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Punjab

Bathinda के गांवों में कैंसर का बढ़ता संकट, प्रदूषण और लापरवाही का खामियाजा

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पंजाब के Bathinda जिले से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। जिले के कई गांवों में कैंसर के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे लोगों के बीच डर और चिंता का माहौल है। इन गांवों के लगभग हर घर में कोई न कोई इस जानलेवा बीमारी से जूझ रहा है। विशेषज्ञों और स्थानीय लोगों का मानना है कि प्रदूषित पानी और पर्यावरण असंतुलन इसके प्रमुख कारण हैं।

कैंसर: एक जानलेवा बीमारी
कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो धीरे-धीरे शरीर में फैलती है।

चरणबद्ध विकास: कैंसर कई चरणों में विकसित होता है, लेकिन इसका पता अक्सर आखिरी स्टेज में चलता है, जब इलाज काफी मुश्किल हो जाता है।

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल दुनियाभर में 19 मिलियन लोग कैंसर का शिकार होते हैं। इनमें से बड़ी संख्या में लोग अपनी जान गंवा बैठते हैं।

फेफड़ों का कैंसर सबसे आम: विशेषज्ञ डॉ. अनुज के अनुसार, फेफड़ों का कैंसर पुरुषों में सबसे अधिक पाया जाता है। इसका मुख्य कारण धूम्रपान, पर्यावरण प्रदूषण और कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग है।

प्रदूषित पानी और रसायनों का दुष्प्रभाव

भूजल में विषैले तत्व: बठिंडा और आसपास के इलाकों में पानी में आर्सेनिक, यूरेनियम और अन्य खतरनाक रसायनों की अधिकता पाई गई है, जो कैंसर का मुख्य कारण बन रहे हैं।

कीटनाशकों का अधिक उपयोग: खेती में कीटनाशकों और रासायनिक उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग से मिट्टी और पानी जहरीले हो रहे हैं।

स्वास्थ्य सेवाओं की कमी
ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की भारी कमी है।

कैंसर के मरीजों को इलाज के लिए 50 किलोमीटर तक का सफर तय करना पड़ता है।

समय पर इलाज न मिलने के कारण अधिकांश मरीजों की मौत हो जाती है।

सरकार और समाज की भूमिका

सरकारी योजनाएँ: सरकार ने कुछ गाँवों में आरओ प्लांट और स्वच्छ जल योजनाएँ शुरू की हैं, लेकिन इनका प्रभाव सीमित है।

सामाजिक प्रयास: स्थानीय एनजीओ और सामाजिक कार्यकर्ता जागरूकता फैलाने और प्रदूषण को कम करने के लिए काम कर रहे हैं।

ग्रामीणों की अपील
ग्रामीणों ने सरकार से साफ पानी, बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं और प्रदूषण नियंत्रण के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की है। एक किसान ने कहा, “हमारी खेती ही अब हमें मार रही है। हमें स्वच्छ पानी और इलाज की सुविधा चाहिए।”

समस्या का समाधान

सुरक्षित जल आपूर्ति: हर गांव में आरओ प्लांट और जल शोधन प्रणाली की स्थापना।

जैविक खेती: कीटनाशकों और रसायनों के स्थान पर जैविक खेती को बढ़ावा देना।

स्वास्थ्य सेवाएँ: मोबाइल क्लीनिक और विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीमें ग्रामीण इलाकों में भेजना।

जागरूकता अभियान: पर्यावरण संरक्षण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना।

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