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5 वर्ष में रकम दोगुनी करने का झांसा देकर रियल एस्टेट कंपनी ने 12 लाख ठगे
बरेली: पांच वर्ष में रकम दोगुनी करने का झांसा देकर एक कंपनी ने एजेंट के माध्यम से लोगों के पैसे जमा कराए। एजेंट ने परिवार, रिश्तेदार और गांव के गांव के कई लोगों के करीब 12 लाख रुपये कंपनी में जमा करा दिए। जब रुपये की वापसी का समय आया तो अफसर कंपनी के कार्यालयों में ताले डालकर फरार हो गए। एजेंट ने कोर्ट के आदेश पर कंपनी के अध्यक्ष, दो बोर्ड डायरेक्टर समेत नौ लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।
भूमि श्रृंगार रियल एस्टेट ग्रामीण विकास निधि लिमिटेड के नाम से खोली कंपनी
मीरगंज के गांव मनकरा निवासी ब्रजेश कुमार ने बताया कि वर्ष 2013 में जिला रामपुर निवासी उसके मौसा भूपराम और मौसेरे भाई वीरपाल भूमि श्रृंगार रियल एस्टेट ग्रामीण विकास निधि लिमिटेड के हेड ऑफिस सुरेश शर्मा नगर और भूमि श्रृंगार रियल एस्टेट इंडिया लिमिटेड के अमरनाथ धाम कॉलोनी स्थित कार्यालय पर ले गए। वहां भूपराम, वीरपाल, कंपनी के डायरेक्टर संतकुमार, संतोष कुमार मौर्या, दयाशंकर मौर्या, मनोज मौर्या, शिवचरन मौर्या ने बताया कि उनकी कंपनी धन जमा कराकर पांच वर्ष में दोगुनी रकम देती है। उन्हें बताया कि कंपनी के नाम से जमीन खरीदने और बेचने का भी काम होता है। उन्हें अच्छी कमीशन और एजेंट बनने का ऑफर दिया।
कंपनी के लोगों पर भरोसा कर उन्होंने काम शुरू किया थाः ब्रजेश
ब्रजेश के मुताबिक कंपनी के लोगों पर भरोसा कर उन्होंने काम शुरू कर दिया। परिवार, रिश्तेदारों और गांवों के करीब 30 लोगों के 12 लाख से अधिक रुपये कंपनी में निवेश करा दिए। समय पूरा होने पर जब उन्होंने रुपये मांगे तो आरोपी कंपनी बंद कर फरार हो गए। घर जाने पर जब रुपये मांगे तो आरोपियों ने जान से मारने की धमकी दी और मारपीट की। मामले में कोर्ट के. आदेश पर बारादरी पुलिस ने कंपनी के दो बोर्ड डायरेक्टर, अध्यक्ष संतराम, प्रबंध निदेशक संतोष कुमार निवासी सनेकपुर थाना हाफिजगंज, प्रबंधक दयाशंकर, मनोज मौर्या निवासी चकमहमूद थाना बारादरी, शिव चरन मौर्या, भूपराम, वीरपाल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
कंपनी के नाम से खोला था फर्जी बैंक
ब्रजेश कुमार के अनुसार आरोपियों ने भूमि श्रृंगार ग्रामीण विकास निधि के नाम से फर्जी बैंक भी खोला। इसमें सैकड़ों लोगों का रुपया जमा कराया। जब करोड़ों रुपये जमा हो गए तो आरोपी बैंक बंद कर चंपत हो गए। जब वह कंपनी के कार्यालयों पर गए तो वहां ताले लटके मिले। आरोप है कि कंपनी का पंजीकरण भी नहीं है। फिलहाल, दर्जनों लोगों की मेहनत की कमाई लेकर आरोपी फरार हैं।
इन लोगों ने जमा की थी रकम
ब्रजेश कुमार ने बताया कि उनकी बेटी पूनम, भाई पप्पू, बहनोई भगवान दास, पिता चेतराम, तहेरे भाई सुनील, बहनोई महेन्द्र, नौबतराम, हरप्रसाद, ठाकुरदास, गांव के चन्द्रपाल, प्रेमपाल, वीरेंद्र, मंगलसेन, शांति प्रसाद, लता, मुकेश, रामलली, नेहा, सकटू, महारानी, तेजपाल, पोशीराम, शिशुपाल, होरीलाल, नन्हीं, आदेश मौर्या, विमला देवी, गंगादेवी, प्रभा देवी, नंदकिशोर से कंपनी में रुपये जमा कराए थे।