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हाई कोर्ट का बड़ा आदेश: सुसाइड करने वाले व्यक्ति के जिम्मेवार को सजा मिलेगी या नहीं ?

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छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक फैसला सुनाया है उन्होंने कहा की अगर किसी व्यक्ति ने प्यार में असफल होने की वजह से आत्महत्या करता है तो उसका दोषीं उसकी गर्लफ्रेंड को नहीं ठहराया जाएगा | उस पर कोई मुकदमा दर्ज़ नहीं किया जा सकता |
बार एंड बेंच की खबर के मुताबिक, सिंगल जज जस्टिस पार्थ प्रतीम साहू ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति प्यार में धोखा खाने की वजह से आत्महत्या करता या फिर परीक्षा में सफल ना होने की वजह से आत्महत्या करता है तो इसके लिए किसी टीचर, पार्टनर या फिर वकील को दोषी नहीं ठहराया जा सकता | 7 दिसंबर को दिए अपने आदेश में जस्टिस साहू ने कहा, ‘अगर कोई प्रेमी प्रेम में असफलता के कारण आत्महत्या करता है, अगर कोई छात्र परीक्षा में खराब प्रदर्शन के कारण आत्महत्या करता है, यदि अगर कोई मुवक्किल इसलिए आत्महत्या करता है क्योंकि उसका मामला खारिज हो गया है, तो क्रमशः महिला, परीक्षार्थी और वकील को आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता है.’

कोर्ट ने आगे कहा की अगर कोई व्यक्ति दुर्बल या मानसिक रूप से कमजोर है तो इसमें किसी अन्य व्यक्ति की गलती नहीं होगी इसका कोई और जिम्मेवार नहीं होगा | इसके बाद अदालत ने 24 वर्षीय लड़की और उसके दो भाइयों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप को रद्द कर दिया, जिन पर लड़की के पूर्व प्रेमी की आत्महत्या के लिए मामला दर्ज किया गया था.

बतादे की कुछ दिनों पहले एक मामला सामने आया था जिसमें एक लड़के ने आत्महत्या कर ली थी जिसका इलज़ाम सउसने अपनी गर्लफ्रेंड और लड़की के दो भाईयो पर लगया था उसने मरने से पहले सुइड नोट में ये सब लिखा था | इसके बाद पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया और जिला न्यायालय ने 13 अक्टूबर, 2023 को उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 34 (सामान्य इरादा) के तहत आरोप तय किए. इसके बाद तीनों ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख किया, जहां से उन्हें राहत मिल गई.

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