Haryana
Haryana के कई जिलों में खतरनाक हुई हवा, आंखों में जलन व सांस लेने में हो रही है लोगो को तकलीफ
Haryana में हवा अभी सांस लेने लायक नहीं है। पिछले शुक्रवार को बहादुरगढ़ पर पूरे देश में सबसे खराब हवा थी, जिसका एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 392 तक पहुंच गया। यह इस सीजन का सबसे अधिक है। ठीक एक दिन पहले, गुरुवार को AQI 226 था, यानी यह बहुत बढ़ गया – एक दिन में 166 पॉइंट! 4 नवंबर को बहादुरगढ़ 335 AQI के साथ देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर था। भिवानी, सोनीपत और जींद जैसे अन्य शहरों में भी बहुत प्रदूषित हवा है, इनका AQI नंबर 300 से ऊपर है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है।
जब हवा की गुणवत्ता बहुत खराब हो जाती है और यह संख्या 400 तक पहुंच जाती है, तो Haryana में हवा को साफ रखने के लिए जिम्मेदार लोग समस्या को ठीक करने में मदद करने के लिए नए नियम बनाते हैं। जब हवा की गुणवत्ता इतनी खराब होती है, तो लोगों की आंखों में दर्द होने लगता है और उन्हें सांस लेने में परेशानी होने लगती है। प्रोफेसर रविंद्र खैवाल नाम के एक डॉक्टर का कहना है कि प्रदूषण की वजह से सांस लेने में तकलीफ, आंखों की समस्या, त्वचा की समस्या और दिल की समस्याओं के लिए अस्पताल में आने वाले लोगों की संख्या में इज़ाफ़ा होगा। यह गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए खास तौर पर खतरनाक है। हवा के चलने का तरीका और दूसरी स्थानीय चीज़ें प्रदूषण को और भी बदतर बना सकती हैं।
हमारे देश के 44 शहरों में हवा बहुत गंदी है और एयर क्वालिटी नंबर (AQI) 200 से 300 के बीच है। इसमें हरियाणा के 6 शहर शामिल हैं। इन शहरों के वायु गुणवत्ता के आंकड़े इस प्रकार हैं: गुरुग्राम में 271, बल्लभगढ़ में 261, फरीदाबाद में 235, हिसार में 232, कुरुक्षेत्र में 221 और रोहतक में 259। 8 नवंबर को, जो कि गुरुवार था, गुरुग्राम 302 AQI के साथ पूरे देश में 5वां सबसे गंदा शहर था।
यदि वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 तक पहुँच जाता है, तो इसका मतलब है कि हवा बहुत प्रदूषित है, और इस समस्या को ठीक करने में मदद के लिए ग्रेप-3 नामक विशेष नियम लागू किए जाएँगे। हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक वरिष्ठ व्यक्ति का कहना है कि जब AQI 400 के करीब होता है, तो हमें बहुत सावधान रहने की जरूरत होती है। प्रदूषण को कम करने में मदद के लिए, वे पहले से ही दिल्ली के पास 14 क्षेत्रों में ग्रेप-2 नामक कुछ नियमों का उपयोग कर रहे हैं निर्माण स्थल कितना बड़ा है, इस पर निर्भर करते हुए वे इन बंदूकों की अलग-अलग संख्या का उपयोग करेंगे: एक छोटी साइट के लिए और अधिक बड़ी साइट के लिए।
अब तक, हमने 56 लाख टन पराली से छुटकारा पा लिया है, लेकिन हम अपना लक्ष्य पूरा नहीं कर पाएंगे।
शुक्रवार तक, राज्य ने लगभग 54 लाख टन पराली से छुटकारा पा लिया है, लेकिन वे कुल मिलाकर 81 लाख टन पराली से छुटकारा पाना चाहते हैं। उन्होंने चावल के पौधों (जिसे धान कहा जाता है) का लगभग 85 प्रतिशत संग्रह भी पूरा कर लिया है। इसका मतलब है कि पराली से निपटने का समय लगभग समाप्त हो गया है। अभी, ऐसा लग रहा है कि वे इस सीजन में 81 लाख टन पराली से छुटकारा पाने के लक्ष्य तक नहीं पहुँच पाएंगे। पिछले साल, उन्होंने लगभग 80 लाख टन पराली से छुटकारा पाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन वे केवल 74 लाख टन से ही छुटकारा पा सके। अब तक, उन्होंने पाया है कि राज्य में 919 अलग-अलग जगहों पर पराली जलाई गई है।
कृषि विभाग के एक व्यक्ति ने कहा कि उन्होंने खेती से बहुत अधिक पराली का ख्याल रखा है। उन्होंने 29 लाख टन पराली को वहीं निपटाया है, जहां पर वह उगाई गई थी और 14 लाख टन अन्य जगहों पर। इस पराली में से 11 लाख टन पराली का इस्तेमाल गाय और बकरी जैसे जानवरों को खिलाने के लिए किया गया है। वे अपने लक्ष्यों के आधार पर पराली का प्रबंधन करने का काम कर रहे हैं। राज्य में किसान 38.87 लाख एकड़ जमीन पर चावल उगाते हैं। इसमें से 19.49 लाख एकड़ में बासमती नामक एक खास किस्म का चावल उगाया जाता है, जबकि 19.38 लाख एकड़ में अन्य किस्म के चावल उगाए जाते हैं। उनकी योजना कुल 22.65 लाख टन पराली का इस्तेमाल जानवरों को खिलाने के लिए करने की है। वे 33.04 लाख टन पराली का वहीं पर निपटारा करेंगे, जहां वह है और 25.39 लाख टन पराली का दूसरे तरीकों से निपटारा किया जाएगा।
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Haryana के मौसम में बदलाव, तापमान में वृद्धि और प्रदूषण में सुधार
Haryana में पिछले 24 घंटे में मौसम में बदलाव देखा गया है। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से दिन और रात के तापमान में बढ़ोतरी हुई है। दिन के तापमान में 0.2 डिग्री की वृद्धि हुई, जबकि रात का तापमान 1.3 डिग्री तक बढ़ा है। करनाल में सबसे ठंडा दिन दर्ज किया गया, जहां दिन का अधिकतम तापमान 25.0 डिग्री सेल्सियस था। वहीं, सोनीपत में सबसे ठंडी रातें रही, जहां न्यूनतम तापमान 8.3 डिग्री सेल्सियस रहा।
मौसम में बदलाव के कारण
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से प्रदेश के कई जिलों में बादल छाने की संभावना है, जिससे रात के तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है। साथ ही, पहाड़ों से आने वाली हवाओं के कारण दिन के तापमान में गिरावट देखने को मिल सकती है।
वायु गुणवत्ता में सुधार
प्रदेश में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 से नीचे आ गया है। हवा की दिशा में बदलाव के कारण प्रदूषण के स्तर में सुधार हुआ है। शनिवार को प्रदेश के सभी शहरों में औसत एयर क्वालिटी सूचकांक 300 से नीचे रहा। हिसार का AQI 217 के करीब रहा, जो अन्य जिलों के मुकाबले सबसे अधिक था। वहीं, फरीदाबाद का AQI 190, भिवानी का 186, बहादुरगढ़ का 183, सिरसा का 182, रोहतक का 176, जींद का 168, कुरुक्षेत्र का 164, गुरुग्राम का 163 और मुरथल का 160 दर्ज किया गया। मांडीखेड़ा और पलवल में हवा सबसे साफ पाई गई।
आगे का मौसम
कृषि मौसम विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. मदन खीचड़ के अनुसार, 2 दिसंबर तक मौसम शुष्क रहने की संभावना है। हालांकि, एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव के कारण हवा की दिशा में बदलाव होगा, जिससे बादल छाने की संभावना है और रात के तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है।
आने वाले दिनों में, मौसम साफ रहने के साथ-साथ पहाड़ों से चलने वाली हवाओं के प्रभाव से दिन और रात के तापमान में गिरावट देखी जा सकती है।
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गीता महोत्सव: Manohar Lal की पहल ने गीता संदेश को विश्व पटल पर पहुंचाया
कुरुक्षेत्र: विश्वभर में गीता संदेश अब एक समाधान के रूप में स्थापित हो चुका है, और इस श्रेय का एक बड़ा हिस्सा हरियाणा के मुख्यमंत्री Manohar Lal को जाता है। गीता के दिव्य संदेश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैलाने में उनकी भूमिका अहम रही है। मनोहर लाल की पहल पर ही अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव को वैश्विक मंच पर पहुंचाया गया, और इस महोत्सव का आयोजन अब पांच देशों में किया जा चुका है।
9वां अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव
इस साल, 9वां अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव ब्रह्मसरोवर के तट पर शुरू हो चुका है और 15 दिसंबर तक यह आयोजन जारी रहेगा। इस महोत्सव की शुरुआत मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 2016 में की थी और तब से लेकर अब तक इस महोत्सव ने अंतरराष्ट्रीय स्वरूप ग्रहण कर लिया है।
मनोहर लाल की पहल ने गीता महोत्सव को नया आकार दिया
मनोहर लाल की पहल पर ही गीता महोत्सव को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली। इस महोत्सव का आयोजन अब न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी होता है। मारिशस, इंडोनेशिया, बाली, आस्ट्रेलिया, कनाडा और इस बार तंजानिया भी गीता महोत्सव के कंट्री पार्टनर के रूप में जुड़ चुका है। ओडिशा इस बार राज्य पार्टनर के रूप में शामिल होगा।
गीता महोत्सव: एक वैश्विक पहल
2019 में, मारिशस और लंदन में पहले अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया गया था। उसके बाद, कनाडा (सितंबर 2022), आस्ट्रेलिया (अप्रैल 2023), श्रीलंका, इंग्लैंड में भी इस महोत्सव का आयोजन हो चुका है। खास बात यह है कि कनाडा की संसद में गीता की स्थापना भी की गई है।
कृष्णा सर्किट और गीता स्थली का जीर्णोद्धार
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गीता की उत्पत्ति स्थली ज्योतिसर, ब्रह्मसरोवर और सन्निहित सरोवर के विकास के लिए योजनाएं बनाई। उन्होंने कृष्णा सर्किट में कुरुक्षेत्र को शामिल किया और इन धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार किया। इसके अलावा, 48 कोस तीर्थों के विकास के लिए 48 कोस तीर्थ निगरानी कमेटी का गठन भी किया गया।
अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती मेला प्राधिकरण का गठन
मनोहर लाल की पहल पर हरियाणा अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती मेला प्राधिकरण का गठन किया गया, जिसका उद्देश्य महोत्सव के आयोजन और प्रबंधन को सुव्यवस्थित करना था। इस प्राधिकरण से मिलने वाली आय से भविष्य के आयोजनों को आयोजित किया जाएगा।
गीता के संदेश में समाधान की शक्ति
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि गीता के उपदेशों में संपूर्ण विश्व की समस्याओं का समाधान निहित है। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को भारत की हजारों साल पुरानी सांस्कृतिक धरोहर से अवगत कराता है। उन्होंने केडीबी अधिकारियों से एक ऐसी लोकल तीर्थ यात्रा सर्किट योजना तैयार करने का निर्देश दिया जिससे तीर्थयात्री कुरुक्षेत्र के धार्मिक स्थलों का भ्रमण कर सकें।
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Barah Khurd: बाल विवाह निषेध टीम ने 12 वर्षीय बच्ची की शादी रुकवाई, परिवार को किया जागरूक
Barah Khurd गांव में रविवार को बाल विवाह निषेध अधिकारी टीम ने समय पर कार्रवाई कर 12 वर्षीय बच्ची की शादी को रुकवाया। टीम ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को बाल विवाह अधिनियम के तहत बालिका विवाह के दुष्परिणाम समझाए और भविष्य में बालिग होने तक शादी न करने का लिखित आश्वासन लिया।
घटना का विवरण
बाल विवाह निषेध अधिकारी सुनीता को सूचना मिली कि बराह खुर्द गांव में एक 12 वर्षीय लड़की की शादी हो रही है। शादी के लिए बारात करनाल के शांपली गांव से आई थी।
टीम की त्वरित कार्रवाई
सहायक बाल विवाह निषेध अधिकारी रवि लोहान। मौके पर पहुंचकर टीम ने परिजनों से लड़की के जन्म संबंधी दस्तावेज मांगे। शुरुआत में परिवार ने शादी न होने की बात कहकर स्थिति को टालने की कोशिश की। अन्य ग्रामवासियों और गवाहों को बुलाने के बाद परिजनों ने दस्तावेज पेश किए।
जांच के परिणाम
दूल्हा-दुल्हन की उम्र में लगभग 19 साल का अंतर पाया गया। परिजनों ने बताया कि वे अनपढ़ हैं और कानून की जानकारी के अभाव में शादी का निर्णय लिया।
परिवार को दी गई चेतावनी और सलाह
सहायक बाल विवाह निषेध अधिकारी रवि लोहान ने परिजनों को कानून का पालन करने की चेतावनी दी। परिजनों को बताया गया कि नाबालिग की शादी करना बाल विवाह अधिनियम 2006 के तहत अपराध है। परिवार ने आश्वासन दिया कि बालिग होने के बाद ही लड़की की शादी करेंगे।
समुदाय का सहयोग
कार्रवाई के दौरान एम.डी.डी. ऑफ इंडिया के जिला समन्वयक नरेंद्र शर्मा और सामुदायिक सामाजिक कार्यकर्ता रमन ने भी परिजनों को जागरूक किया।
लिखित बयान और भविष्य की कार्रवाई
परिवार ने लिखित रूप से यह वादा किया कि वे कानून का पालन करेंगे। यदि भविष्य में नाबालिग लड़की की शादी की कोशिश की गई, तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बाल विवाह निषेध टीम की तत्परता और जागरूकता प्रयासों ने न केवल एक बच्ची को बाल विवाह से बचाया, बल्कि समुदाय में बाल विवाह के प्रति जागरूकता भी बढ़ाई। यह कदम बाल अधिकारों और लड़कियों के उज्जवल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
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