Haryana
Randeep Surjewala ने खनौरी बॉर्डर पर किसानों के नेता डल्लेवाल से मुलाकात की, MSP की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर जताई चिंता
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद Randeep Surjewala ने आज खनौरी बॉर्डर का दौरा किया, जहां उन्होंने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मुलाकात की। डल्लेवाल पिछले 46 दिनों से किसान आंदोलन के समर्थन में अनशन पर बैठे हैं और उनकी तबियत लगातार बिगड़ रही है। सुरजेवाला ने डल्लेवाल की गंभीर स्वास्थ्य स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को किसानों की मांगें स्वीकार कर और डल्लेवाल का अनशन तत्काल समाप्त करवाना चाहिए।
Randeep Surjewala ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश का अन्नदाता आज अपने अधिकारों के लिए भूखा बैठा है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सुप्रीम कोर्ट और संसद की समिति ने सिफारिशें की हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया। यह सिर्फ किसान नेताओं की नहीं, बल्कि पूरे किसान समुदाय की समस्या है। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार न तो किसानों की चिंता करती है और न ही उनके अधिकारों की रक्षा करने वाले नेताओं की। सुरजेवाला ने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह न केवल डल्लेवाल जैसे नेताओं की आवाज सुने, बल्कि किसानों की समस्याओं का जल्द समाधान निकाले।
सुरजेवाला ने खनौरी बॉर्डर पर मीडिया से बातचीत में कहा, “डल्लेवाल का जीवन हमारे लिए अनमोल है। वह अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं, बल्कि किसानों की सही मांगों के लिए अनशन पर हैं। उनकी मांगों में एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित कई जायज मुद्दे हैं, जिन्हें हल किया जाना चाहिए।” उन्होंने दावा किया कि हरियाणा में किसानों को एमएसपी नहीं मिल रही है, जो एक गंभीर समस्या है।
सुरजेवाला ने डल्लेवाल को यह आश्वासन दिया कि कांग्रेस पार्टी और हम सब उनके साथ हैं, और एमएसपी की गारंटी के लिए कानून बनवाना हमारी प्राथमिकता है। इस दौरान, उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं जैसे जोगेंद्र सिंह उग्रांहा, दर्शन पाल और अन्य से भी मुलाकात की और किसानों की समस्याओं पर चर्चा की।
सुरजेवाला ने कहा कि किसानों का आंदोलन अब तक शांतिपूर्ण रहा है, और किसान बिना ट्रैक्टर ट्रॉली के दिल्ली जाने को भी तैयार हो गए थे। फिर भी, किसानों को दिल्ली जाने से रोकना पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है। उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र में नागरिकों को शांतिपूर्वक अपनी बात रखने और कहीं भी जाने का अधिकार है। किसानों की मांग पूरी तरह से जायज है और कई वर्षों से लंबित है। खुद भाजपा ने एमएसपी का वादा करके किसान आंदोलन को समाप्त करने का दावा किया था, लेकिन अब तक एमएसपी पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी हमेशा से स्वामीनाथन रिपोर्ट के आधार पर किसानों को एमएसपी देने की पक्षधर रही है। भाजपा ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद उसने अपने वादे को भूलकर किसानों की लागत कई गुना बढ़ा दी।” सुरजेवाला ने कहा कि किसानों की मेहनत के बिना देश का विकास संभव नहीं है और सरकार को एमएसपी पर एक ठोस नीति बनानी चाहिए। केंद्र सरकार को अब संवेदनहीन रवैया छोड़कर किसानों से बात करनी चाहिए और उनकी मांगों को तुरंत पूरा करना चाहिए।