Connect with us

Punjab

PM मोदी बोले- समाज में जातिवाद, क्षेत्रवाद जैसी विकृतियों को करें जड़ से खत्म

Published

on

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को लोगों से देश को जातिवाद और क्षेत्रवाद के नाम पर विभाजित करने की कोशिश करने वाली ताकतों को खत्म करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि दशहरा उन विचारधाराओं के दहन का भी प्रतीक होना चाहिए जो भारत के विकास के बारे में नहीं बल्कि अपने स्वार्थों को पूरा करने से जुड़े हैं। 

प्रधानमंत्री ने यहां दशहरा कार्यक्रम में एक विशाल सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह त्योहार केवल रावण के पुतले जलाने और राक्षस पर भगवान राम की जीत तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इसे देश में हर बुराई पर देशभक्ति की जीत का प्रतीक भी होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने परोक्ष रूप से विपक्षी दलों पर निशाना साधा, जिन पर उन्होंने राजनीतिक लाभ लेने के लिए जाति और क्षेत्र के नाम पर देश को विभाजित करने की कोशिश का बार-बार आरोप लगाया है। 

भगवान श्री राम बस आने ही वाले हैंः मोदी
उन्होंने कहा, ‘‘हमें सामाजिक कुरीतियों और भेदभाव को खत्म करने का संकल्प लेना चाहिए।” प्रधानमंत्री ने कहा कि सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने वाली हर बुराई को भी जला दिया जाना चाहिए। मोदी ने कहा कि अयोध्या में भगवान राम का एक भव्य मंदिर बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह हर किसी का सौभाग्य है कि वे सदियों के इंतजार के बाद इसके गवाह बन रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कुछ महीनों में पूरा हो जाएगा और यह लोगों के धैर्य की जीत का प्रतीक है। उन्होंने कहा, ‘‘भगवान श्री राम बस आने ही वाले हैं।” 

आजादी के 75 साल बाद अब भारत का भाग्य उदय होने जा रहा हैः मोदी
उन्होंने कहा कि अगली रामनवमी के दौरान मंदिर में प्रार्थना से पूरी दुनिया में खुशियां फैलेंगी। प्रधानमंत्री ने भारत के सफल चंद्र मिशन, नए संसद भवन के उद्घाटन और महिला आरक्षण कानून बनाए जाने का हवाला देते हुए कहा कि यह कई महत्वपूर्ण घटनाक्रमों के बीच हो रहा है। उन्होंने कहा कि भारत आज दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के साथ-साथ सबसे भरोसेमंद लोकतंत्र के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल बाद अब भारत का भाग्य उदय होने जा रहा है। मोदी ने लोगों से 10 प्रतिज्ञाएं लेने को भी कहा, जिसमें कम से कम एक गरीब परिवार को उसकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति सुधारने में मदद करना भी शामिल है। उन्होंने कहा कि जब सबका विकास होगा, तभी देश विकसित राष्ट्र बनेगा। 

उन्होंने कहा, ‘‘जब तक देश में एक भी गरीब व्यक्ति है जिसके पास बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं, हम चैन से नहीं बैठेंगे।” उन्होंने पानी की बचत, डिजिटल लेनदेन, स्वच्छता, स्थानीय चीजों के लिए मुखर रहने (वोकल फॉर लोकल), गुणवत्तापूर्ण कार्य, घरेलू पर्यटन, प्राकृतिक खेती, मोटे अनाजों के उपभोग और फिटनेस पर भी जोर दिया। मोदी ने कहा कि विजयदशमी अन्याय पर न्याय की, अहंकार पर विनम्रता की और क्रोध पर धैर्य की जीत का त्योहार है, साथ ही यह प्रतिज्ञाओं को नवीनीकृत करने का भी दिन है। 

इस दिन ‘‘शस्त्र पूजा” की परंपरा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में हथियारों का इस्तेमाल कब्जे के लिए नहीं बल्कि रक्षा के लिए किया जाता है। उन्होंने भारतीय दर्शन के शाश्वत और आधुनिक पहलुओं पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हम भगवान राम की मर्यादा जानते हैं और साथ ही यह भी जानते हैं कि अपनी सीमाओं की रक्षा कैसे करनी है।” 

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement