगी ने कहा कि महाकुंभ में श्रद्धालुओं के आने से स्थानीय व्यवसाय और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।

उन्होंने काशी और अयोध्या का उदाहरण देते हुए बताया कि 2024 में काशी में 16 करोड़ से अधिक और अयोध्या में जनवरी से सितंबर तक 13 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंचे।

आयोजन में पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी जा रही है।

विपक्ष पर सीएम का तीखा प्रहार

सीएम योगी ने महाकुंभ को लेकर विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा,
“ये वे लोग हैं जो अपनी विरासत को भारत की विरासत से जोड़ने की बजाय विदेशी आक्रांताओं की विरासत पर गर्व महसूस करते हैं।”
उन्होंने कहा कि सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि गंगा और यमुना नदियां स्वच्छ और पवित्र बनी रहें।

महाकुंभ 2025 केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, आस्था और पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने सभी श्रद्धालुओं से इस आयोजन में भाग लेकर इसे यादगार बनाने की अपील की है।

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