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PMModiJapan दौरे पर: रिश्तों को नई ऊँचाई देने की तैयारी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दो दिवसीय यात्रा पर जापान पहुँचे। टोक्यो एयरपोर्ट पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। इस दौरान मोदी जी अपने जापानी समकक्ष प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के साथ शिखर वार्ता (Summit Meeting) करेंगे।

विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी देते हुए कहा –
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टोक्यो पहुँच गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा शाम को मुलाकात करेंगे और भारत-जापान साझेदारी को आगे बढ़ाने पर चर्चा करेंगे।”

मोदी का बयान: “नया अध्याय शुरू होगा”

टोक्यो रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अपने प्रस्थान वक्तव्य में कहा कि यह यात्रा भारत और जापान के बीच सभ्यतागत बंधनों और सांस्कृतिक संबंधों को और गहरा करने का मौका है।
उन्होंने कहा –

  • “भारत-जापान की विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी (Special Strategic and Global Partnership) पिछले 11 सालों में काफी मजबूत हुई है। अब समय है इसे अगले चरण तक ले जाने का।”
  • “हम अपनी आर्थिक और निवेश संबंधों को और विस्तार देंगे और साथ ही AI और सेमीकंडक्टर जैसी नई और उभरती तकनीकों पर सहयोग को बढ़ावा देंगे।”

दो दिन का जापान दौरा

  • 29-30 अगस्त: जापान में पीएम मोदी और पीएम इशिबा के बीच व्यापक बातचीत होगी।
  • इसमें आर्थिक सहयोग, निवेश, रक्षा, तकनीकी साझेदारी और सांस्कृतिक रिश्तों पर फोकस रहेगा।
  • भारत और जापान के बीच पहले से ही हाई-स्पीड रेल, इंफ्रास्ट्रक्चर, डिफेंस और टेक्नोलॉजी के प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इस यात्रा से इन प्रोजेक्ट्स को और रफ्तार मिलने की उम्मीद है।

जापान के बाद चीन का दौरा

जापान यात्रा पूरी करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी 31 अगस्त से 1 सितम्बर तक चीन का दौरा करेंगे।
वे तियानजिन शहर में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे।

भारत की प्राथमिकताएँ और लक्ष्य

मोदी जी ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि जापान और चीन की यह यात्रा:

  • भारत के राष्ट्रीय हितों को मजबूत करेगी,
  • क्षेत्रीय और वैश्विक शांति व सुरक्षा को बढ़ावा देगी,
  • और सतत विकास (Sustainable Development) की दिशा में ठोस योगदान देगी।

कुल मिलाकर, प्रधानमंत्री मोदी की यह एशिया यात्रा भारत के लिए रणनीतिक, आर्थिक और तकनीकी दृष्टि से बेहद अहम मानी जा रही है। जापान के साथ संबंध और मज़बूत होंगे, वहीं चीन में SCO सम्मेलन भारत को क्षेत्रीय मुद्दों पर अपनी भूमिका रखने का मंच देगा।

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