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Punjab

Akali Dal सुखबीर सिंह बादल ने आगामी मानसून सत्र को एक महीने बढ़ने की मांग की

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शिरोमणि Akali Dal के नेता सुखबीर सिंह बादल चाहते हैं कि पंजाब विधानसभा की आगामी बैठक लंबी हो, इसे तीन दिन से बढ़ाकर एक पूरा महीना कर दिया जाए। उन्हें लगता है कि इससे आम आदमी पार्टी को पंजाब में नदियों के प्रबंधन और चंडीगढ़ शहर में पंजाब के अधिकारों को प्रभावित करने वाले मुद्दों जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात करने के लिए अधिक समय मिलेगा।

एसएडी नामक एक समूह के नेता ने पत्रकारों से बात की और कहा कि पंजाब के लोग आप सरकार द्वारा उधार लिए गए बड़े पैसे के बारे में बात करना चाहते हैं, जो 85,000 करोड़ रुपये है। उन्होंने उल्लेख किया कि यह कर्ज हर दिन बढ़ता जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि आप सरकार अर्थव्यवस्था की मदद करने के बजाय विज्ञापनों और प्रचार पर बहुत पैसा खर्च कर रही है, जिससे पंजाब में हालात और खराब हो रहे हैं और महत्वपूर्ण परियोजनाएं पूरी नहीं हो पा रही हैं।

उन्होंने उल्लेख किया कि हमारे क्षेत्र या पंजाब में कोई नया व्यवसाय नहीं आ रहा है, और यहां के लोगों ने इसके बजाय आस-पास के राज्यों में बहुत पैसा, लगभग 22,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों को उनकी जमीन का उचित मूल्य दिलाने में अच्छा काम नहीं किया है, जिसके कारण 3,263 करोड़ रुपये की तीन बड़ी सड़क परियोजनाएं रद्द हो गई हैं, साथ ही 14,288 करोड़ रुपये की अन्य परियोजनाएं भी रद्द हो गई हैं।

उनका मानना ​​है कि इससे पता चलता है कि सरकार चीजों को ठीक से मैनेज नहीं कर रही है और उन्हें लगता है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान को यह बताना चाहिए कि वह अपना काम ठीक से क्यों नहीं कर रहे हैं। बादल ने कहा कि कानून बनाने वाले लोग (जिन्हें विधायक कहते हैं) इस बारे में बात करना चाहते हैं कि मुख्यमंत्री लोगों को नशा बेचने से कैसे नहीं रोक पाए हैं। मुख्यमंत्री ने चार सप्ताह, फिर तीन महीने और फिर पूरे एक साल में इस समस्या को ठीक करने का वादा किया था, लेकिन इसमें अभी भी कोई बदलाव नहीं आया है।

बादल ने यह भी उल्लेख किया कि विधायक अपने क्षेत्रों में हो रही महत्वपूर्ण चीजों के बारे में बात करना चाहते हैं और इसके लिए उन्हें पर्याप्त समय चाहिए। उन्होंने बताया कि जब मुख्यमंत्री प्रभारी नहीं थे, तो वह चाहते थे कि कानून बनाने वाली बैठकें (जिन्हें विधानसभा कहा जाता है) पूरे एक साल तक हर साल हों, लेकिन अब मुख्यमंत्री केवल छोटी बैठकें बुला रहे हैं जो कुछ ही दिनों तक चलती हैं।

बादल नामक व्यक्ति ने एक सवाल के जवाब में कहा कि कंगना रनौत नामक एक फिल्म अभिनेत्री और राजनीतिज्ञ को अपनी फिल्म ‘इमरजेंसी’ में सिख लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए परेशानी में डाला जाना चाहिए। उन्हें लगता है कि वह जानबूझकर सिख समुदाय को परेशान करने की कोशिश कर रही हैं, जो सभी के साथ शांतिपूर्वक रहने के लिए अच्छा नहीं है। बादल इसलिए भी दुखी हैं क्योंकि उनका मानना ​​है कि सरकार उनका समर्थन कर रही है।

वह पश्चिम बंगाल में एक मेडिकल छात्रा को नुकसान पहुँचाने वाले एक गंभीर मामले के बारे में भी कार्रवाई चाहते हैं। अकाली दल के नेता ने कहा कि कुछ लोग जो पहले उनके समूह का हिस्सा हुआ करते थे, अब दूर-दराज के इलाकों में दूसरी पार्टियों के नेताओं की बातें सुन रहे हैं। उन्हें लगता है कि ये लोग अकाली दल को कमजोर करना चाहते हैं और इसीलिए पंजाब में कोई भी उन्हें अपने आसपास देखना पसंद नहीं करता।

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CM Mann ने भगवती दीक्षा महाउत्सव में धर्मनिरपेक्षता और सांप्रदायिक सद्भाव को मजबूत करने का आह्वान किया

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CM Mann ने कहा कि पंजाब सरकार राज्य के विकास और जनता के कल्याण के लिए महान गुरुओं, संतों, महापुरुषों, पीरों-पैगंबरों और शहीदों के दिखाए मार्ग पर चल रही है। उन्होंने यह बात पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया की उपस्थिति में जैन भगवती दीक्षा महोत्सव के अवसर पर आयोजित एक समारोह में कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के प्रमुख के रूप में पंजाब के सभी निवासियों के हितों की रक्षा करना उनका कर्तव्य है। उन्होंने पंजाब को एक महान और पवित्र भूमि बताया, जहां विभिन्न धर्मों, भाषाओं और समाज के सभी वर्गों के लोग शांति और सद्भाव के साथ रहते हैं।

CM Mann ने कहा कि जनता ने उन्हें पंजाब की सेवा करने का बड़ा अवसर दिया है और वह इस कार्य में कोई कमी नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि हर समाज में धर्मों का सौहार्द और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व देश की प्रगति के लिए अत्यंत आवश्यक है। राज्य में भाईचारे को मजबूत करने के लिए उनकी सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इसके लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

CM Mann ने कहा कि धर्म हमें सादा जीवन, उच्च विचार और अहिंसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। हर धर्म का संदेश शांति, भाईचारा और विश्व बंधुत्व पर आधारित है, जो आज भी उतना ही प्रासंगिक है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे महान धार्मिक और आध्यात्मिक नेताओं के दिखाए मार्ग पर चलें और समाज में धर्मनिरपेक्षता और भाईचारे को और मजबूत करें।

CM Mann ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन हमारी युवा पीढ़ी को हमारे सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्यों से जोड़ने का अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि “आप” सरकार राज्य में शांति, एकता और भाईचारे को बनाए रखने के लिए पूरी तरह समर्पित है।

जैन समुदाय के साथ अपने पुराने संबंधों को याद करते हुए CM Mann ने कहा कि जैन संतों का आशीर्वाद हमेशा उनके साथ रहा है। उन्होंने जैन समुदाय को क्षेत्र में एक अत्याधुनिक अस्पताल स्थापित करने के लिए पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह अस्पताल पूरे उत्तर क्षेत्र के लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में अहम भूमिका निभाएगा।

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Punjab-चंडीगढ़ में घने कोहरे ने दी दस्तक, जारी किया का येलो अलर्ट, बढ़ा वायु प्रदूषण

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Punjab और चंडीगढ़ में ठंड का असर तेजी से बढ़ रहा है। शुक्रवार और शनिवार को Punjab के सात जिलों में घने कोहरे की संभावना जताई गई है। इसको लेकर मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। जिन जिलों में अलर्ट जारी किया गया है, उनमें अमृतसर, नवांशहर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, फतेहगढ़ साहिब और पटियाला शामिल हैं। हालांकि, कुछ इलाकों में सुबह हल्की धूप भी देखने को मिली।

सख्त उपायों के बावजूद पराली जलाने की घटनाएं पूरी तरह से रुक नहीं पाई हैं, जिससे वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। Punjab और चंडीगढ़ के कई शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खराब श्रेणी में दर्ज किया गया है। हालांकि, पिछले 24 घंटों में प्रदूषण स्तर में थोड़ा सुधार हुआ है। इसी दौरान पंजाब के अधिकतम तापमान में 0.4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है, जो सामान्य के करीब है। सबसे अधिक तापमान बठिंडा में 28.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, न्यूनतम तापमान में भी 0.2 डिग्री की गिरावट हुई है।

शुक्रवार सुबह 6 बजे चंडीगढ़ के मोहाली से सटे सेक्टर-53 में AQI 248, जो सबसे खराब रहा। सेक्टर-25 में AQI 161 और सेक्टर-22 में 196 दर्ज किया गया। पंजाब के मंडी गोबिंदगढ़ में AQI 273, लुधियाना में 261, जालंधर में 235, अमृतसर में 231 और पटियाला में 213 रहा। वहीं, सबसे कम AQI रूपनगर में 131 और बठिंडा में 159 दर्ज किया गया।

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Punjab में पराली जलाने के मामलों में हुई बढ़ोतरी, फाजिल्का में सबसे अधिक 42 घटनाएं दर्ज

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Punjab में इस सीजन पराली जलाने की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी देखी गई है। 21 नवंबर तक पराली जलाने के कुल 10,296 मामले सामने आए हैं। 21 नवंबर को 192 नए मामले दर्ज हुए, जिनमें सबसे अधिक 42 मामले फाजिल्का जिले से थे। इसके अलावा, फिरोजपुर में 38, मुक्तसर में 22, मोगा में 10, और फरीदकोट व तरनतारन में 13-13 मामले दर्ज किए गए।

पिछले वर्षों की तुलना में, इस साल पराली जलाने की घटनाएं काफी कम हुई हैं। 2023 में इसी अवधि तक 35,606 और 2022 में 49,526 मामले दर्ज किए गए थे। 21 नवंबर को अकेले इस साल 192 मामले दर्ज हुए, जबकि 2023 में 513 और 2022 में 243 मामले सामने आए थे।

मुख्य पर्यावरण अभियंता डॉ. करुणेश गर्ग ने बताया कि इस साल पराली जलाने के मामलों में लगभग 70% की कमी आई है। अब तक केवल 10,000 मामले सामने आए हैं, जबकि पिछले साल 36,000 से अधिक घटनाएं सैटेलाइट के जरिए दर्ज की गई थीं।

20 नवंबर तक, कुल 10,104 मामले दर्ज किए गए थे। उस दिन 179 मामले सामने आए, जिनमें संगरूर और फिरोजपुर में सबसे ज्यादा 26-26 मामले थे। मुक्तसर में 20, तरनतारन में 15, फरीदकोट में 14 और फाजिल्का में 10 मामले दर्ज किए गए।

18 नवंबर तक पराली जलाने के मामलों में मुख्यमंत्री भगवंत मान का जिला संगरूर 1,647 मामलों के साथ सबसे आगे रहा। फिरोजपुर 1,189 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर और तरनतारन 802 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर रहा। अन्य जिलों में अमृतसर (703), बठिंडा (670), मुक्तसर (668), मोगा (596), मानसा (560), पटियाला (536), फरीदकोट (470), कपूरथला (321), लुधियाना (246), और फाजिल्का (233) मामले सामने आए।

इस गिरावट को सकारात्मक संकेत मानते हुए अधिकारी इसे सख्त निगरानी और जागरूकता अभियान का परिणाम मान रहे हैं।

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