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Haryana :”सिलेक्शन में गड़बड़ी का खुलासा: चार्जशीट के बाद 24 घंटे में कार्रवाई!
वत्सल वशिष्ठ को Haryana कर्मचारी चयन आयोग में मदद करनी थी, लेकिन जल्द ही उनकी जगह शंभू को नियुक्त कर दिया गया। वत्सल के चयन से लोग खुश नहीं थे, इसलिए बॉस ने उन्हें हटाने का फैसला किया। कांग्रेस नेता रविंद्र सिंह ढुल ने कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक आयोग ने वत्सल वशिष्ठ पर भ्रष्ट तरीकों से नौकरी पाने का आरोप लगाया है। ढुल का मानना है कि यह बिल्ली को दूध की रखवाली करने देने जैसा है।
22 दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के कार्यकाल में हरियाणा सिविल सेवा (एचसीएस) में 66 पदों पर नियुक्ति में अनियमितता के मामले में पंचकूला स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। हिसार के जिला न्यायालय एवं सत्र न्यायाधीश दिनेश कुमार मित्तल की अदालत में 29 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। इसमें वत्सल वशिष्ठ का नाम भी है। इस मामले में अगली सुनवाई 11 नवंबर को होनी है। 1999 में सरकार ने लोगों से 66 नौकरियों के लिए आवेदन मांगे थे। बहुत से लोगों ने आवेदन किया, लेकिन सरकार को यह तय करने में बहुत समय लग गया कि नौकरी किसे मिलेगी। जब उन्होंने कुछ नौकरी के आवेदनों को करीब से देखा, तो पाया कि कुछ लोग ईमानदार नहीं थे।
कुछ छात्र अपने उत्तर बदलकर, अलग-अलग पेन का इस्तेमाल करके, कुछ प्रश्न खाली छोड़कर और यहां तक कि कुछ भी नहीं लिखने वाले छात्रों को अंक देकर परीक्षा में नकल कर रहे थे। जब जांचकर्ताओं ने इसकी जांच की, तो पाया कि कई परीक्षा पत्रों के साथ छेड़छाड़ की गई थी।
जांच के दौरान, परीक्षक अच्छे उत्तर नहीं दे पाए। उन्होंने पाया कि 15 लोगों को अनुचित लाभ दिया गया था। कांग्रेस नेता कर्ण सिंह दलाल 465 उत्तर पुस्तिकाओं के साक्ष्य के साथ उच्च न्यायालय गए और भर्ती प्रक्रिया को चुनौती दी। उच्च न्यायालय ने इसकी जांच की और पाया कि 35 उम्मीदवारों की 54 उत्तर पुस्तिकाओं पर अंक बदले गए थे। इसके बाद उन्होंने सतर्कता जांच की अनुमति दी।
एसीबी द्वारा दायर कानूनी कागजात में, एक सरकारी समिति के पूर्व सदस्य और कुछ अन्य अधिकारियों सहित लोगों के एक समूह पर गलत काम करने का आरोप लगाया जा रहा है।
वत्सल, कुलदीप, रंजीत, कमलेश, सरिता, अशोक, राकेश, पूनम, दिलबाग, वीना, जग, सुरेंद्र और जगदीप समेत 13 लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। सुरेश कुमार गुप्ता, गुलशन भारद्वाज और मेहर सिंह सैनी नाम के तीन लोगों की जांच के दौरान मौत हो गई, लेकिन उन्हें किसी भी तरह से दोषी नहीं ठहराया गया। इसके अलावा बनवारी लाल, डॉ. केडी पांडे, डॉ. विवेक पांडे, आरके पूनिया और देवेंद्र गोपाल को भी आरोपी नहीं बनाया गया।
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Faridabad में रिश्वतकांड, सब इंस्पेक्टर गिरफ्तार, 20 लाख रुपये बरामद
Faridabad में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने रिश्वतकांड का बड़ा खुलासा किया है। पहले जहां यह खबर आई थी कि गिरफ्तार सब इंस्पेक्टर की गाड़ी से सात लाख रुपये बरामद हुए हैं, अब सामने आया है कि गाड़ी से 20 लाख रुपये की राशि बरामद की गई है। वहीं, सब इंस्पेक्टर का दूसरा साथी सब इंस्पेक्टर रामचंद्र फरार है और उसकी तलाश जारी है।
क्या है पूरा मामला?
गुरुवार को एंटी करप्शन ब्यूरो ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए फरीदाबाद के साइबर थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर अर्जुन को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। अर्जुन ने एक व्यक्ति से 12 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। जब एसीबी ने छापेमारी की, तो इस दौरान अर्जुन के साथी रामचंद्र की गाड़ी से 20 लाख रुपये की राशि बरामद की गई। हालांकि, रामचंद्र मौके से फरार हो गया।
कैसे शुरू हुआ मामला?
जानकारी के मुताबिक, फरवरी 2024 में एक एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसकी जांच सब इंस्पेक्टर अर्जुन कर रहा था। इस शिकायत में 48 लाख रुपये की धोखाधड़ी का आरोप था। जांच के दौरान, शिकायतकर्ता को साइबर ठगी के मामले में जमानत मिल गई थी। जेल से बाहर आने के बाद, अर्जुन ने शिकायतकर्ता पर दबाव डालना शुरू किया और उसे यह कहकर रिश्वत देने के लिए कहा कि उसने जमानत दिलवाने में मदद की थी। परेशान होकर शिकायतकर्ता ने एसीबी को सूचना दी, जिसके बाद एसीबी ने बड़ी कार्रवाई की और सब इंस्पेक्टर अर्जुन को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के बाद, एसीबी ने गाड़ी से 19 लाख 97 हजार रुपये की राशि बरामद की। अब एसीबी फरार आरोपी रामचंद्र की तलाश कर रही है।
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Kaithal के विधायक सतपाल जांबा ने कुर्सी को लेकर अधिकारियों से की तीखी बहस, विवादों में फिर आए
हरियाणा के Kaithal जिले के पूंडरी से भाजपा विधायक सतपाल जांबा एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। इस बार उनका गुस्सा तब भड़क उठा जब उन्हें जिला परिषद की बैठक में कुर्सी नहीं मिली। विधायक का गुस्सा तब और बढ़ गया जब उन्हें बैठक में उनके नाम की कोई कुर्सी या नेम प्लेट नहीं लगी थी। इसके बाद आनन-फानन में अधिकारियों को इस मामले का संज्ञान लेना पड़ा और कुर्सी का इंतजाम किया गया।
क्या था पूरा मामला?
शुक्रवार को Kaithal जिला परिषद की बैठक आयोजित की जा रही थी। विधायक सतपाल जांबा निर्धारित समय पर बैठक में पहुंचे, लेकिन जब उन्होंने देखा कि उनके नाम की कुर्सी या नेम प्लेट नहीं लगी थी, तो उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि इसकी जिम्मेदारी किसकी है और इस मुद्दे पर कड़ा संज्ञान लेने की बात कही।
उन्होंने यह भी सवाल किया कि सांसद की कुर्सी और नाम प्लेट भी क्यों नहीं लगी थी। इसके बाद कर्मचारियों में हड़कंप मच गया और 20 मिनट के इंतजार के बाद विधायक के लिए कुर्सी का इंतजाम किया गया। विधायक ने इस दौरान चेयरमैन से कहा, “अगर कुर्सी नहीं लगानी थी तो हमें लैटर क्यों भेजा था?”
पिछला विवाद
यह पहला विवाद नहीं है, इससे पहले भी सतपाल जांबा का एक बयान विवादों का कारण बन चुका है। जब एक सभा में महिला प्रधान नहीं पहुंची थी, तो विधायक ने विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था, “सरपंचनी को बुला दो, हमें भी थोड़ी फीलिंग आ जाएगी कि कोई हमें भी देखने-सुनने आया है।” इस बयान के बाद उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी।
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Panchkula में अवैध नाइट क्लब पर पुलिस का छापा, संचालक गिरफ्तार
हरियाणा के Panchkula में पुलिस और एक्साइज विभाग ने अवैध रूप से चल रहे एक नाइट क्लब पर संयुक्त कार्रवाई की। रेड के दौरान क्लब से बड़ी मात्रा में शराब जब्त की गई, और क्लब संचालक को गिरफ्तार कर लिया गया। जांच में खुलासा हुआ कि क्लब के पास न तो लाइसेंस था और न ही शराब परोसने की कोई अनुमति।
रेड का संचालन
Panchkula पुलिस और एक्साइज डिपार्टमेंट की टीम ने यह छापा सेक्टर-9 स्थित रूमरोज प्ले एंड पॉज क्लब पर मारा। गुप्त सूचना पर पुलिस ने क्लब में छानबीन की, जहां अवैध शराब परोसी जा रही थी।
चौकी प्रभारी गुरपाल सिंह ने बताया कि क्लब बिना लाइसेंस के चल रहा था और संचालक के पास शराब बेचने या परोसने की कोई वैध अनुमति नहीं थी। मौके पर चंडीगढ़ मार्का शराब और अन्य ब्रांड की बोतलें मिलीं। इस दौरान क्लब में कई युवक-युवतियां पार्टी कर रहे थे और जोरदार संगीत चल रहा था।
पुलिस ने जब्त की शराब
छापेमारी के दौरान पुलिस ने निम्नलिखित शराब और बीयर जब्त की:
रेड लेबल: 2 बोतलें, थंडर बोल्ट बीयर (चंडीगढ़ मार्का): 12 बोतलें, किंगफिशर (हरियाणा सेल): 5 बोतलें, कोरोना बीयर: 6 बोतलें, मैजिक मूमेंट: 1 खुली हुई बोतल
पुलिस ने सारी शराब और बीयर को अपने कब्जे में लेकर फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है। क्लब का संचालक अखिल कुमार, जो हरियाणा के सोनीपत का रहने वाला है, को मौके पर गिरफ्तार किया गया।
इस ऑपरेशन में गुरपाल सिंह (चौकी प्रभारी, सेक्टर-10), एएसआई बृजेश कुमार, और एक्साइज इंस्पेक्टर राजीव कपूर शामिल रहे। पुलिस ने जनता से अपील की है कि यदि कहीं भी अवैध गतिविधियों की जानकारी मिले, तो तुरंत इसकी सूचना स्थानीय पुलिस या एक्साइज विभाग को दें।
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