Uttar Pradesh
Uttar Pradesh: मुफ्त राशन लेते हो और उनको ही वोट नहीं देता, BJP सरकार को वोट न डालने पर चौकीदार की जमकर की पिटाई
Uttar Pradesh के बरेली जिले में एक चौंकाने वाली वीडियो सामने आई है, जहां दो होम गार्डों ने मिलकर एक चौकीदार को जमकर पिट रहे है | जानकरी के मुताबिक चौकीदार का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने BJP को वोट नहीं दिया| मुफ्त राशन लेने के बाद भी जब चौकीदार ने वोट नहीं दिया तो होम गार्ड के जवानों ने उसकी बुरी तरह पिटाई कर दी| एसडीएम कार्यालय परिसर में दो होमगार्डों ने एक चौकीदार को लात-घूसों और रायफल की बटों से बहुत ही भूरी तरह से पीटा।
पिटाई का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है| चौकीदार वरिंदर की शिकायत पर दोनों होम गार्ड राम पाल और वीर बहादुर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। दोनों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है|
तो वहीं इस घटना को लेकर प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट किया है| उन्होंने ट्वीट कर लिखा की , ‘लोगों को राशन मिलता है क्योंकि इस देश के प्रत्येक नागरिक को भोजन का अधिकार है। किसानों द्वारा उपजाए गए अनाज और वितरण पर खर्च होने वाला पैसा जनता का है, क्या भाजपा सरकार अपना थोड़ा सा पैसा खर्च कर जनता को बंधक बनाना चाहती है? इन पुलिसकर्मियों को हमारे दलित भाइयों के साथ बीजेपी के गुंडों जैसा व्यवहार करने की हिम्मत कहां से मिली| ‘
आपको बता दें कि ये पूरा मामला बरेली के नवाबगंज नगर के गांव बहोरनगला का है| यहां रहने वाले वरिंदर कुमार नवाबगंज थाने में चौकीदार के पद पर तैनात हैं। चौकीदार ने बताया कि कार्यालय में तैनात होम गार्ड ने उसे देखकर कमेंट करना शुरू कर दिया| इसी बीच होमगार्ड ने चौकीदार से कहा कि उसे सरकार से मुफ्त राशन मिलता है और वह वोट भी नहीं देता और फिर वह गालियां भी देने लगा |
चौकीदार ने विरोध किया तो होम गार्ड ने उसे जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद विवाद बढ़ गया| देखते ही देखते झगड़ा मारपीट में बदल गया और पास खड़े दूसरे होमगार्ड ने भी चौकीदार को पीटना शुरू कर दिया। दोनों होमगार्डों ने चौकीदार को तहसील परिसर के बाहर जमीन पर गिरा दिया और लात-घूंसों व रायफल की बटों से पीट पीट कर घायल कर दिया। इस बीच वहां भारी भीड़ जमा हो गयी| लेकिन कोई भी व्यक्ति उसे बचाने नहीं आया | अब ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है |
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Bihar के हत्या आरोपी, साधु के भेष में लूट करते गोरखपुर में गिरफ्तार
Bihar में हत्या के आरोपी, साधु के भेष में गोरखपुर में लूट की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे। तारामंडल के यशोधरा कुंज इलाके में एक महिला से लूट करने के बाद रामगढ़ताल पुलिस ने चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। इनकी पहचान बिहार के जहानाबाद जिले के काको थाना क्षेत्र के हाजीपुर नदियावा निवासी पारस नट उर्फ लाठौर, गेंहरी नट, मारकण्डेय नट और परमिला उर्फ संतरा के रूप में हुई है। परमिला जोगी उर्फ योगी नट की पत्नी है, जबकि जोगी और पारस नट अगस्त में बिहार में हत्या करने के बाद फरार हो गए थे। पुलिस अब जोगी की तलाश में जुटी है।
लूट की घटना का तरीका
19 नवंबर को यशोधरा कुंज की निवासी साधना सिंह ने रामगढ़ताल थाने में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि सुबह करीब 10 बजे, दो अज्ञात व्यक्ति उनके कमरे के सामने भीख मांगने के लिए आए। ये दोनों साधु के भेष में थे और कामाख्या देवी के नाम पर कुछ चावल देने के बहाने उनके गहनों को चुराने का प्रयास कर रहे थे। आरोपितों ने चावल के साथ उनका मंगलसूत्र, कान की बालियां और अंगूठी रखवा दी और दावा किया कि इससे उनके धन में वृद्धि होगी।
कुछ देर बाद जब महिला ने चावल के साथ रखी पोटली खोली, तो उसमें मिट्टी जैसा पदार्थ निकला। शोर मचाने पर वही गिरिजा देवी नाम की महिला भी वहां आईं और बताया कि उनके साथ भी यही घटना घटी थी।
पुलिस की कार्रवाई
शिकायत मिलने के बाद रामगढ़ताल पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि ये आरोपी साधु के भेष में घूमते थे और महिलाओं को झांसा देकर उनके गहनों को चुराते थे। गिरफ्तार आरोपितों से पुलिस ने दो मंगलसूत्र, एक जोड़ी कान की बालियां, 27 ताबीज, 14 पीली धातु, चार अंगूठियां और 40 सफेद धातु की अंगूठियां बरामद की हैं।
पुलिस ने आरोपितों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है, जबकि फरार आरोपित जोगी उर्फ योगी नट की गिरफ्तारी के लिए एक टीम उसकी तलाश कर रही है।
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सपा अध्यक्ष Akhilesh Yadav ने गोरखपुर नगर निगम में आउटसोर्सिंग भर्तियों पर सरकार पर साधा निशाना
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष Akhilesh Yadav ने गोरखपुर नगर निगम में तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक और लेखपाल जैसे महत्वपूर्ण पदों पर आउटसोर्सिंग के जरिए हो रही भर्तियों पर सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने इस मामले में व्यंग्य करते हुए कहा कि भाजपा को अपनी पूरी सरकार को आउटसोर्स कर देना चाहिए, ताकि सभी कमीशन एक ही जगह से और एक साथ मिल सके।
गोरखपुर नगर निगम ने 18 नवंबर को एक विज्ञापन जारी किया था, जिसमें इन महत्वपूर्ण पदों के लिए आउटसोर्सिंग के माध्यम से आवेदन मांगे गए थे। इन पदों के लिए 7 दिसंबर तक आवेदन की अंतिम तिथि रखी गई है। तहसीलदार को 35 हजार रुपये, नायब तहसीलदार को 30 हजार रुपये, राजस्व निरीक्षक को 29 हजार रुपये और लेखपाल को 27 हजार रुपये मानदेय देने की बात कही गई है। नगर निगम का कहना है कि कार्यभार अधिक होने के कारण सेवानिवृत्त अधिकारियों और कर्मचारियों को इन पदों पर नियुक्त किया जाएगा।
अखिलेश यादव ने इस निर्णय का विरोध करते हुए इसे पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समुदाय के खिलाफ एक आर्थिक साजिश करार दिया। उन्होंने भाजपा से इस प्रस्ताव को तत्काल वापस लेने की मांग की और कहा कि सरकार का यह कदम नौकरी और आरक्षण के संवैधानिक अधिकार को छीनने जैसा है। उन्होंने इसे निंदनीय बताया और कहा कि इस तरह की नौकरियों का विरोध उन्होंने पहले भी किया था।
इसके अलावा, अखिलेश यादव ने गुरुवार को उपचुनावों के परिणामों के बाद प्रदेशवासियों के नाम एक चिट्ठी लिखी। उन्होंने प्रशासनिक दबाव के बावजूद मतदान के दौरान प्रदेश की जनता का हौसला बनाए रखने के लिए सभी का धन्यवाद किया। अखिलेश ने कहा कि नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भाजपा के खिलाफ पीडीए की एकजुटता, सम्मान और अधिकारों के लिए थे। उन्होंने दावा किया कि भाजपा की तमाम कोशिशों के बावजूद पीडीए ने नैतिक रूप से सभी नौ सीटों पर जीत हासिल की है।
अखिलेश यादव ने प्रदेशवासियों से आग्रह किया कि वे अपने वोट की रक्षा करें और जीत का प्रमाणपत्र लेकर जनसेवा में जुट जाएं। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं, उम्मीदवारों और पत्रकारों को भी शुभकामनाएं दी।
Uttar Pradesh
यूपी उपचुनाव: Ghaziabad में वोटिंग में सबसे कम दिलचस्पी, सिर्फ 33.3% मतदान
उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के लिए बुधवार को मतदान संपन्न हो गया। चुनाव आयोग के अनुसार, इन चुनावों में औसत मतदान 49.3% दर्ज किया गया। हालांकि, Ghaziabad विधानसभा सीट पर सबसे कम वोटिंग रही, जहां मात्र 33.3% लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।
Ghaziabad में सबसे कम वोटिंग
Ghaziabad में बुधवार को 507 बूथों पर मतदान हुआ। छुट्टी के बावजूद, इस सीट पर मतदाताओं ने वोटिंग में खास रुचि नहीं दिखाई। 2022 के विधानसभा चुनावों में यहां 51.78% और 2017 में 53.27% मतदान हुआ था। लेकिन इस बार, केवल एक-तिहाई मतदाता ही घरों से बाहर निकले।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, गाजियाबाद का यह प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा, खासकर जब इसे मुरादाबाद की कुंदरकी सीट से तुलना की जाए, जहां 57.32% मतदान हुआ।
अन्य सीटों पर वोटिंग का हाल
अन्य सीटों पर मतदान प्रतिशत बेहतर रहा।
सीसामऊ: 49.03%
मझावां: 50.41%
मीरापुर: 57.02%
खैर: 46.35%
फूलपुर: 43.43%
करहल: 53.92%
कटेहरी: 56.69%
Ghaziabad सीट का राजनीतिक परिदृश्य
यह सीट भाजपा का गढ़ मानी जाती है। 2022 में, भाजपा के अतुल गर्ग ने यहां जीत दर्ज की थी। उनके सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई, जिसके चलते उपचुनाव कराए गए। भाजपा ने इस बार संजीव शर्मा को उम्मीदवार बनाया है। उनके खिलाफ सपा ने सिंहराज जाटव और बसपा ने पीएन गर्ग को मैदान में उतारा है।
कम वोटिंग का कारण
विशेषज्ञों का मानना है कि उपचुनाव में आमतौर पर मतदान कम होता है। गाजियाबाद में इसका प्रभाव और ज्यादा दिखा क्योंकि यह क्षेत्र कामकाजी लोगों का है। यहां के अधिकांश मतदाता छुट्टी के दिन भी मतदान के बजाय आराम करना या दिन को मनोरंजन के तौर पर बिताना पसंद करते हैं।
नतीजों का इंतजार
गाजियाबाद समेत नौ सीटों के नतीजे 23 नवंबर को घोषित होंगे। देखना दिलचस्प होगा कि इस कम मतदान का असर चुनाव परिणामों पर कितना पड़ता है।
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