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Uttar Pradesh

यूपी: Basti पुलिस ने बेगुनाह को बिना मुकदमे जेल भेजा, अब न्याय की गुहार

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यूपी पुलिस की कार्रवाई के चर्चे अक्सर सुर्खियों में रहते हैं, लेकिन इस बार Basti जिले की पुलिस ने एक ऐसी गलती कर दी, जिसने सवाल खड़े कर दिए हैं। बस्ती के कलवारी थाना पुलिस ने 1994 के एक मुकदमे में कोर्ट से आए वारंट के आधार पर जय प्रकाश मिश्रा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। लेकिन जब पीड़ित जमानत पर जेल से बाहर आए, तो खुलासा हुआ कि जिस मामले में उन्हें जेल भेजा गया था, उस केस से उनका कोई लेना-देना ही नहीं है।

गलत नाम पर जेल, बेगुनाह जय प्रकाश की मुश्किलें
जय प्रकाश मिश्रा को 1994 के एक मामले में कोर्ट के वारंट के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने रजिस्टर से कोई मिलान किए बिना उन्हें गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया और जेल भेज दिया। सात दिन बाद जब जय प्रकाश मिश्रा जेल से बाहर आए, तो उन्होंने मामले की जानकारी जुटाई। कोर्ट से पूछने पर पता चला कि जिस केस में उन्हें गिरफ्तार किया गया, ऐसा कोई मुकदमा उनके नाम पर दर्ज ही नहीं है।

पुलिस और कोर्ट के बीच संवादहीनता का मामला
जय प्रकाश मिश्रा ने बताया कि वे अपनी बेगुनाही की बात पुलिस को लगातार बताते रहे, लेकिन उनकी बात किसी ने नहीं सुनी। कोर्ट के आदेश पर जब थाने से रिपोर्ट मंगाई गई, तो थाने के दरोगा ने स्वीकार किया कि जय प्रकाश के खिलाफ ऐसा कोई मामला दर्ज नहीं है।

पुलिस अधिकारियों का अस्पष्ट जवाब
कलवारी थाना प्रभारी और डीएसपी प्रदीप त्रिपाठी से बात करने पर उन्होंने बताया कि कोर्ट से आए समन के आधार पर कार्रवाई की गई थी। जय प्रकाश का दावा है कि उन्हें धोखाधड़ी और हेराफेरी की धाराओं में जेल भेजा गया, जबकि पुलिस का कहना है कि उन्हें मारपीट और गाली-गलौज की मामूली धाराओं में जेल भेजा गया था। हालांकि, बड़ा सवाल यह है कि जब 1994 में जय प्रकाश के नाम पर कोई मुकदमा दर्ज ही नहीं था, तो आखिर उन्हें किस धारा में जेल भेजा गया?

न्याय की तलाश में पीड़ित
जय प्रकाश मिश्रा अब अपनी बेगुनाही साबित करने और न्याय पाने के लिए अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं। इस चूक ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़ित का कहना है कि बिना किसी जुर्म के उन्हें जेल भेजना न केवल उनके अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि पुलिस की लापरवाही का स्पष्ट उदाहरण भी है।

इस घटना ने न केवल पीड़ित को मानसिक और सामाजिक परेशानियां दी हैं, बल्कि यूपी पुलिस की कार्यप्रणाली और जवाबदेही पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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यूपी उपचुनाव: Ghaziabad में वोटिंग में सबसे कम दिलचस्पी, सिर्फ 33.3% मतदान

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उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के लिए बुधवार को मतदान संपन्न हो गया। चुनाव आयोग के अनुसार, इन चुनावों में औसत मतदान 49.3% दर्ज किया गया। हालांकि, Ghaziabad विधानसभा सीट पर सबसे कम वोटिंग रही, जहां मात्र 33.3% लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।

Ghaziabad में सबसे कम वोटिंग

Ghaziabad में बुधवार को 507 बूथों पर मतदान हुआ। छुट्टी के बावजूद, इस सीट पर मतदाताओं ने वोटिंग में खास रुचि नहीं दिखाई। 2022 के विधानसभा चुनावों में यहां 51.78% और 2017 में 53.27% मतदान हुआ था। लेकिन इस बार, केवल एक-तिहाई मतदाता ही घरों से बाहर निकले।

चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, गाजियाबाद का यह प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा, खासकर जब इसे मुरादाबाद की कुंदरकी सीट से तुलना की जाए, जहां 57.32% मतदान हुआ।

अन्य सीटों पर वोटिंग का हाल

अन्य सीटों पर मतदान प्रतिशत बेहतर रहा।

सीसामऊ: 49.03%

मझावां: 50.41%

मीरापुर: 57.02%

खैर: 46.35%

फूलपुर: 43.43%

करहल: 53.92%

कटेहरी: 56.69%

Ghaziabad सीट का राजनीतिक परिदृश्य

यह सीट भाजपा का गढ़ मानी जाती है। 2022 में, भाजपा के अतुल गर्ग ने यहां जीत दर्ज की थी। उनके सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई, जिसके चलते उपचुनाव कराए गए। भाजपा ने इस बार संजीव शर्मा को उम्मीदवार बनाया है। उनके खिलाफ सपा ने सिंहराज जाटव और बसपा ने पीएन गर्ग को मैदान में उतारा है।

कम वोटिंग का कारण

विशेषज्ञों का मानना है कि उपचुनाव में आमतौर पर मतदान कम होता है। गाजियाबाद में इसका प्रभाव और ज्यादा दिखा क्योंकि यह क्षेत्र कामकाजी लोगों का है। यहां के अधिकांश मतदाता छुट्टी के दिन भी मतदान के बजाय आराम करना या दिन को मनोरंजन के तौर पर बिताना पसंद करते हैं।

नतीजों का इंतजार

गाजियाबाद समेत नौ सीटों के नतीजे 23 नवंबर को घोषित होंगे। देखना दिलचस्प होगा कि इस कम मतदान का असर चुनाव परिणामों पर कितना पड़ता है।

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इस शख्श को Vande Bharat में बैठाना पड़ा महंगा, 2870 रुपये का जुर्माना भरना पड़ा

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उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक पिता को अपने बेटे को Vande Bharat ट्रेन में बैठाने के कारण भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर ट्रेन के दरवाजे बंद हो गए, जिससे पिता को दिल्ली तक का सफर करना पड़ा और 2870 रुपये का जुर्माना भी भरना पड़ा। इस घटना के बाद रेलवे ने वंदे भारत ट्रेन के दरवाजों को लेकर नई एडवाइजरी जारी की है।

कानपुर निवासी रामविलास यादव अपने बेटे को वंदे भारत एक्सप्रेस में बैठाने के लिए कानपुर सेंट्रल स्टेशन पहुंचे। प्लेटफॉर्म नंबर एक पर वाराणसी-नई दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस के कोच नंबर C-6 में बेटे को उसकी सीट पर बैठाने के दौरान ट्रेन के दरवाजे बंद होने का अलर्ट दिया गया। जब तक रामविलास यादव बाहर निकलते, ट्रेन का दरवाजा लॉक हो गया। इसके बाद चेकिंग स्टाफ ने उन्हें बिना टिकट यात्रा करने का आरोप लगाते हुए 2870 रुपये का जुर्माना वसूला। इसके अलावा, उन्हें बेवजह दिल्ली तक का सफर भी करना पड़ा, क्योंकि ट्रेन कानपुर के बाद सीधे नई दिल्ली तक जाती है।

जानकारी के अनुसार, कानपुर से नई दिल्ली के बीच वंदे भारत ट्रेन का किराया 1830 रुपये है, लेकिन जुर्माने के रूप में रामविलास को 1039 रुपये और चुकाने पड़े। इस घटना के बाद रेलवे ने वंदे भारत के दरवाजों के सुरक्षा फीचर्स को लेकर बयान जारी किया। रेलवे के मुताबिक, वंदे भारत ट्रेन में सेंसर वाले दरवाजे लगाए गए हैं, जो ट्रेन के चलने से पहले ही बंद हो जाते हैं। इसलिए, केवल वही लोग ट्रेन में चढ़ें जिन्हें यात्रा करनी है, और परिजनों को प्लेटफॉर्म पर ही रहना चाहिए, ट्रेन में नहीं चढ़ना चाहिए।

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Mainpuri के करहल में दलित युवती की हत्या, सपा को वोट देने से मना करने पर हत्या का आरोप

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Mainpuri के करहल में आज मतदान के बीच एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक दलित युवती की कथित रूप से रेप के बाद हत्या कर दी गई है। युवती का शव नग्न अवस्था में मिला है, और आरोप है कि उसे समाजवादी पार्टी (सपा) को वोट देने से मना करने पर हत्या की गई।

पीड़ित परिवार का आरोप
पीड़ित परिवार का कहना है कि एक दिन पहले युवती को इस मामले को लेकर धमकी मिली थी। कल दो लोग युवती को जबरन बाइक पर बैठाकर ले गए थे, और आज उसका शव करहल थाना क्षेत्र के कंजरा नदी पुल के पास मिला। युवती के परिजनों का आरोप है कि सपा को वोट देने के लिए दबाव बनाने के बाद जब युवती ने भाजपा को वोट देने की बात की, तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई थी।

युवती के पिता का बयान
मृतक युवती के पिता का कहना है कि तीन दिन पहले वे अपनी बेटी के साथ कहीं जा रहे थे, तभी एक नेता ने उनसे कहा कि सपा को वोट देना है। इसके जवाब में उनकी बेटी ने कहा कि “हमारा वोट तो भाजपा को जाएगा।” इस पर उस नेता और उसके साथियों ने युवती को धमकी दी थी।

पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा
पुलिस ने युवती का शव कब्जे में लेकर उसे पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस को इस मामले में रेप की भी आशंका है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। फिलहाल पुलिस इस घटना की जांच कर रही है, और इस हत्याकांड ने इलाके में हड़कंप मचा दिया है।

परिजनों का गुस्सा
परिजनों का कहना है कि पुलिस की कार्यशैली को लेकर उनका गुस्सा बढ़ गया है, और वे मामले में न्याय की उम्मीद कर रहे हैं। घटना के बाद से इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई है।

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