Connect with us

Uttar Pradesh

Gorakhpur में Chhath Ghat पर बेदी बनाने को लेकर बवाल, MP Ravi Kishan ने यात्रियों से पूछा- “कइसन बा व्यवस्था?”

Published

on

गोरखपुर में लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा के मौके पर एक तरफ श्रद्धा और भक्ति का माहौल दिखा, तो वहीं दूसरी तरफ छठ घाट पर विवाद ने माहौल बिगाड़ दिया।

रविवार को रोहिन नदी के किनारे स्थित मछलीगांव बड़हरा लाल घाट पर छठ बेदी बनाने को लेकर दो पक्षों में झड़प हो गई। मामला कैंपियरगंज थाना क्षेत्र का है। बताया जा रहा है कि मंगरहिया और नरायनपुर गांव के लोग घाट पर बेदी (पूजा के लिए मिट्टी की वेदी) बना रहे थे। किसी बात को लेकर कहासुनी इतनी बढ़ गई कि दोनों पक्षों के बीच लात-घूंसे चलने लगे। झड़प का वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया है। हालांकि, मौके पर मौजूद लोगों ने बीच-बचाव कर मामला शांत कराया।

रवि किशन ने यात्रियों से मुलाकात की

छठ पर्व पर घर लौट रहे यात्रियों की सुविधाओं का जायजा लेने गोरखपुर सांसद रवि किशन शुक्ला रविवार को गोरखपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन पहुंचे।
उन्होंने स्टेशन परिसर और पैसेंजर होल्डिंग एरिया का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने यात्रियों से बातचीत भी की।

जब रवि किशन ने मुस्कराते हुए पूछा, “कइसन बा व्यवस्था?” तो एक यात्री ने जवाब दिया, “एक नंबर!
यह सुनकर स्टेशन पर मौजूद लोग भी मुस्कराने लगे। सांसद ने कहा कि छठ पर्व पर यात्रियों को किसी तरह की दिक्कत नहीं होनी चाहिए और सभी विभाग पूरी तरह से अलर्ट हैं।

आज संध्या अर्घ्य का दिन

चार दिन चलने वाले छठ पर्व का तीसरा दिन सबसे अहम होता है। इसे संध्या घाट पूजा या संध्या अर्घ्य कहा जाता है।
इस दिन व्रती महिलाएं शाम के समय अस्ताचलगामी सूर्य यानी ढलते सूरज को अर्घ्य देती हैं।

गोरखपुर में सूर्यास्त का समय लगभग शाम 5 बजकर 40 मिनट रहेगा। हालांकि, हर शहर में सूर्यास्त का समय थोड़ा अलग होता है, इसलिए श्रद्धालु अपने-अपने इलाके के मुताबिक तैयारी कर रहे हैं।
पूजा के लिए घाटों को साफ-सुथरा किया जा रहा है और लोग प्रसाद के साथ सूप सजाकर तैयार हैं।

छठ पर्व क्यों है खास

छठ पर्व की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसमें ना कोई पंडित होता है, ना कोई मंत्रोच्चार।
यह पर्व समानता और शुद्धता का प्रतीक है। गरीब हो या अमीर, अगड़ा हो या पिछड़ा — सभी एक ही घाट पर एक साथ सूर्यदेव को अर्घ्य देते हैं।

हर कोई अपने स्तर पर सहयोग करता है —
कोई घाट की सफाई करता है, कोई सजावट, कोई रंगाई-पुताई
प्रसाद में ठेकुआ, चावल के लड्डू, केला, सिंघाड़ा, नाशपाती, शकरकंद, अदरक, मूली, नींबू, शरीफा जैसे मौसमी फल शामिल होते हैं।
इन चीज़ों को बिना भेदभाव के साझा किया जाता है — यही इसकी खूबसूरती है।

छठ पूजा की कहानी और धार्मिक महत्व

स्कंद पुराण के मुताबिक, राजा प्रियव्रत (मनु के पुत्र) को संतान नहीं थी। उन्होंने महर्षि कश्यप से संतान प्राप्ति का वरदान मांगा।
ऋषि के यज्ञ से उन्हें पुत्र तो हुआ, लेकिन वह मृत पैदा हुआ। दुखी राजा-रानी आत्महत्या करने की सोचने लगे, तभी एक देवी प्रकट हुईं।

देवी ने कहा – “मैं षष्ठी देवी, उषा की ज्येष्ठा बहन हूं। बच्चों की रक्षा मेरी जिम्मेदारी है। अगर तुम मेरी विधि से पूजा करोगे तो तुम्हें संतान सुख मिलेगा।”
राजा-रानी ने देवी की पूजा की और उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। तभी से षष्ठी देवी की पूजा, यानी छठ पूजा की परंपरा शुरू हुई।

ऋग्वेद में भी सूर्य और उसकी किरणों की उपासना से शरीर और मन की शुद्धि का वर्णन मिलता है।
आज भी व्रती महिलाएं बिना बोले, बिना दिखावे के, पूरे नियम और संयम से इस व्रत को निभाती हैं।

छठ पर्व के चार दिन

  1. पहला दिन नहाय-खाय: घर की सफाई, स्नान और शुद्ध शाकाहारी भोजन से व्रत की शुरुआत।
  2. दूसरा दिन खरना: दिनभर उपवास, शाम को गुड़-चावल की खीर और रोटी का प्रसाद ग्रहण।
  3. तीसरा दिन संध्या अर्घ्य: डूबते सूरज को अर्घ्य देकर सूर्यदेव की आराधना।
  4. चौथा दिन उषा अर्घ्य: अगली सुबह उगते सूरज को अर्घ्य देकर व्रत का समापन।

यूनेस्को में छठ को शामिल कराने की पहल

मोदी सरकार ने छठ पूजा को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर सूची (UNESCO Intangible Cultural Heritage List) में शामिल कराने की प्रक्रिया शुरू की है, ताकि दुनिया भर में इस लोक आस्था के पर्व की पहचान बन सके।

गोरखपुर समेत पूरे पूर्वांचल में आज आस्था और भक्ति का माहौल है।
एक ओर श्रद्धालु ढलते सूर्य को अर्घ्य देने की तैयारी में जुटे हैं, तो दूसरी ओर प्रशासन ने घाटों पर सुरक्षा और व्यवस्था के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं।
हल्की झड़प की खबर जरूर आई, लेकिन लोगों की आस्था और भाईचारे के आगे वो मामूली साबित हुई।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement
Punjab9 hours ago

जनता के पैसे से लंदन-कनाडा-दुबई टूर करते थे सुखबीर और कैप्टन, दूसरी और CM मान लेकर आ रहे हैं जापान से रोजगार!

Punjab12 hours ago

Congress की सिख-विरोधी मानसिकता फिर हुई बेनकाब: ‘आप’ ने हरक सिंह रावत को पार्टी से तुरंत निकालने की मांग की

Punjab12 hours ago

सांसद मलविंदर कंग का कांग्रेस पर हमला, कहा- हरक सिंह रावत की ’12 बजे’ वाली टिप्पणी कांग्रेस की सिख विरोधी मानसिकता को दर्शाती है

Punjab12 hours ago

मान सरकार के नेतृत्व में पंजाब बना देश का करियर लीडर, जहां 5,000 से ज़्यादा शिक्षकों को सीधे IIT मद्रास सिखाएगा टॉप 100 हाई-डिमांड जॉब्स।

Punjab12 hours ago

पंजाब सरकार का बड़ा कदम, 2026 तक बेटियों का लिंग अनुपात बढ़ाने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का लक्ष्य