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Punjab में सरकारी अस्पतालों में तालाबंदी का असर: मरीजों की मुश्किलें बढ़ीं

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आज शुक्रवार है और Punjab के कई इलाकों में डॉक्टर काम नहीं कर रहे हैं क्योंकि वे पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक महिला डॉक्टर के साथ हुई बुरी घटना से बहुत दुखी हैं। इस वजह से, वे स्थान जहाँ लोग आमतौर पर डॉक्टर को दिखाने जाते हैं (जिन्हें ओपीडी कहा जाता है) बंद हैं। केवल उन लोगों का ध्यान रखा जा रहा है जिन्हें तुरंत मदद की ज़रूरत है। इससे कई ऐसे मरीज़ों को परेशानी हो रही है जिन्हें डॉक्टर को दिखाने की ज़रूरत है।

अमृतसर के सभी सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर काम नहीं कर रहे हैं क्योंकि वे कोलकाता में एक महिला डॉक्टर के साथ हुई बुरी घटना से दुखी हैं। इस वजह से, डॉक्टर नियमित जाँच वाले इलाकों में मरीज़ों को नहीं देख रहे हैं, लेकिन वे अभी भी उन लोगों की मदद कर रहे हैं जिन्हें आपातकालीन देखभाल की ज़रूरत है।

पड़ोस के क्लीनिकों में काम करने वाले डॉक्टर भी हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने कहा है कि शुक्रवार को सुबह 6 बजे से पूरे देश में डॉक्टर 24 घंटे काम करना बंद कर देंगे। इस वजह से लोगों को और भी ज़्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

डॉक्टर बहुत दुखी हैं क्योंकि उनके एक दोस्त को काम करते समय चोट लग गई और उसकी मौत हो गई। अब, उन्हें लगता है कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जब वे अपना काम कर रहे हों तो सभी डॉक्टर सुरक्षित रहें।

पटियाला के राजिंदरा में डॉक्टरों ने मरीजों को देखना बंद कर दिया क्योंकि कोलकाता में एक महिला डॉक्टर को बहुत ज़्यादा चोट लगी और उसकी मौत हो गई। डॉक्टर बहुत परेशान हैं और चाहते हैं कि ऐसा करने वालों को जल्द से जल्द सज़ा मिले। उनका कहना है कि अगर जल्द ही कुछ नहीं हुआ तो वे और भी कुछ करेंगे ताकि दिखा सकें कि वे कितने दुखी हैं। इस वजह से, जिन लोगों को डॉक्टर को दिखाने की ज़रूरत है वे दुखी और चिंतित हैं। शुक्रवार को जालंधर के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों ने नियमित मरीज़ों को नहीं देखा और इसके बजाय विरोध प्रदर्शन किया।

उन्होंने सिर्फ़ उन लोगों की मदद की जिनकी आपातकालीन स्थिति थी। डॉक्टरों ने अस्पताल के प्रवेश द्वार को बंद कर दिया और यह दिखाने के लिए बैठ गए कि वे नाखुश हैं। इस वजह से, डॉक्टर को दिखाने आए लोग, ख़ास तौर पर दूर से आए लोगों को बिना इलाज कराए वापस लौटना पड़ा। पूरे देश में डॉक्टर हड़ताल पर हैं, जिसका मतलब है कि उन्होंने यह दिखाने के लिए काम करना बंद कर दिया कि वे किसी बात से नाखुश हैं। मोगा में, डॉक्टर हड़ताल में शामिल हो गए और अपने दफ़्तर बंद कर दिए जहाँ वे मरीज़ों को देखते हैं, लेकिन फिर भी उन्होंने आपातकालीन स्थिति में मदद की।

वे पंजाब के सरकारी अस्पतालों में रात में काम करने वाली महिला डॉक्टरों के लिए बेहतर सुरक्षा की माँग कर रहे हैं। कोलकाता में एक महिला डॉक्टर के घायल होने और उसकी हत्या की भयावह घटना के बाद फरीदकोट के सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने मरीजों को देखना बंद कर दिया और अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए नारे लगाए। इस वजह से मरीजों को पता ही नहीं चला कि उन्हें कहां जाना है और वे इधर-उधर इंतजार करते रह गए।

शुक्रवार की सुबह लुधियाना सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने मरीजों को देखने की जगह, जिसे ओपीडी कहते हैं, को बंद कर दिया। इससे मरीज बहुत दुखी हुए क्योंकि उन्हें नहीं पता था कि डॉक्टर आज काम करना बंद करने वाले हैं। पंजाब में पीसीएमएस एसोसिएशन ने फैसला किया कि सभी सरकारी अस्पताल आज अपनी ओपीडी सेवाएं बंद रखेंगे।

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CM Mann ने भगवती दीक्षा महाउत्सव में धर्मनिरपेक्षता और सांप्रदायिक सद्भाव को मजबूत करने का आह्वान किया

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CM Mann ने कहा कि पंजाब सरकार राज्य के विकास और जनता के कल्याण के लिए महान गुरुओं, संतों, महापुरुषों, पीरों-पैगंबरों और शहीदों के दिखाए मार्ग पर चल रही है। उन्होंने यह बात पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया की उपस्थिति में जैन भगवती दीक्षा महोत्सव के अवसर पर आयोजित एक समारोह में कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के प्रमुख के रूप में पंजाब के सभी निवासियों के हितों की रक्षा करना उनका कर्तव्य है। उन्होंने पंजाब को एक महान और पवित्र भूमि बताया, जहां विभिन्न धर्मों, भाषाओं और समाज के सभी वर्गों के लोग शांति और सद्भाव के साथ रहते हैं।

CM Mann ने कहा कि जनता ने उन्हें पंजाब की सेवा करने का बड़ा अवसर दिया है और वह इस कार्य में कोई कमी नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि हर समाज में धर्मों का सौहार्द और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व देश की प्रगति के लिए अत्यंत आवश्यक है। राज्य में भाईचारे को मजबूत करने के लिए उनकी सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इसके लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

CM Mann ने कहा कि धर्म हमें सादा जीवन, उच्च विचार और अहिंसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। हर धर्म का संदेश शांति, भाईचारा और विश्व बंधुत्व पर आधारित है, जो आज भी उतना ही प्रासंगिक है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे महान धार्मिक और आध्यात्मिक नेताओं के दिखाए मार्ग पर चलें और समाज में धर्मनिरपेक्षता और भाईचारे को और मजबूत करें।

CM Mann ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन हमारी युवा पीढ़ी को हमारे सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्यों से जोड़ने का अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि “आप” सरकार राज्य में शांति, एकता और भाईचारे को बनाए रखने के लिए पूरी तरह समर्पित है।

जैन समुदाय के साथ अपने पुराने संबंधों को याद करते हुए CM Mann ने कहा कि जैन संतों का आशीर्वाद हमेशा उनके साथ रहा है। उन्होंने जैन समुदाय को क्षेत्र में एक अत्याधुनिक अस्पताल स्थापित करने के लिए पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह अस्पताल पूरे उत्तर क्षेत्र के लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में अहम भूमिका निभाएगा।

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Punjab-चंडीगढ़ में घने कोहरे ने दी दस्तक, जारी किया का येलो अलर्ट, बढ़ा वायु प्रदूषण

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Punjab और चंडीगढ़ में ठंड का असर तेजी से बढ़ रहा है। शुक्रवार और शनिवार को Punjab के सात जिलों में घने कोहरे की संभावना जताई गई है। इसको लेकर मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। जिन जिलों में अलर्ट जारी किया गया है, उनमें अमृतसर, नवांशहर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, फतेहगढ़ साहिब और पटियाला शामिल हैं। हालांकि, कुछ इलाकों में सुबह हल्की धूप भी देखने को मिली।

सख्त उपायों के बावजूद पराली जलाने की घटनाएं पूरी तरह से रुक नहीं पाई हैं, जिससे वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। Punjab और चंडीगढ़ के कई शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खराब श्रेणी में दर्ज किया गया है। हालांकि, पिछले 24 घंटों में प्रदूषण स्तर में थोड़ा सुधार हुआ है। इसी दौरान पंजाब के अधिकतम तापमान में 0.4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है, जो सामान्य के करीब है। सबसे अधिक तापमान बठिंडा में 28.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, न्यूनतम तापमान में भी 0.2 डिग्री की गिरावट हुई है।

शुक्रवार सुबह 6 बजे चंडीगढ़ के मोहाली से सटे सेक्टर-53 में AQI 248, जो सबसे खराब रहा। सेक्टर-25 में AQI 161 और सेक्टर-22 में 196 दर्ज किया गया। पंजाब के मंडी गोबिंदगढ़ में AQI 273, लुधियाना में 261, जालंधर में 235, अमृतसर में 231 और पटियाला में 213 रहा। वहीं, सबसे कम AQI रूपनगर में 131 और बठिंडा में 159 दर्ज किया गया।

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Punjab में पराली जलाने के मामलों में हुई बढ़ोतरी, फाजिल्का में सबसे अधिक 42 घटनाएं दर्ज

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Punjab में इस सीजन पराली जलाने की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी देखी गई है। 21 नवंबर तक पराली जलाने के कुल 10,296 मामले सामने आए हैं। 21 नवंबर को 192 नए मामले दर्ज हुए, जिनमें सबसे अधिक 42 मामले फाजिल्का जिले से थे। इसके अलावा, फिरोजपुर में 38, मुक्तसर में 22, मोगा में 10, और फरीदकोट व तरनतारन में 13-13 मामले दर्ज किए गए।

पिछले वर्षों की तुलना में, इस साल पराली जलाने की घटनाएं काफी कम हुई हैं। 2023 में इसी अवधि तक 35,606 और 2022 में 49,526 मामले दर्ज किए गए थे। 21 नवंबर को अकेले इस साल 192 मामले दर्ज हुए, जबकि 2023 में 513 और 2022 में 243 मामले सामने आए थे।

मुख्य पर्यावरण अभियंता डॉ. करुणेश गर्ग ने बताया कि इस साल पराली जलाने के मामलों में लगभग 70% की कमी आई है। अब तक केवल 10,000 मामले सामने आए हैं, जबकि पिछले साल 36,000 से अधिक घटनाएं सैटेलाइट के जरिए दर्ज की गई थीं।

20 नवंबर तक, कुल 10,104 मामले दर्ज किए गए थे। उस दिन 179 मामले सामने आए, जिनमें संगरूर और फिरोजपुर में सबसे ज्यादा 26-26 मामले थे। मुक्तसर में 20, तरनतारन में 15, फरीदकोट में 14 और फाजिल्का में 10 मामले दर्ज किए गए।

18 नवंबर तक पराली जलाने के मामलों में मुख्यमंत्री भगवंत मान का जिला संगरूर 1,647 मामलों के साथ सबसे आगे रहा। फिरोजपुर 1,189 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर और तरनतारन 802 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर रहा। अन्य जिलों में अमृतसर (703), बठिंडा (670), मुक्तसर (668), मोगा (596), मानसा (560), पटियाला (536), फरीदकोट (470), कपूरथला (321), लुधियाना (246), और फाजिल्का (233) मामले सामने आए।

इस गिरावट को सकारात्मक संकेत मानते हुए अधिकारी इसे सख्त निगरानी और जागरूकता अभियान का परिणाम मान रहे हैं।

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