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Chandigarh

Haryana IPS Suicide Case: Bureaucracy में तनाव, IAS-IPS Officers ने परिवार का दिया समर्थन

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हरियाणा में सीनियर IPS अफसर वाई पूरन कुमार के सुसाइड के बाद राज्य की ब्यूरोक्रेसी में तनाव का माहौल बन गया है। इस घटना ने सरकारी अधिकारियों के बीच खुली चर्चा और हलचल पैदा कर दी है।

अमनीत पी. कुमार का समर्थन और FIR पर सवाल

मृतक IPS अफसर की पत्नी अमनीत पी. कुमार, जो खुद एक सीनियर IAS अफसर हैं, इस मामले में सक्रिय हैं। उन्होंने Chandigarh की SSP कंवरदीप कौर को लिखा गया लेटर में FIR नंबर 156 पर सवाल उठाए। उनका कहना है कि FIR में सही आरोपी—DGP शत्रुजीत कपूर और Rohtak SP नरेंद्र बिजारणिया का नाम शामिल नहीं है। साथ ही FIR में SC/ST एक्ट की धारा 3(2)(वी) का सही उल्लेख नहीं किया गया, जिससे केस कमजोर हो रहा है।

अमनीत ने कहा कि पूरन कुमार के घर और जेब से मिले नोटों की कॉपी उन्हें अभी तक नहीं दी गई। उनका जोर यह था कि FIR में जरूरी बदलाव किए जाएँ और न्याय सुनिश्चित किया जाए।

IAS और IPS अफसरों में हलचल

पूरे मामले के बाद हरियाणा की IAS और IPS अफसरों की वॉट्सएप ग्रुप्स काफी एक्टिव हो गए हैं। पहले तो ये ग्रुप्स कभी-कभार ही चैट करते थे, लेकिन अब अधिकारी खुलकर अपनी राय रख रहे हैं।

  1. टॉप ब्यूरोक्रेसी ग्रुप:
    1. इसमें चीफ सेक्रेटरी (CS) और एडिशनल CS लेवल के अफसर शामिल हैं।
    1. अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह डॉ. सुमिता मिश्रा ने खुलकर IPS वाई पूरन के परिवार का समर्थन किया और कहा कि मामले में सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
  2. सेकेंड लाइन अफसर ग्रुप:
    1. इसमें सेकेंड लाइन के IAS और IPS अफसर शामिल हैं।
    1. अधिकारी FIR में जानबूझ कर गलती करने और पूरी प्रक्रिया में सवाल उठाने की बातें कर रहे हैं।
  3. SC-ST अफसर ग्रुप:
    1. इस ग्रुप को SC-ST वर्ग के IAS और IPS अफसरों ने बनाया है।
    1. इस ग्रुप में DGP शत्रुजीत कपूर और SP नरेंद्र बिजारणिया के खिलाफ सीधे हमले हो रहे हैं और गोपनीय जानकारी शेयर की जा रही है।

IAS और HCS-HPS एसोसिएशन्स की बैठक

IAS एसोसिएशन की वर्चुअल मीटिंग में 40 अफसर शामिल हुए। बैठक में तीन मुख्य प्रस्ताव पास हुए:

  1. अमनीत द्वारा उठाए गए मुद्दों का गंभीर और संवेदनशील समाधान किया जाए।
  2. Rohtak Urban Estate Police Station में दर्ज FIR की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच हो।
  3. अमनीत और उनके परिवार को सुरक्षा, कानूनी और संस्थागत सहायता प्रदान की जाए।

HCS-HPS अधिकारियों ने भी समर्थन जताया। करीब 115 HCS अधिकारियों ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखकर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।

पोस्टमॉर्टम और आगे की प्रक्रिया

  • पूरन कुमार का पोस्टमॉर्टम 11 अक्टूबर को होगा।
  • उनकी डेडबॉडी 7 अक्टूबर से सेक्टर-16 स्थित गवर्नमेंट अस्पताल में रखी हुई है।
  • इसके पहले, हरियाणा की होम सेक्रेटरी डॉ. सुमिता मिश्रा और अमनीत के बीच एक घंटे तक बैठक हुई, जिसमें पोस्टमॉर्टम की सहमति बनी।

यह मामला सिर्फ IPS अफसर की मौत तक सीमित नहीं है। इसने हरियाणा की सरकारी ब्यूरोक्रेसी में आंतरिक राजनीति और तनाव को उजागर कर दिया है। IAS और IPS अफसर अलग-अलग ग्रुप्स में खुलकर राय रख रहे हैं और अधिकांश अफसर मृतक अफसर के परिवार के समर्थन में हैं।

इस पूरे मामले की जांच, FIR में बदलाव और न्याय की प्रक्रिया अभी चल रही है।

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