Chandigarh
दिवाली से पहले सफाई कर्मचारियों को CM मनोहर लाल खट्टर ने दिया खास तोहफा

चंडीगढ : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शरद पूर्णिमा व भगवान वाल्मीकि की जयंती पर सफाई कर्मियों को दीवाली व हरियाणा दिवस का तोहफा देते हुए उनके लिए अनेक घोषणाएं की। जिनमें शहरी सफाई कर्मियों का 16 हजार रुपये से 17 हजार रुपये मासिक मानदेय, ग्रामीण सफाई कर्मियों का 14 हजार रुपये से 15 हजार रुपये मासिक मानदेय, कस्सी, तसला व अन्य औजार के लिए 2 हजार रुपये वार्षिक तथा धुलाई भत्ता एक हजार रुपये करने की घोषणा शामिल है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में जहां सफाई कर्मचारियों की संख्या 6 है वहां 8 की जाएगी और जहां 8 है वहां 10 की जाएगी।
मुख्यमंत्री आज भगवान महर्षि वाल्मीकि की जयंती पर इंद्रधनुष ऑडिटोरियम सेक्टर-5 पंचकूला में समस्त अनुसूचित जाति समाज द्वारा क्लास वन और टू अधिकारियों को पदोन्नति में आरक्षण का लाभ देने के लिए उनके सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सब लोग आगे बढ़ें, किसी के साथ भेदभाव ना हो, समान भाव से हम गरीब व अंत्योदय परिवारों के आर्थिक, सामाजिक व शैक्षणिक स्थिति के उत्थान में लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि पदोन्नति में आरक्षण जहां विभागीय उच्चतम पदों की संख्या तीन है वहां पर लागू होगी, एक पर नहीं होगी। एसोसिएशन की मांग पर किसी विभाग में जल्द से जल्द यह व्यवस्था आरंभ हो जाए, पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि उन्होंने कल ही इस पर कार्य शुरू कर दिया था और शिक्षा विभाग में पदोन्नति से उपनिदेशक के 6 पद भरे जाने हैं जो सामान्य श्रेणी में आते हैं, 3 पर पदोन्नति हो सकती है और 3 खाली हैं। वरिष्ठता सूची में 11, 12 व 13 तीनों सामान्य वर्ग के है। अनुसूचित जाति के कर्मचारी का वरिष्ठता सूची में पता लगाया तो वह 30वें नंबर पर है। इसको 13वें स्थान पर 20 प्रतिशत आरक्षण के हिसाब से उपर किया गया है और आत्मा प्रकाश जो अनुसूचित जाति से संबंधित हैं, उनको उपनिदेशक के पद पर आज से ही पदोन्नत किया गया है। उन्होंने कहा कि क्लास-3 व क्लास-4 में पदोन्नति 2015 से लागू की दी गई थी। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा में मैरिट से आगे बढ़े और इस व्यवस्था में 20 प्रतिशत की बजाय 25 प्रतिशत आये और धीरे-धीरे रोस्टर के हिसाब से पदोन्नति होती रहेगी और एक दिन इस पॉलिसी की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी।
पिपली ट्रांस्पोर्ट नगर में जीटी रोड पर लगेगी 25 फुट गुरु रविदास की प्रतिमा
मुख्यमंत्री ने राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पवार की मांग पर जीटी रोड पर पिपली के ट्रांस्पोर्ट नगर में 3 एकड जमीन के एक क्षेत्र में गुरु रविदास की 25 फुट प्रतिमा लगाई जाएगी और यह 20 करोड़ रुपये की लागत से हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा बनवाई जाएगी। शेष भूमि में प्रशासनिक ट्रस्ट, छात्रावास व शिक्षण संस्थान खोले जाएंगे। इसी प्रकार मुख्यमंत्री ने हिसार से विनोद चड्ढा, राजेंद्र कुमार व अन्य साथियों द्वारा हिसार में 3 हजार वर्ग मीटर प्लॉट की मांग को तत्काल स्वीकार करते हुए 78 लाख रुपये देने की घोषणा भी की। यह राशि संस्थान द्वारा एकत्रित की गई है। एचएसवीपी के रेट के हिसाब इस प्लॉट की कीमत डेढ करोड़ रुपये बनती है। इसके अलावा अनुसूचित जाति के उद्योगपति जो एचएसआईआईडीसी के प्लॉट पर उद्योग स्थापित करना चाहते हैं, उनको प्लॉट की कीमत पर 20 प्रतिशत छूट दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक समरसता ही उनका मूलमंत्र रहा है और वर्ष 2014 से ही हरियाणा एक-हरियाणवी एक तथा सबका साथ सबका विकास पर चलकर हमने जन सेवा की है। समाज में गरीब से गरीब व्यक्ति का बच्चा शिक्षा से वंचित ना रहे। नई शिक्षा नीति के अनुरूप 4 हजार आंगनवाड़ी को प्ले वे स्कूल बनाया है, जिनका नाम बाल वाटिका रखा गया है, जिनमें 3 से 6 वर्ष तक के बच्चे प्री स्कूल शिक्षा ग्रहण करेंगे। यह बाल वाटिका स्कूलों में ही होगी। अगले चरण में 4 हजार और आंगनवाडियों को बाल वाटिका के रूप में विकसित किया जाएगा। इससे स्कूली शिक्षा के लिए विद्यार्थियों का बेस आरंभ से ही मजबूत होगा। इसी प्रकार जो अनुसूचित जाति के परिवार अपने बच्चों को प्राईवेट स्कूलों में शिक्षा दिलाने चाहते हैं, उनके लिए चिराग योजना लागू की गई है। उन्होंने कहा कि गरीब का बच्चा पैसे के अभाव में उच्चतर शिक्षा से वंचित ना हो इसके लिए भी सरकार खर्च वहन करेगी। इसके अलावा व्यवसायिक कोर्सों के लिए बैंक ऋण गारंटी की ब्याज राशि का वहन करेगी। ऋण वह उम्मीदवार नौकरी लगने पर आसान किस्तों पर बैंक को लौटा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 3 साल पहले डॉ. भीम राव अंबेडकर मेधावी छात्रवृति योजना के तहत अनुसूचित जाति का एक विद्यार्थी पायलैट प्रशिक्षण के लिए सरकार से सहायता मांगने आया, उसके लिए 20 लाख रुपये की व्यवस्था की गई। इसी प्रकार मुख्यमंत्री अंत्योदय उत्थान परिवार योजना के तहत 52 हजार परिवारों को स्वरोजगार के लिए बैंको से ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवार पहचान पत्र से 32 हजार युवा ऐसे मिले हैं, जो स्नात्तक हैं, बेरोजगार हैं और पारिवारिक आय एक लाख रुपये से कम है। इन युवाओं को विशेष शिविरों में बुलाया जाएगा और उनकी रूचि और पात्रता के हिसाब से उन्हें रोजगार उपलब्ध करवाकर उनकी पारिवारिक आय को बढ़ाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीपीएल कार्ड लाभ पात्रों की आय सीमा को एक लाख 20 हजार से बढ़ाकर एक लाख 80 हजार किया गया है, इससे लगभग 12.50 से अधिक नये कार्ड बने हैं। एक लाख 80 हजार करने से आयुष्मान भारत, राशन कार्ड, सामाजिक सुरक्षा पेंशन वालों की संख्या 37-38 लाख परिवार हो गई है। आयुष्मान भारत चिरायु हरियाणा योजना का आय सीमा का दायरा एक लाख 80 हजार से बढ़ाकर 3 लाख किया गया है, इसमें 1500 रुपये का प्रीमियम सरकार देगी और 1500 रुपये मात्र प्रीमियम लाभार्थी को देना होगा और इस प्रकार वह 5 लाख रुपये का आयुष्मान भारत योजना के तहत सालाना इलाज की सुविधा लें सकता है। मुख्यमंत्री ने उपस्थित लोगों को आश्वस्त किया कि समाज को अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, जिसका हक है, उसे हक मिलेगा।
हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि पदोन्नति में आरक्षण का लाभ लेने के लिए अनुसूचित जाति के कर्मचारी 1966 से संघर्ष कर रहे थे, जिसे वर्ष 2023 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पूरा कर उनके इंतजार को खत्म किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने 2014 में सबका साथ सबका विकास और हरियाणा एक हरियाणवी एक का नारा दिया था, जिससे वे 36 बिरादरी के नेता बनकर उभरे हैं। उन्होंने कहा कि जो मुख्यमंत्री ठानते हैं, उसे करके दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि विकास के काम के मामले में जितने कार्य पिछले 9 वर्ष में हुए, वे 48 वर्ष में नहीं हुए। मुख्यमंत्री ने क्षेत्रवाद, भाई भतीजावाद, परिवार वाद की राजनीति को खत्म कर हरियाणा एक हरियाणवी एक के नारे का चरित्रार्थ किया है और पंडित दीन दयाल उपाध्याय के अंत्योदय के सिद्धांत पर चलते हुए गरीबों को पूरा हक दिया है।
सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल जो समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे, ने अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल सही मायने में गरीबों, शोषित व वंचित वर्गों के लोगों के सच्चे हितैषी हैं। आज का दिन ऐतिहासिक है, जिसे मुख्यमंत्री ने हरियाणा गठन के बाद से हो रही मांग को पूरा करके दिखाया है। राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पवार ने कहा कि वे 25 साल तक विधायक रहे 5 मुख्यमंत्रियों की कार्यशैली उन्होंने देखी है परंतु इमानदारी की दृष्टता, विचारों की दृष्टता जो मुख्यमंत्री मनोहर लाल में है, वह किसी भी मुख्यमंत्री में न रही। अनुसूचित जाति के लोगों के हित मुख्यमंत्री मनोहर लाल के हाथों पूरी तरह सुरक्षित है।
मुख्यमंत्री के राजनैतिक सलाहकार कृष्ण कुमार बेदी ने अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल जिन्होंने महापुरूषों की जयंतिया सरकारी स्तर बनाने की शुरूआत कर सामाजिक समरसता का संदेश दिया है, जो किसी भी राज में नहीं है। उन्होनें कहा कि भगवान वाल्मीकि के नाम कैथल में संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना की है। इसके अलावा रोहतक पीजीआई में पीजी कोर्सेज में अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को दाखिले में आरक्षण का लाभ भी दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने तो अपने सरकारी आवास का नाम भी संत कबीर कुटिर रखा है।
समारोह को विधायक सत्यप्रकाश जरावता, लक्ष्मण नापा, पूर्व विधायक ईश्वर पुलाका, गेल की पूर्व अध्यक्ष बंतो कटारिया ने भी संबोधित किया। जाने माने लोक कलाकार बाली शर्मा व सुमेर पाल ने महर्षि वाल्मीकि व अन्य महापुरूषों की शिक्षाओं को अपने गीतों के माध्यम से प्रस्तुत कर लोगों को भाव-विभोर किया।
इस अवसर पर विधायक बिश्मर बाल्मिकी, पंचकूला नगर निगम महापौर कुलभूषण गोयल, उपायुक्त सुशील सारवान, पुलिस उपायुक्त सुमेर प्रताप सिंह, अतिरिक्त उपायुक्त वर्षा खांगवाल, एसडीएम ममता शर्मा, हरियाणा सफाई कर्मचारी आयोग के चेयरमैन कृष्ण पवार, शिवालिक विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष ओम प्रकाश देवी नगर, मानद महासचिव बाल विकास परिषद रंजिता मेहता, पूर्व सांसद डॉ अमन कुमार नागरा के अलावा विभिन्न अनुसूचित जाति कर्मचारी एसोसिएशनों के पदाधिकारियों सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।