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Chandigarh

Sikh History से जुड़े Centenary Celebrations Politics से ऊपर – Speaker Kultar SandhwanGuru Tegh Bahadur Ji की 350वीं Martyrdom Anniversary और Amritsar के 450वें स्थापना दिवस को लेकर दि बड़ी Statement

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पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने शताब्दी समारोहों को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस और अमृतसर के 450वें स्थापना दिवस को लेकर जो आयोजन हो रहे हैं, वे किसी पार्टी या सरकार के नहीं, बल्कि पूरे सिख पंथ और मानवता के लिए हैं। उन्होंने SGPC (शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी से अपील की है कि इन समारोहों को राजनीतिक नजरिए से न देखें।

यह कार्यक्रम किसी पार्टी का नहीं, गुरु साहिब की विरासत का सम्मान है”

लुधियाना में प्रेस से बात करते हुए संधवां ने कहा,

यह कोई पार्टी कार्यक्रम नहीं है, बल्कि गुरु साहिब की शहादत और सिख धर्म के इतिहास को पूरी दुनिया तक पहुंचाने का प्रयास है।

उन्होंने SGPC प्रमुख धामी को याद दिलाया कि वे किसी राजनीतिक पार्टी के नेता नहीं, बल्कि सिख धर्म की प्रतिनिधि संस्था के अध्यक्ष हैं, इसलिए उनका आचरण उस गरिमा के अनुरूप होना चाहिए।

पूरी दुनिया को बताएं सिख धर्म का संदेश

संधवां ने कहा कि सिख धर्म बलिदान, सेवा और मानवता की भलाई का प्रतीक है। इसलिए पंजाब सरकार चाहती है कि गुरु तेग बहादुर जी की शहादत और अमृतसर की ऐतिहासिकता को लेकर वैश्विक स्तर पर ऐसे कार्यक्रम किए जाएं, जिससे सिख धर्म के मूल्यों और शिक्षाओं का प्रचार हो।

उन्होंने कहा कि हरमंदिर साहिब और अमृतसर शहर सिर्फ सिखों के नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए शांति और भाईचारे का प्रतीक हैं, जहां हर धर्म के लोगों का स्वागत होता है।

पिछली सरकारों ने भी उठाए थे ऐसे कदम

धामी की आलोचना पर जवाब देते हुए संधवां ने कहा कि गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व और गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें जन्मदिवस पर भी पहले की सरकारों ने ऐसे आयोजन किए थे, तब किसी ने राजनीति नहीं की थी।

धामी सुझाव दें, आपत्तियां नहीं

संधवां ने SGPC अध्यक्ष को कहा कि अगर उन्हें कोई आपत्ति है तो वे सकारात्मक सुझाव दें, ताकि समारोह और भी बेहतर और प्रभावशाली बनाए जा सकें। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार ने पहले ही SGPC समेत तमाम संगतों से राय और सुझाव मांगे हैं, ताकि आयोजन में हर किसी की भागीदारी हो

यह सिख पंथ का सम्मान करने का समय है”

आखिर में सिख संगत को संबोधित करते हुए संधवां ने कहा कि यह समय एकजुटता और सिख परंपरा को आगे बढ़ाने का है, न कि आपसी मतभेद फैलाने का। उन्होंने कहा,

आइए मिलकर ऐसे प्रयास करें जिससे शताब्दी समारोह यादगार बनें और सिख धर्म का सार्वभौमिक संदेश पूरी दुनिया में फैले।


स्पीकर संधवां का यह बयान साफ संकेत देता है कि पंजाब सरकार गुरु तेग बहादुर जी और अमृतसर शहर की ऐतिहासिक विरासत को वैश्विक स्तर पर उजागर करना चाहती है, और इसके लिए हर पक्ष का सहयोग ज़रूरी है। धार्मिक आयोजनों को राजनीति से दूर रखकर उन्हें एकजुटता और सम्मान के साथ मनाना समय की ज़रूरत है।

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