Uttar Pradesh
Gorakhpur जेल में बंद पाकिस्तानी मोहम्मद मसरूफ को रिहा करने का आदेश
Gorakhpur जेल में पिछले 15 साल से बंद पाकिस्तानी नागरिक मोहम्मद मसरूफ को आखिरकार रिहा करने का आदेश जारी कर दिया गया है। मसरूफ को बहराइच की अदालत ने 15 साल पहले उम्रकैद की सजा सुनाई थी, लेकिन जांच के दौरान साक्ष्य न मिलने के कारण उसे जासूसी के आरोपों से बरी कर दिया गया। सिर्फ बगैर पासपोर्ट और वीजा के भारत में प्रवेश करने का आरोप था, जिसकी सजा वह पहले ही काट चुका है।
पाकिस्तानी नागरिक मसरूफ की गिरफ्तारी और सजा
मोहम्मद मसरूफ, जो पाकिस्तान के कराची शहर का रहने वाला है, को वर्ष 2008 में बहराइच के नेपाल बॉर्डर रुपईडीहा से गिरफ्तार किया गया था। उस पर जासूसी और बिना पासपोर्ट-वीजा के भारत में प्रवेश करने के आरोप लगे थे। वर्ष 2013 में बहराइच की अदालत ने उसे जासूसी के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
जासूसी के आरोप से बरी किया गया
लेकिन जब मामला हाई कोर्ट में पहुंचा, तो जांच के दौरान यह साबित हुआ कि मसरूफ जासूसी में लिप्त नहीं था और इस संबंध में कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिले थे। इसी आधार पर उसे जासूसी के आरोप से बरी कर दिया गया। हालांकि, फर्जी पासपोर्ट और वीजा के आधार पर भारतीय सीमा में प्रवेश करने के मामले में उसने अपनी सजा काटी।
15 साल जेल में बिताए
मोहम्मद मसरूफ ने कुल 15 साल भारतीय जेलों में बिताए। शुरू में उसे बहराइच जेल में रखा गया था, बाद में उसे बनारस और फिर गोरखपुर की जेल में भेजा गया। गोरखपुर जेल अधीक्षक ने बताया कि केंद्र सरकार से आदेश मिलने के बाद मसरूफ को 7 फरवरी को रिहा किया जाएगा।
रिहाई की प्रक्रिया
पिछले वर्ष 2023-24 में भी मसरूफ की रिहाई के लिए एक एडवाइजरी जारी की गई थी, लेकिन तकनीकी कारणों से उसे रिहा नहीं किया जा सका। अब विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय से आवश्यक अनुमतियां प्राप्त हो चुकी हैं। मसरूफ को अब बहराइच भेजा जाएगा, जहां से उसे दिल्ली और फिर अटारी बॉर्डर से पाकिस्तान भेज दिया जाएगा।
यह मामला एक लंबे समय बाद अपने निष्कर्ष पर पहुंचा है, और अब मोहम्मद मसरूफ की रिहाई की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।