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Political news: कांग्रेस के प्रस्ताव का अकाली दल ने किया समर्थन, मेयर से खाली करवाई कुर्सी
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बठिंडा : नगर निगम बठिंडा की मेयर रमन गोयल के खिलाफ चल रहे अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस पार्षदों ने हल्ला बोल मेयर को कुर्सी से उतार दिया है। इसमें कांग्रेस के प्रस्ताव का शिरोमणि अकाली दल ने समर्थन किया जिसमें 18 पार्षदों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। इसके चलते वोटिंग में शामिल 32 मैंबरों में से 30 ने मेयर के खिलाफ वोट दिया। फिलहाल अविश्वास प्रस्ताव से मेयर समर्थकों ने बायकाट किया व बैठक में नहीं पहुंचे।
इस दौरान मेयर रमन गोयल ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव के लिए हाउस में 34 पार्षदों का होना जरूरी था इसमें सिर्फ 32 मैंबर ही हाजिर थे। इस संबंधी नगर निगम कमिश्नर को पत्र लिखकर देंगे व हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव के पारित होने के बाद विश्वास से लबालब दिखाई दे रही है। वहीं उन्होंने अगले मेयर के लिए योजनाबंदी भी शुरू कर दी है। कांग्रेसी पार्षदों का कहना है कि पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग जिसे चाहेंगे वही मेयर बनेगा। फिलहाल इस अविश्वास प्रस्ताव में शिरोमणि अकाली दल ने कांग्रेस का साथ दिया व सभी मैंबरों ने कांग्रेस के प्रस्ताव का समर्थन किया।
अकाली दल के पार्षदों का कहना था कि मेयर रमन गोयल का चयन राजनीतिक तौर पर किया गया था ना कि उसे हाउस ने चुना था। वह मेयर चयन के दौरान भी इसका विरोध करते रहे हैं व आज बुधवार को सदन में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में उन्होंने मेयर के खिलाफ वोटिंग की है। जानकारी अनुसार बुधवार को दोपहर 3.30 बजे नगर निगम बैठक हाल में मेयर रमन गोयल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर बैठक रखी गई थी। बैठक के करीब एक घंटा पहले ही प्रशासकीय व पुलिस अधिकारी एक्टिव हो गए। इसमें पुलिस प्रशासन ने पूरे नगर निगम दफ्तर की नाकाबंदी कर दी। इस दौरान बैठक हाल के बार एक नोटिस नगर निगम कमिश्नर के निर्देश पर चिपका दिया गया।
बैठक की कवरेज मीडिया की तरफ से नहीं करने की बात कही गई व कहा गया कि सरकारी जनसंपर्क विभाग ही इस बैठक की कवरेज करेंगा व इसकी जानकारी मीडिया को दी जाएगी। वहीं दूसरा घटनाक्रम बैठक शुरू होने से कुछ मिनट पहले हुआ जब मेयर रमन गोयल ने अपने समर्थकों के साथ बैठक का बायकाट कर दिया। नगमायुक्त ने रमन गोयल को फोन कर बैठक में हिस्सा लेने के लिए कहा लेकिन उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि वह इस मीटिंग का बायकट कर रहे हैं। जिला कांग्रेस के अध्यक्ष एडवोकेट राजन गर्ग ने कहा क्या यह लोकतंत्र की जीत है। संवैधानिक तरीके से कांग्रेस पार्षदों ने अपनी एकजुटता का प्रमाण दिया और रमन गोयल को कुर्सी से उतारा।
उन्होंने कहा कि कहा रमन गोयल ने खुद बैठक के लिए सभी पार्षदों को आमंत्रित किया था लेकिन वह समर्थकों सहित बैठक में हिस्सा लेने नहीं पहुंची। उन्हें लोकतंत्र पर कोई विश्वास नहीं। राजन गर्ग ने कहा पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राजा वड़िंग के प्रयास से कांग्रेस बठिंडा में और अधिक मजबूत हुई तथा नगर निगम पर कांग्रेस मेयर का कब्जा हुआ। बैठक में कांग्रेस व अकाली दल के पार्षद हाजिर रहे जबकि मनप्रीत बादल समर्थक पार्षदों ने बैठक का बायकाट कर दिया। विधायक जगरूप सिंह गिल ने प्रेस को संबोधित करते कहा कि वह पहले से ही कह रहे थे कि अकाली दल और कांग्रेस आपस में मिले हुए है। वह लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए एक दूसरे पर आरोप लगाते है लेकिन ‘आप’ के खिलाफ दोनों दल मिले हुए है व आगामी चुनावों में भी अंदरखाते दोनों मिलकर काम करेंगे।
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2019 में भाजपा को 303 सीटें मिली थी, इस बार जनता ने 18 प्रतिशत जीएसटी लगाकर 240 पर ला दिया – Chadha
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Raghav Chadha ने कहा कि इस बजट से कई लोग नाखुश हैं, जिनमें भाजपा के समर्थक भी शामिल हैं। उनका मानना है कि पिछले 10 सालों से सरकार आम लोगों से टैक्स के जरिए बहुत ज्यादा पैसे ले रही है। चड्ढा का मानना है कि भारत में लोग बहुत सारे टैक्स देते हैं, लेकिन बदले में उन्हें अच्छी सेवाएं नहीं मिलती हैं। उदाहरण के लिए, अगर कोई व्यक्ति 10 रुपये कमाता है, तो सरकार उससे करीब 7-8 रुपये टैक्स लेती है, लेकिन उसे अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य या परिवहन नहीं देती है।
चड्ढा सवाल करते हैं कि अगर सरकार बदले में अच्छी सेवाएं नहीं देती है, तो इतना टैक्स क्यों है। राघव चड्ढा ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव में क्यों हारी। उन्होंने कहा कि इसकी मुख्य वजह अर्थव्यवस्था, अर्थव्यवस्था और अर्थव्यवस्था है। देश की अर्थव्यवस्था ठीक नहीं चल रही है, खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां बहुत सारे लोग रहते हैं।
यही वजह है कि ग्रामीण इलाकों में भाजपा की सीटें कम हुई हैं। 2019 में भारतीय जनता पार्टी ने 303 सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार उन्हें जीएसटी नामक टैक्स की वजह से सिर्फ 240 सीटें ही मिलीं। ग्रामीण क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था इस समय बहुत खराब है, क्योंकि कीमतें बहुत अधिक हैं, पर्याप्त नौकरियाँ नहीं हैं और किसान कर्ज में डूबे हुए हैं। सरकार ने किसानों को अधिक पैसे कमाने और उनकी फसलों के उचित दाम दिलाने का वादा किया था, लेकिन उन्होंने अभी तक ऐसा नहीं किया है।
चड्ढा ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में काम करने वाले लोग पहले की तुलना में कम पैसे कमा रहे हैं। 2014 में, एक दिन काम करने वाला व्यक्ति तीन बोरी अरहर दाल खरीद सकता था, लेकिन अब वह केवल 1.5 बोरी ही खरीद सकता है। इसका मतलब है कि कीमतें बढ़ रही हैं और वे कम कमा रहे हैं। इस वजह से, भाजपा को ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ वोटों का नुकसान हुआ।
चुनावों में उनके खराब प्रदर्शन का एक और कारण यह है कि खाद्य पदार्थों की कीमतें बहुत बढ़ गई हैं। आटा, दूध, चावल और दही जैसी चीज़ें अब अधिक महंगी हो गई हैं। देश में खाद्य पदार्थों की कीमत में नौ प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। इसका मतलब यह है कि भले ही किसान खाद्य पदार्थ उगा रहे हैं और बेच रहे हैं, लेकिन वे उतना पैसा नहीं कमा रहे हैं जितना उन्हें कमाना चाहिए। तो वह सारा अतिरिक्त पैसा कहाँ जा रहा है?
अर्थव्यवस्था की मदद करने के बारे में उनके पास सरकार के लिए कुछ विचार थे। एक विचार यह सुनिश्चित करना था कि जब कीमतें बढ़ें, तो लोगों द्वारा अर्जित की जा सकने वाली न्यूनतम राशि भी बढ़े। दूसरा विचार यह सुनिश्चित करना था कि किसानों को उनकी फसलों के लिए उचित मूल्य मिले। और अंत में, उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को किसानों को उनकी फसलों के लिए एक निश्चित राशि का भुगतान करने का वादा करना चाहिए, जैसा कि स्वामीनाथन आयोग ने सिफारिश की थी।
उनका चौथा विचार यह था कि संपत्ति बेचने से होने वाले मुनाफे पर कर समान रहना चाहिए, अन्यथा यह रियल एस्टेट उद्योग को नुकसान पहुंचाएगा। इससे लोगों के लिए नए घर खरीदना मुश्किल हो सकता है और बिल्डरों को नुकसान हो सकता है। चड्ढा ने एक उदाहरण देकर इसे समझाया कि कैसे नई कर प्रणाली से रियल एस्टेट में अधिक अवैध धन का उपयोग हो सकता है और अधिक घोटाले हो सकते हैं।
पांचवां सुझाव है कि स्टॉक, म्यूचुअल फंड और बैंक खातों जैसी चीजों में निवेश करके लंबी अवधि के लिए पैसे बचाएं। छठा सुझाव है कि स्टॉक, म्यूचुअल फंड और अन्य वित्तीय विकल्पों जैसी चीजों में निवेश करके भी पैसे बचाएं।
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हथियार के साथ Social Media पर तस्वीर डालने वालो की अब बख्शा नहीं जाएगा
![Social Media - Earlynews24](https://earlynews24.com/wp-content/uploads/2024/07/Social-Media.jpg)
पंजाब पुलिस Social Media हथियारों के साथ अपनी तस्वीरें पोस्ट करने वालों पर कड़ी नजर रखेगी। पंजाब के वरिष्ठ अधिकारी अपने कर्मचारियों को इस पर ध्यान देने को कह रहे हैं। अगर कोई ऑनलाइन हथियार दिखाते हुए पकड़ा गया तो उससे हथियार रखने की अनुमति छीन ली जाएगी।
हर जिले की पुलिस को इस नियम का पालन करने को कहा गया है। इसके अलावा पुलिस सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले या वीडियो शेयर करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को दंडित करने की तैयारी कर रही है। पुलिस प्रमुख उन अधिकारियों को रोकने के लिए गंभीर हैं जो वर्दी में वीडियो बनाकर ऑनलाइन पोस्ट करते हैं।
सरकार ने सभी पुलिसकर्मियों को ऐसा करना बंद करने और अपने सोशल मीडिया अकाउंट डिलीट करने को कहा है। अगर कोई कर्मचारी या बॉस कुछ गलत करता है तो आपको तुरंत एसएसपी को बताना चाहिए। वे जांच करेंगे और उन लोगों को दंडित करेंगे जो अपने बॉस द्वारा तय नियमों को तोड़ते रहते हैं। इन कर्मचारियों को वेतन वृद्धि भी नहीं मिल सकती है।
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CM Mann नीति आयोग की Meeting में ना शामिल होने का किया फैसला
![Meeting - Earlynews24](https://earlynews24.com/wp-content/uploads/2024/07/Meeting.jpg)
27 जुलाई को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली नीति आयोग की Meeting में चार राज्यों के शामिल होने से इनकार करने के बाद पंजाब ने भी बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया है|
कांग्रेस शासित तीन राज्य कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश पहले ही नीति आयोग की बैठक में शामिल होने से इनकार कर चुके हैं. इसके अलावा डीएमके शासित तमिलनाडु भी इस बैठक में शामिल नहीं होगा |
पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी का कहना है कि पंजाब सरकार ने नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया है. पार्टी भारत की भागीदार है, इसलिए वह गठबंधन के घटक दलों के फैसले के साथ भी है. आप संगठन के महासचिव डॉ. संदीप पाठक ने कहा है कि नीति आयोग की बैठक का कोई मतलब नहीं है. बड़ी-बड़ी बातें होती हैं लेकिन होता कुछ नहीं |
नीति आयोग की बैठक में सिर्फ एक राज्य को पीछे धकेलने और एक राज्य को आगे बढ़ाने पर चर्चा होती है. उन्होंने कहा कि आज केंद्र की मोदी सरकार छोटी मानसिकता से राजनीति कर रही है. हमें सरकार को जगाना होगा. उन्हें आपको बताना होगा कि आप गलत कर रहे हैं।
नरेंद्र मोदी एक विशाल और महान देश के प्रधानमंत्री हैं और इतनी छोटी सोच से राजनीति करेंगे तो देश कैसे आगे बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि मंगलवार को पेश किये गये आम बजट में देश के अधिकतर राज्यों की उपेक्षा की गयी है. ऐसे में देश कैसे आगे बढ़ेगा?
आपको बता दें कि पंजाब और दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकारें हैं, जिनके मुख्यमंत्रियों को नीति आयोग की बैठक में शामिल होने के लिए पत्र भेजा गया है. वैसे राज्य सरकार की ओर से नीति आयोग में प्रस्ताव जमा किया जायेगा |
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