Connect with us

Delhi

“Phone भारी लगा, Laptopगिरा दिया” – Astronaut Shubhanshu Shukla ने धरती पर लौटने के Experience सुनाए

Published

on

भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने शुक्रवार को एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने 20 दिन के Axiom-4 मिशन और धरती पर लौटने के बाद के मजेदार अनुभव साझा किए। शुक्ला ने बताया कि कैसे स्पेस में लंबा समय बिताने के बाद धरती की ग्रेविटी में ढलना आसान नहीं था – यहाँ तक कि फोन भी हाथ में भारी लगने लगा और उन्होंने अपना लैपटॉप इस सोचकर गिरा दिया कि वह हवा में तैर जाएगा।

Axiom-4 मिशन भारत की दूसरी बड़ी छलांग

शुभांशु शुक्ला 25 जून को फ्लोरिडा के Kennedy Space Centre से अंतरिक्ष के लिए रवाना हुए और 15 जुलाई को धरती पर वापस लौटे। इस मिशन के तहत उन्होंने 18 दिन इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर बिताए।
उन्होंने कहा,

“41 साल बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में गया है। लेकिन इस बार यह सिर्फ एक ‘सोलिटरी लीप’ नहीं था, बल्कि भारत की स्पेस जर्नी का नया अध्याय है। अब हम सिर्फ उड़ने के लिए तैयार नहीं हैं, बल्कि लीड करने के लिए तैयार हैं।”

1984 में राकेश शर्मा के बाद, शुभांशु शुक्ला स्पेस जाने वाले दूसरे भारतीय बने हैं।

धरती पर लौटने के बाद अजीब एहसास

स्पेस मिशन से लौटने के बाद शुभांशु शुक्ला ने बताया कि कैसे उनकी आदतें बदल चुकी थीं। उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा –

  • जब मैंने धरती पर फोन उठाया तो वह बेहद भारी लगा। वही फोन जो हम रोज आसानी से पकड़ते हैं, अचानक हाथ में वज़नी लगने लगा।”
  • एक बार मैं लैपटॉप पर काम कर रहा था। मैंने उसे बंद किया और बेड के पास छोड़ दिया। दिमाग में वही स्पेस की आदत थी कि चीज़ें हवा में तैरेंगी। लेकिन लैपटॉप गिर गया। शुक्र है कि फर्श पर कालीन बिछा था, इसलिए डैमेज नहीं हुआ।”

स्पेस से मोदी से बात पीछे लहराता तिरंगा

मिशन के दौरान 28 जून को शुभांशु शुक्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से स्पेस से वीडियो कॉल पर बात की। उस वक्त उनके पीछे तिरंगा लहरा रहा था।
उन्होंने इस पल को याद करते हुए कहा –

“वह पल भारत की स्पेस दुनिया में री-एंट्री का प्रतीक था। इस बार हम सिर्फ ‘स्पेक्टेटर’ नहीं, बल्कि बराबरी के ‘पार्टिसिपेंट’ हैं।”

पीएम मोदी का होमवर्कऔर गगनयान मिशन

शुक्ला ने बताया कि पीएम मोदी ने उनसे कहा था कि स्पेस में जो भी हो रहा है, उसका हर डिटेल डॉक्यूमेंट करें। उन्होंने कहा –

“मैंने वह होमवर्क अच्छे से किया है। ये सारी जानकारी भारत के गगनयान मिशन में बहुत मदद करेगी।”

बच्चों को दी प्रेरणा – “अब वे पूछते हैं, हम एस्ट्रोनॉट कैसे बनें?”

शुक्ला ने कहा कि उनके मिशन की सबसे बड़ी सफलता यह है कि भारत के बच्चे अब सवाल पूछ रहे हैं – हम भी एस्ट्रोनॉट कैसे बन सकते हैं?”
उनके मुताबिक, ह्यूमन स्पेस मिशन का एक बड़ा मकसद ही यही है कि बच्चों और युवाओं को इंस्पायर करना, ताकि वे भी एक्सप्लोरर बन सकें। और मुझे खुशी है कि यह मिशन इस दिशा में सफल हो रहा है।”

कब लौटेंगे भारत?

शुभांशु शुक्ला अभी अमेरिका में हैं और उम्मीद है कि वह मिड-अगस्त (mid-August) तक भारत लौट आएंगे।

शुभांशु शुक्ला का यह मिशन भारत के लिए सिर्फ एक वैज्ञानिक उपलब्धि नहीं, बल्कि नई पीढ़ी के लिए सपना जगाने वाला पल है। उन्होंने ISS पर जो अनुभव जुटाए हैं, वे आने वाले समय में भारत के गगनयान मिशन की रीढ़ साबित होंगे।

उनके शब्दों में –

“मैंने जो सीखा, वो सिर्फ टेक्निकल नॉलेज नहीं है, बल्कि एक भरोसा है कि स्पेस में भी हमारा भविष्य है।”

Advertisement
Punjab15 hours ago

जनता के पैसे से लंदन-कनाडा-दुबई टूर करते थे सुखबीर और कैप्टन, दूसरी और CM मान लेकर आ रहे हैं जापान से रोजगार!

Punjab18 hours ago

Congress की सिख-विरोधी मानसिकता फिर हुई बेनकाब: ‘आप’ ने हरक सिंह रावत को पार्टी से तुरंत निकालने की मांग की

Punjab18 hours ago

सांसद मलविंदर कंग का कांग्रेस पर हमला, कहा- हरक सिंह रावत की ’12 बजे’ वाली टिप्पणी कांग्रेस की सिख विरोधी मानसिकता को दर्शाती है

Punjab18 hours ago

मान सरकार के नेतृत्व में पंजाब बना देश का करियर लीडर, जहां 5,000 से ज़्यादा शिक्षकों को सीधे IIT मद्रास सिखाएगा टॉप 100 हाई-डिमांड जॉब्स।

Punjab18 hours ago

पंजाब सरकार का बड़ा कदम, 2026 तक बेटियों का लिंग अनुपात बढ़ाने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का लक्ष्य