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पानीपत की जन आक्रोश रैली में जनसैलाब देखकर गदगद हुए दीपेंद्र हुड्डा, प्रदेश अध्यक्ष के साथ मिल मौजूदा सरकार को जमकर घेरा

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पानीपत : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान व सांसद दीपेंद्र हुड्डा आज इसराना हलके के मतलौडा अनाज मंडी में आयोजित विशाल जनआक्रोश रैली को संबोधित करने पहुंचे। इस दौरान अनाज मंडी में पैर रखने की भी जगह नहीं बची। वहां उमड़े जनसैलाब को देखकर गदगद हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान व सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने जमकर सरकार को घेरा। उदयभान ने कहा कि जनआक्रोश रैली में उमड़ा जनसैलाब बता रहा कि भाजपा-जजपा जा रही है और कांग्रेस आ रही है। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि आज इतनी बड़ी रैली में आपकी मौजूदगी से हमारा हौसला बढ़ा है। किसान आंदोलन में 750 किसानों की बलि लेने वाली सरकार, दिल्ली की सड़कों पर न्याय मांग रही हमारी खिलाड़ी बेटियों को सड़क पर घसीटने वाली सरकार, कर्मचारियों, सरपंचों, सफाई कर्मचारियों पर लाठी बरसाने वाली अहंकारी सरकार के पास धनबल, सत्ताबल, सरकारी तंत्रबल है लेकिन हमारे पास जनता का आशीर्वाद है और हम आपके आशीर्वाद की ताकत से इस अहंकारी सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़कर जीतेंगे। हरियाणा को दोबारा से विकास व खुशहाली के रास्ते पर लेकर जायेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि चौ. उदयभान के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से पिछले एक साल में करीब 34 विधायक, पूर्व विधायक, पूर्व सांसदों ने भाजपा, जजपा, इनेलो जैसी पार्टियों को छोड़कर कांग्रेस पार्टी का दामन थामा है। उन्होंने रैली में उमड़े जनसैलाब का आभार प्रकट किया और कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिये विधायक बलबीर बाल्मिकी को बधाई दी।

रैली को संबोधित करते हुए सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि 2014 से पहले कांग्रेस की हुड्डा सरकार के समय विकास दर, प्रति व्यक्ति आय, प्रति व्यक्ति निवेश, खिलाड़ियों के मान-सम्मान में, किसानों के कल्याण और किसान हित में, गरीब कल्याणकारी योजनाओं में और आपसी भाईचारे में देश भर में एक नंबर पर था। लेकिन बीजेपी और बीजेपी-जेजेपी सरकार ने हरियाणा को बेरोजगारी, महंगाई, नशा, अपराध में नंबर 1 बना दिया। आज न प्राईवेट सेक्टर में रोजगार है न सरकारी क्षेत्र में रोजगार मिल रहा है। पक्की नौकरियों को कौशल निगम या अग्निवीर जैसी योजनाओं के जरिये कच्चा किया जा रहा है। हरियाणा की सरकारी भर्तियों में जो लिस्ट आ रही है उसमें ज्यादातर दूसरे प्रदेशों के नौजवानों को हरियाणा की लिस्ट में जगह दी जा रहे है। इसका उदाहरण देते हुए दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि एसडीओ भर्ती में 80 में से 78 बाहर के चयनित हुए। एसडीओ इलेक्ट्रिकल में 99 में से 77 बाहर के, असिस्टेंट प्रोफेसर टेक्निकल की लिस्ट में 156 में से 103 बाहर के चयनित हुए। हरियाणा की सरकारी नौकरियों में तो ऐसा लगता है कि 75 प्रतिशत रिजर्वेशन बाहर के नौजवानों को दे दिया गया है। और इस कार्य के लिए HPSC में हरियाणा के बाहर के व्यक्ति को चेयरमैन बना दिया गया।

दीपेन्द्र हुड्डा ने बताया कि हाल ही में वे अमेरिका में हरियाणा के प्रवासी नौजवानों से मिलकर वापस लौटे हैं। पिछले 5 साल में हरियाणा से रोजगार की तलाश में करीब 5 लाख युवाओं का पलायन हुआ है। अकेले अहरकुराना गाँव के 700 बच्चे मिले जो लाखों रुपए का कर्ज लेकर बेरोजगारी के चलते अपना घर, अपने माता-पिता, प्रदेश-देश को छोड़कर दूसरे देशों में जाने को मजबूर हुए। हरियाणा के विभिन्न इलाकों के नौजवानों ने अपना दर्द साझा करते हुए बताया कि अपने माता-पिता, घर छोड़कर कोई नहीं जाना चाहता लेकिन, पिछले 10 साल में हरियाणा में बेरोजगारी ने हालात बदतर कर दिये। हजारों-लाखों नौजवान अपने दिल पर पत्थर रखकर रोजगार के लिए दूसरे देशों में जाना पड़ा है।

उन्होंने आगे कहा कि इस सरकार में हरियाणा महंगाई में नंबर 1 हो गया। सबसे ज्यादा वैट के कारण डीजल-पेट्रोल, रसोई गैस महंगी है, हरियाणा में सबसे महंगी बिजली, बच्चों की स्कूल फीस से हर घर का बजट बिगड़ गया है। भ्रष्टाचार के मामले में देश में सबसे ज्यादा कलंकित कोई सरकार हुई है तो प्रदेश की भाजपा-जजपा सरकार है। ये सरकार भ्रष्टाचार में सबसे आगे है। BJP-JJP का समझौता ₹5100 बुढ़ापा पेंशन और 75% रिज़र्वेशन का नहीं बल्कि मिलकर खुलकर भ्रष्टाचार करने का था। हरियाणवी नौजवानों को प्राइवेट सेक्टर में 75% आरक्षण देने की सरकार की कभी कोई मंशा थी ही नहीं, ये सिर्फ ढकोसला था। BJP-JJP का समझौता सरकारी महकमे आपस में बाँट कर हरियाणा को लूटने का था।

दीपेन्द्र हुड्डा ने इस सरकार के अहंकार का जिक्र करते हुए कहा कि सत्ता में बैठे लोगों का सातवें आसमान पर पहुंच गया है। मुख्यमंत्री से जब एक महिला ने बेरोजगारी खत्म करने की मांग की तो उन्हें चंद्रयान में बैठाकर भेजने की बात कही। एक महिला ने नशा कारोबारियों पर कार्रवाई करने की मांग की तो उन्हें भी अपमानित किया और एक व्यक्ति को तो पिटाई कराने की बात कही तो एक को धक्के मारकर बाहर निकलवाने के धमकी दे दी। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के समय हरियाणा के कुल 15 सांसदों में से वो अकेले विपक्षी सांसद थे और जब संसद में किसानों की आवाज़ उठाते थे तो उनका मजाक उड़ाया जाता था, ताने कसे जाते थे। 750 किसानों की बलि लेने वाली सरकार ने किसानों के लिये सहानुभूति के दो शब्द बोलने तक से इनकार कर दिया।

उन्होंने संकल्प दिलाया कि हरियाणा में ऐसी सरकार जायेगी जो सबका अपमान करती है और ऐसी सरकार आयेगी जो सबका मान सम्मान करे। हरियाणा से अहंकारी सरकार जायेगी और अहंकार फ्री सरकार आयेगी। हरियाणा में ऐसी सरकार आयेगी जो बुजुर्गों को 6000 रुपये बुढ़ापा पेंशन, कर्मचारियों के लिये ओल्ड पेंशन स्कीम, गृहणियों के लिये 500 रुपये में गैस सिलेंडर, गरीबों को 100-100 गज के मुफ्त प्लॉट, 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का काम करेगी। हरियाणा में चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा और चौ. उदयभान के नेतृत्व में हरियाणा का मजबूत भाईचारा बनाने, पंच-सरपंचों को ज्यादा अधिकार देने वाली सरकार आयेगी जो प्रदेश को विकास व खुशहाली के रास्ते पर आगे लेकर जायेगी।

इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष चौ. उदयभान ने कहा कि हर साल 2 करोड़ नौकरी, किसानों की दोगुनी आमदनी, किसानों को MSP, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का वादा करने वाले, हवाई चप्पल वालों को हवाई जहाज में यात्रा करवाने का वादा करने वाले जुमलेबाजों की हकीकत सामने आ गयी है। अब भाजपा नेताओं से जनता सवाल पूछ रही है कि प्रदेश पर 4 लाख करोड़ का कर्जा कैसे हो गया? प्रदेश में जब कोई बच्चा जन्म ले रहा है तो उसके सिर पर 1,32,000 का कर्जा कैसे हो गया? प्रदेश बेरोजगारी, महंगाई में नंबर 1 पर है। युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। 33 से ज्यादा बार परीक्षा के पर्चे लीक हो चुके हैं, नौकरियों की खुलेआम बोली लग रही है। इस सरकार ने परिवार पहचान पत्र को हथियार बनाकर 960000 गरीब परिवारों के पीले राशन कार्ड काटने का महापाप किया है। इस सरकार ने पीपीपी हथियार से पौने पांच लाख बुजुर्गों की पेंशन काट दी। शिक्षा का बंटाधार कर दिया 4800 स्कूल मर्ज कर दिये, 498 स्कूल बंद कर दिये। हरियाणा में 1038 स्कूलों में लड़कों के लिये टॉयलेट नहीं हैं, 538 स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालय नहीं है। 131 सरकारी स्कूलों में पीने का पानी, 236 स्कूलों में बिजली कनेक्शन तो 331 स्कूलों में चारदीवारी नहीं है। स्कूलों में 8240 क्लासरूम की जरूरत है। इन्हीं सब कमियों के चलते हाईकोर्ट ने सरकार पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। स्कूलों में अध्यापक नहीं हैं, उलटे स्कूलों में टीचरों की संख्या कम की जा रही है। इन सरकारी स्कूलों में गरीब परिवारों के बच्चे पढ़ते हैं। हुड्डा सरकार के समय गरीब परिवार का बच्चा जब डॉक्टर बनने जाता था तो 42 हजार की फीस देते थे जबकि मौजूदा सरकार ने मेडिकल फीस को बढ़ाकर 40 लाख कर दिया। हुड्डा सरकार ने एक कलम से 11000 सफाई कर्मियों की भर्ती की गयी, 382000 गरीब परिवारों को 100-100 गज के प्लॉट दिये गये।

उन्होंने कहा कि हुड्डा सरकार के समय नारा लगता था कि हुड्डा तेरे राज में जीरी गयी जहाज में जबकि आज किसान की माली हालत इस कदर खराब हो गयी है कि वो बोल रहे हैं खट्टर तेरे राज में जीरी गयी ब्याज में। किसान जब एमएसपी मांगते हैं तो उन पर लाठी-डंडे बरसाये जाते हैं, ठंडे पानी की बौछारें मारी जाती है। इस सरकार ने झूठा वादा करके आंदोलन खत्म करा दिया लेकिन आज तक अपने उस वादे को पूरा नहीं किया। इस सरकार ने किसान, मजदूर, व्यापारी कर्मचारी समेत हर वर्ग को अपमानित किया यहां तक कि छोटी सरकार यानी निर्वाचित पंच-सरपंचों को भी नहीं बख्शा उन्हें भी लाठियों से पीटा गया।

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Sandeep Pathak: जो भी हमें कमजोर आंकेगा, वो भविष्य में स्वयं पछताएगा

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हरियाणा चुनाव में कांग्रेस के साथ मिलकर काम करने के बारे में काफी चर्चा हो रही है। आम आदमी पार्टी के Sandeep Pathak पाठक ने कहा कि वे तैयार हैं और बस पार्टी की ओर से उन्हें क्या करना है, इसका इंतजार कर रहे हैं। एक बार उन्हें हरी झंडी मिल जाए, तो वे अपनी योजनाओं को साझा करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वे हर जगह मजबूती से मुकाबला करने के लिए तैयार हैं और जो लोग सोचते हैं कि वे गंभीर प्रतियोगी नहीं हैं, उन्हें बाद में आश्चर्य होगा।

आम आदमी पार्टी (आप) की ओर से बात करने वाली प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि वे अभी भी हरियाणा में कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर काम करने पर चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी कोई भी विवरण साझा करना जल्दबाजी होगी। आप वहां सभी चुनावों में उतरने के लिए तैयार है और मजबूत महसूस कर रही है, क्योंकि उनके पास एक अच्छी टीम है। वे एक-दो दिन में सभी को बता देंगे कि उनके उम्मीदवार कौन हैं और उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही साथ मिलकर काम करने के बारे में फैसला हो जाएगा।

राघव चड्ढा ने कहा कि उनका मानना ​​है कि देश और हरियाणा की भलाई के लिए विभिन्न समूहों को साथ मिलकर काम करना चाहिए। लेकिन उन्होंने इस बारे में बात नहीं की कि वे नौकरियों या पदों को कैसे साझा करेंगे। उन्होंने बताया कि अभी वे हरियाणा में कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर काम करने के बारे में चर्चा कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि वे सबकी मदद के लिए साथ आ सकते हैं।

राघव चड्ढा ने बताया कि हरियाणा में लोग अभी भी साथ मिलकर काम करने की बात कर रहे हैं, लेकिन वे अभी हर छोटी-बड़ी बात साझा नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि अभी भी कुछ अच्छा होने की उम्मीद है। हरियाणा में 90 सीटों के लिए लोग 5 अक्टूबर को मतदान करेंगे और विजेताओं की घोषणा 8 अक्टूबर को की जाएगी। अभी यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) काबिज है और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी हैं।

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बच्चों और महिलाओं के लिए Ambala में फ्री में शुरू करवाई ई-रिक्शा, संस्था कर रही सेवा प्रदान

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दुनिया में जैसे-जैसे चीजें बदल रही हैं, वैसे-वैसे महिलाओं को देखने का हमारा नज़रिया भी बदल रहा है। आजकल महिलाओं के साथ पुरुषों जैसा ही व्यवहार किया जाता है। Ambala में, समुदाय की मदद करने वाले एक समूह ने सिर्फ़ महिलाओं और बच्चों के लिए एक मुफ़्त ई-रिक्शा सेवा शुरू की है। इस सेवा का उद्देश्य उन्हें आसानी से और सुरक्षित तरीके से अपनी ज़रूरत के स्थान पर पहुँचने में मदद करना है।

नन्हे कदम ट्रस्ट एक विशेष समूह है जो महिलाओं और बच्चों की मदद करता है। उन्होंने एक ऐसी सेवा शुरू की है जिसके तहत महिलाएँ मुफ़्त ई-रिक्शा चला सकती हैं, जो छोटी इलेक्ट्रिक बसों की तरह हैं, ताकि वे सुबह काम पर जा सकें और बिना कोई पैसा दिए घर वापस आ सकें। बच्चे भी इस मुफ़्त ई-रिक्शा सेवा का इस्तेमाल सुबह स्कूल जाने और स्कूल के बाद घर वापस आने के लिए कर सकते हैं। इसका मुख्य लक्ष्य बच्चों को सुरक्षित रखना और यात्रा के दौरान उन्हें धूप में ज़्यादा गर्मी से बचाना है।

अंबाला शहर में अब महिलाओं के लिए एक विशेष ई-रिक्शा सेवा उपलब्ध है। वे सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक इन ई-रिक्शा में मुफ़्त सवारी कर सकती हैं। इसका मतलब है कि महिलाएँ बिना कोई पैसा दिए अपनी मर्ज़ी से कहीं भी जा सकती हैं। साथ ही, बच्चे भी इस सेवा का इस्तेमाल मुफ़्त में स्कूल जाने और घर वापस आने के लिए कर सकते हैं!

यह विचार महिलाओं की मदद करने के बारे में है क्योंकि वे आज हमारी दुनिया में बहुत सारे महत्वपूर्ण काम करती हैं। हम उनके लिए चीजों को आसान बनाना चाहते हैं। साथ ही, बुजुर्ग लोग इस ई-रिक्शा सेवा का मुफ़्त उपयोग कर सकते हैं, जो उनके लिए भी बहुत मददगार है!

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कांग्रेस में शामिल होने जा रही Vinesh Phogat, हरियाणा की इस विधानसभा सीट से लड़ेंगी चुनाव

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हरियाणा की महिला पहलवान Vinesh Phogat राजनीति में उतरने की योजना बना रही हैं। वह कांग्रेस पार्टी के साथ चुनाव लड़ेंगी। आज सुबह 11:30 बजे वह आधिकारिक तौर पर दिल्ली में कांग्रेस में शामिल होंगी। कांग्रेस पार्टी चुनाव प्रचार के दौरान एक अन्य पहलवान बजरंग पुनिया से भी मदद मांग सकती है। विनेश तीन जगहों में से किसी एक से चुनाव लड़ने के बारे में सोच रही हैं: चरखी दादरी, बाढड़ा या जुलाना। यह जानना जरूरी है कि विनेश ने भाजपा पार्टी के एक नेता पर खराब व्यवहार का आरोप लगाया था। कांग्रेस पार्टी इस आरोप का इस्तेमाल मौजूदा सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ चुनाव में करना चाहती है।

पिछले साल जब पहलवान विरोध कर रहे थे, तो प्रियंका गांधी, दीपेंद्र हुड्डा और रणदीप सिंह सुरजेवाला जैसे कुछ कांग्रेस नेताओं ने सार्वजनिक रूप से उनका समर्थन किया था। विनेश फोगट ने गुरुवार को राहुल गांधी नामक एक राजनेता से मुलाकात की और उनके साथ बजरंग पुनिया भी थे। राहुल गांधी ने उनकी मुलाकात की एक तस्वीर पोस्ट की, जिससे लोगों को आश्चर्य हुआ कि क्या पहलवान राजनीति में शामिल होना चाहते हैं। कुछ लोगों का मानना ​​है कि चरखी दादरी से आने वाली विनेश वहां चुनाव लड़ सकती हैं।

लेकिन चूंकि उनका परिवार काफी मशहूर है, इसलिए वे जींद जिले के जुलाना नामक नजदीकी जगह से चुनाव लड़ सकती हैं। विनेश फोगट हाल ही में काफी व्यस्त रही हैं। वे पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर पर किसानों का समर्थन करने गईं। उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों की मांगों को सुनना चाहिए और उनकी समस्याओं का समाधान करना चाहिए। विनेश ने किसानों से कहा कि वे उनके साथ खड़ी हैं और उनकी मांगें जायज हैं। जब उन्होंने पत्रकारों से बात की, तो उन्होंने बताया कि किसान अभी भी परेशान हैं क्योंकि उनकी जरूरतें पूरी नहीं हुई हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि उन्हें लगता है कि पहलवान विनेश और बजरंग अपने विरोध प्रदर्शन के दौरान राजनीति में उलझे हुए हैं। उनका मानना ​​है कि विरोध प्रदर्शन काफी बड़ा हो गया है और इसे राजनीतिक कारणों से शुरू किया गया है। उन्हें लगता है कि पहलवान कांग्रेस नामक एक राजनीतिक समूह से मदद लेने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे उन्हें लगता है कि उनके बीच कोई संबंध है। उनका मानना ​​है कि वे जो पहले कह रहे थे, वह अब स्पष्ट हो गया है।

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