Connect with us

Haryana

कैप्टन Abhimanyu का गांव-गांव हो रहा अंदरूनी विरोध, लगातार 2 चुनाव में भाजपा बुरी तरह हारी

Published

on

कैप्टन Abhimanyu के लिए मुश्किल समय इसलिए है क्योंकि हरियाणा के नारनौंद के गांवों में कुछ लोग उनका समर्थन नहीं करना चाहते हैं। यहां तक ​​कि उनकी अपनी पार्टी भाजपा के कुछ सदस्य भी उनकी ज्यादा मदद नहीं कर रहे हैं। पिछली बार बड़े चुनावों के दौरान किसानों के विरोध के कारण कई लोग उन्हें पसंद नहीं करते थे। इस वजह से कैप्टन डरे हुए हैं और उन्होंने उन गांवों में कोई मीटिंग प्लान नहीं की है, जहां पहले उनका स्वागत नहीं हुआ था।

फिलहाल ऐसा लग रहा है कि कैप्टन अभिमन्यु के लिए नारनौंद में जीतना मुश्किल हो सकता है। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि उन्हें स्थानीय लोगों का मजबूत समर्थन नहीं मिल रहा है। मसूदपुर, डाटा, गुराना और खानपुर जैसे कुछ गांवों में लोग उनसे खुश नहीं हैं। पिछली बार बड़े चुनावों के दौरान इन गांवों में किसानों ने उनकी कार को घेर लिया था और नारेबाजी की थी। वे इसलिए परेशान थे क्योंकि उन्हें लगा कि मुश्किल समय में कैप्टन अभिमन्यु ने उनकी मदद नहीं की।

भाजपा पार्टी के लिए मुश्किल समय इसलिए है क्योंकि कैप्टन अभिमन्यु मदद के लिए मौजूद नहीं हैं। लोगों को लगता है कि वह एक बहुत ही महत्वपूर्ण नेता की तरह काम करते हैं और उनकी बात सुनने वाले की तरह नहीं। जब लोगों को कोई समस्या होती है और वे उनसे बात करने जाते हैं, तो वह उनसे मिलते नहीं हैं और अपने भतीजे से मदद करवाते हैं। इस वजह से चुनाव के दौरान भाजपा को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। 2019 में कैप्टन अभिमन्यु का मुकाबला रामकुमार गौतम से था, जो जेजेपी नामक समूह से थे।

कैप्टन अभिमन्यु को 60,406 लोगों ने वोट दिया, लेकिन रामकुमार गौतम को 73,435 वोट मिले, यानी कैप्टन अभिमन्यु 12,029 वोटों से हार गए। बाद में, लोकसभा चुनाव नामक एक और बड़े चुनाव में, भाजपा से रंजीत चौटाला नामक व्यक्ति कैप्टन अभिमन्यु की मदद से नारनौंद नामक जगह पर अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद कर रहा था। लेकिन चीजें उनके लिए अच्छी नहीं रहीं और उन्हें पर्याप्त वोट नहीं मिले। इसके बजाय, कांग्रेस समूह ने नारनौंद में वास्तव में अच्छा प्रदर्शन किया और हिसार चुनाव जीत गया।

कैप्टन बरवाला नामक एक अलग क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहते थे, इसलिए उन्होंने वहां के लोगों से पूछा कि वे उनके बारे में क्या सोचते हैं। उन्होंने अपनी कंपनी से लोगों को फोन करके पूछा कि क्या वे उनका समर्थन करेंगे। लेकिन जब उन्हें पता चला कि लोग क्या सोचते हैं, तो उनमें से ज़्यादातर ने कहा कि वे नहीं चाहते कि वे बरवाला से चुनाव लड़ें। इस वजह से कैप्टन को नारनौंद से चुनाव लड़ना पड़ा।

author avatar
Editor Two
Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Haryana

रैली को संबोधित करते हुए CM Yogi ने शे के व्यापार पर साधा निशाना, कहा डबल इंजन वाली सरकार नशे के व्यापार में शामिल ‘महिषासुर’….

Published

on

उत्तर प्रदेश के CM Yogi आदित्यनाथ ने इस बात पर चर्चा की कि पिछले दस सालों में सरकार ने राज्य के विकास में कितनी मदद की है। उन्होंने 5 अक्टूबर को चुनाव से ठीक पहले हरियाणा के कुरुक्षेत्र में एक बड़ी सभा में बात की। योगी ने कहा कि मौजूदा सरकार के तहत हरियाणा ने नई सड़कें बनाई हैं, ट्रेनों को बेहतर बनाया है, नए पुल बनाए हैं और युवाओं को बिना पैसे दिए या विशेष कागजात दिखाए नौकरी पाने में मदद की है। सीएम योगी ने बताया कि डबल इंजन सरकार एक मजबूत मां की तरह है जो लोगों को उन लोगों से बचाती है जो ड्रग व्यापार जैसे बुरे कामों में शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि कैसे जम्मू-कश्मीर नामक जगह से अनुच्छेद 370 नामक एक विशेष नियम को हटा दिया गया, जिससे वहां चीजों को बेहतर बनाने में मदद मिली। कुरुक्षेत्र के शाहाबाद में एक अन्य कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि अयोध्या से पता चलता है कि डबल इंजन सरकार कितनी मजबूत है। पिछले दस सालों में इस सरकार ने हरियाणा में कई अच्छे प्रोजेक्ट पर काम किया है। उन्होंने ड्रग का व्यापार करने वालों की तुलना पौराणिक खलनायकों से की और उनका मानना ​​है कि डबल इंजन सरकार भगवान से सकारात्मक संदेश लेकर आती है। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र दुनिया का पहला ऐसा स्थान है जिसे धर्मक्षेत्र के रूप में जाना जाता है, भले ही यह युद्ध का मैदान हुआ करता था। यह इसलिए खास बन गया क्योंकि महाभारत की कहानी यहीं हुई थी।

यहीं पर भगवान कृष्ण ने अच्छे लोगों की रक्षा करने और बुरे लोगों को रोकने का महत्वपूर्ण संदेश दिया था। 90 सदस्यों वाली हरियाणा विधानसभा के लिए 5 अक्टूबर को चुनाव होंगे। 2019 में पिछले चुनाव में भाजपा पार्टी ने सबसे ज्यादा सीटें (40) जीती थीं, जबकि कांग्रेस पार्टी को 30 सीटें मिली थीं।

author avatar
Editor Two
Continue Reading

Haryana

Virender Sehwag ने अनिरुद्ध चौधरी के लिए मांगे वोट, वोटिंग से पहले किया प्रचार

Published

on

हरियाणा में लोग 5 अक्टूबर को मतदान करेंगे। उससे पहले उम्मीदवारों के पास यह बताने का आखिरी दिन है कि उन्हें क्यों चुना जाना चाहिए। उन्हें शाम 6 बजे तक अपने प्रचार अभियान के बारे में शोर मचाना बंद करना होगा। हर कोई वोट पाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहता है। कुछ मशहूर लोग, जिन्हें स्टार प्रचारक कहा जाता है, अपने पसंदीदा उम्मीदवारों की मदद कर रहे हैं और लोगों से उनके लिए वोट मांग रहे हैं। इन स्टार प्रचारकों में से एक पूर्व क्रिकेटर Virender Sehwag हैं, जो बुधवार को हरियाणा के तोशाम नामक स्थान पर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार अनिरुद्ध चौधरी के लिए वोट मांगने गए थे।

वीरेंद्र सहवाग ने एक रिपोर्टर से बात की और कहा कि वे मदद करने आए हैं क्योंकि परिवार का समर्थन करना महत्वपूर्ण है, ठीक वैसे ही जैसे बड़े भाई के कुछ करने पर सभी मदद करते हैं। अनिरुद्ध चौधरी ने बताया कि ज्यादातर क्रिकेट खिलाड़ी आम तौर पर चुनाव प्रचार के दौरान मदद नहीं करते हैं, लेकिन वीरेंद्र हमेशा बिना पूछे ही आ जाते हैं। अनिरुद्ध उनके वहां होने के लिए वास्तव में उनके आभारी हैं। सहवाग ने कहा कि अनिरुद्ध चौधरी लोगों से किए गए सभी वादे पूरे करेंगे। वह जानता है कि चीजों को कैसे चलाना है क्योंकि वह पहले भी ऐसा कर चुका है। सहवाग ने तोशाम के लोगों से वादा किया कि अगर अनिरुद्ध जीतता है, तो वह उन्हें खुश करेगा और निराश नहीं करेगा।

तोशाम में दो चचेरे भाइयों: श्रुति चौधरी और अनिरुद्ध चौधरी के बीच एक खास पद के लिए प्रतिस्पर्धा चल रही है। श्रुति किरण चौधरी की बेटी हैं और पहले भी नेता रह चुकी हैं, जो भिवानी-महेंद्रगढ़ नामक जगह का प्रतिनिधित्व करती हैं। अनिरुद्ध रणवीर सिंह महेंद्र के बेटे हैं, जो क्रिकेट संगठन बीसीसीआई के बॉस हुआ करते थे। जब श्रुति चौधरी को 2024 के लोकसभा चुनाव में भाग लेने का मौका नहीं मिला, तो उन्होंने और उनकी माँ किरण चौधरी ने भाजपा पार्टी में शामिल होने का फैसला किया। किरण चौधरी अब भाजपा की वजह से राज्यसभा की सदस्य हैं, जो सरकार में नेताओं का एक खास समूह है। चूंकि श्रुति अब भाजपा का हिस्सा हैं, इसलिए वे उन्हें तोशाम सीट जीतने की कोशिश करने दे रहे हैं। भाजपा वास्तव में इस सीट को जीतना चाहती है क्योंकि उन्होंने इसे पहले नहीं जीता है।

author avatar
Editor Two
Continue Reading

Haryana

Haryana : एक दोस्त के भरोसे दूसरा दोस्त जा रहा था Canada, लेकिन पुलिस ने गिरफ्तार कर भेजा सलाखों के पीछे

Published

on

एक बार की बात है, भारत के अमरगढ़ नामक गांव में कुलदीप नाम का एक लड़का रहता था। कुलदीप बहुत उत्साहित था क्योंकि उसे Canada जाने के लिए वीज़ा नामक एक विशेष अनुमति मिली थी, और उसके लिए वहाँ एक नौकरी भी थी, जिसके लिए उसके एक दोस्त ने उसकी मदद की थी। लेकिन जब कुलदीप कनाडा जाने के लिए अपनी फ्लाइट पकड़ने के लिए दिल्ली के बड़े एयरपोर्ट पर पहुंचा, तो कुछ ऐसा हुआ जो आश्चर्यजनक और डरावना था जिसने उसके सारे सपने बदल दिए।

कुलदीप बहुत परेशान था क्योंकि उसका सपना शुरू होने से पहले ही टूट गया था। उसे इस बात की भी चिंता थी कि वह अपने सपने को पूरा करने के लिए उधार ली गई बड़ी रकम कैसे वापस पाएगा। हालात तब और भी खराब हो गए जब एयरपोर्ट पर पुलिस ने उसे पकड़ लिया और जेल में डाल दिया।

अमरगढ़ नामक गांव में रहने वाला 21 वर्षीय कुलदीप 28 सितंबर की शाम को आईजीआई एयरपोर्ट गया था। उसे रात 10:50 बजे टोरंटो के लिए फ्लाइट पकड़नी थी। लेकिन जब एयरपोर्ट अधिकारियों ने उसके पासपोर्ट की जांच की, तो उन्हें पता चला कि उस पर कनाडा का वीज़ा स्टिकर नकली था।

इसके बाद इमिग्रेशन के जिम्मेदार लोगों ने कुलदीप को पकड़कर एयरपोर्ट पर पुलिस के हवाले कर दिया। इमिग्रेशन वालों की बातों के चलते एयरपोर्ट पुलिस ने उस पर कुछ नियम-कानून थोपने का फैसला किया। फिर, उन्होंने उससे सवाल-जवाब करने शुरू किए। इन सवालों के दौरान कुलदीप ने कई अहम जानकारियां साझा कीं। डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि जब उन्होंने कुलदीप से सवाल पूछे तो उसने बताया कि उसका भाई कनाडा इसलिए गया था क्योंकि उसे अच्छी नौकरी चाहिए थी। भाई की हालत देखकर कुलदीप ने तय किया कि उसे भी कनाडा जाना है।

भाई की मदद के लिए उसने एक दोस्त के जरिए संदीप नाम के शख्स को ढूंढा। संदीप ने उससे कहा कि अगर कुलदीप उसे 18 लाख रुपए दे तो वह उसे कनाडा भेज सकता है और साथ ही वह कुलदीप की मां का वीजा भी लगवा देगा। कुलदीप ने संदीप की बातों पर यकीन कर लिया और उसे 5 लाख रुपए दे दिए और बाकी पैसे कनाडा पहुंचने पर देने की योजना बनाई। कुलदीप के पैसे देने के बाद संदीप ने उसे वीजा और कनाडा के लिए हवाई जहाज का टिकट दिलवाया। लेकिन जब कुलदीप एयरपोर्ट पहुंचा तो वह मुश्किल में पड़ गया क्योंकि संदीप ने जो वीजा उसे दिया था वह असली नहीं था। कुलदीप ने जो बताया, उसके आधार पर पुलिस ने संदीप की तलाश शुरू कर दी।

संदीप नाम के व्यक्ति को पकड़ने के लिए एक विशेष टीम बनाई गई। इस टीम का नेतृत्व इंस्पेक्टर सुशील गोयल कर रहे थे और इसमें सब इंस्पेक्टर राहुल और हेड कांस्टेबल दलबीर शामिल थे। उन्होंने समुदाय और तकनीक से मिली जानकारी का इस्तेमाल करके पता लगाया कि संदीप कहां है। जल्द ही उन्होंने उसे ढूंढ निकाला और हरियाणा के कैथल नामक जगह से गिरफ्तार कर लिया।

author avatar
Editor Two
Continue Reading

Trending