Connect with us

Punjab

Shri Guru Gobind Singh Ji का प्रकाश पर्व:अमृतसर में साहिबजादों की शहादत को याद किया, मानवता के लिए किया था बलिदान

Published

on

आज सरबंस दानी, खालसा पंथ के सृजनकर्ता और अमृत के दाता, दशम पातशाह श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज का प्रकाश पर्व पूरी श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया जा रहा है। इस पावन अवसर पर सच्चखंड श्री दरबार साहिब अमृतसर में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु नतमस्तक हो रहे हैं और सरबत के भले के लिए अरदास कर रहे हैं।

यह दिन इसलिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इन्हीं दिनों में गुरु साहिब के चार साहिबजादों – बाबा अजीत सिंह जी, बाबा जुझार सिंह जी, बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी के शहीदी दिवस भी मनाए जाते हैं। कम उम्र में अत्याचार के सामने डटकर खड़े होने वाले साहिबजादों ने यह सिद्ध कर दिया कि सबसे बड़ा धर्म मानवता है। इसी कारण वातावरण भावुक और वैराग्य पूर्ण बना हुआ है।

गुरु साहिब का संघर्ष केवल ज़ुल्म के खिलाफ था

हजूरी रागी भाई जुहार सिंह जी ने संगत को संबोधित करते हुए कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी का संघर्ष किसी धर्म या कौम के विरुद्ध नहीं, बल्कि केवल ज़ुल्म के खिलाफ था। उन्होंने अपना पूरा परिवार मानवता की रक्षा के लिए कुर्बान कर दिया। आज आवश्यकता है कि हम उनकी शिक्षाओं और गुरबाणी को अपने जीवन में अपनाएं।

संगतों के दर्शन-दीदार के लिए जलो साहिब भी सजाए गए

संगतों के दर्शन-दीदार के लिए जलो साहिब भी सजाए गए

आतिशबाजी नहीं, दीपमाला के माध्यम से मनाया गया पर्व

चार साहिबजादों की शहादत को ध्यान में रखते हुए आतिशबाजी नहीं की जाए गी और केवल दीपमाला के माध्यम से प्रकाश पर्व मनाया जा रहा है, जिसकी संगतों ने सराहना की। संगतों के दर्शन-दीदार के लिए जलो साहिब भी सजाए गए।

गुरुद्वारे में माथा टेकने पहुंचे श्रद्धालुओं ने कहा कि दो महान दिवस एक साथ आने से श्रद्धा और भी बढ़ गई है। अंत में सिख संगत से अपील की गई कि वे सिख इतिहास को जानें, अमृत छकें और गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलकर अपने जीवन को सफल बनाएं।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement