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Haryana

Jinda : स्वास्थ्य कर्मचारियों की लापरवाही Pregnant महिलाओं के लिए बनी खतरा

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स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों की अनदेखी और कर्मचारियों की मनमानी के चलते नगूरां पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) की व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं। कर्मचारियों के आने-जाने का कोई निर्धारित समय नहीं है, और वे बिना किसी डर के लेबर रूम जैसे अति संवेदनशील क्षेत्रों को छोड़कर नदारद हो रहे हैं। इस लापरवाही का खामियाजा आम जनता और Pregnant महिलाओं को भुगतना पड़ रहा है।

लेबर रूम में मिली लापरवाही
शुक्रवार को पीएचसी नगूरां के लेबर रूम में बड़ा उदाहरण देखने को मिला। एक महिला कर्मचारी बिना प्रभारी की अनुमति के डैपूटेशन पर किसी अन्य सीएचसी में गई। वहीं, दूसरी महिला कर्मचारी पीएचसी परिसर से बाहर अपने निजी कामों में व्यस्त नजर आई। नियमों के खिलाफ इस तरह की गतिविधियों ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

प्रभारी ने मांगा स्पष्टीकरण
पीएचसी प्रभारी ने मामले की गंभीरता को समझते हुए दोनों कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगने की बात कही है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि इस पर क्या कार्रवाई होगी।

ग्रामीणों ने जताया आक्रोश
नगूरां और आसपास के गांवों के ग्रामीण, जैसे मनोज, राजेश, जोगिंद्र, विकास, चरण सिंह, पंच सुदेश, और भूप सिंह ने कहा कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने लगभग 10 साल पहले नगूरां में पीएचसी के निर्माण की घोषणा की थी। इसके तहत मार्च 2024 में पीएचसी में डिलीवरी हट की स्थापना भी की गई।

लेकिन डिलीवरी हट की शुरुआत से ही यहां विवादों का सिलसिला जारी है। मरीजों और स्टाफ के बीच कई बार कहासुनी हो चुकी है। पंचायत लगातार लेबर रूम में तैनात कर्मचारियों की लापरवाही का विरोध कर रही है। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मामले को नजरअंदाज कर रहे हैं।

गर्भवती महिलाओं की जान जोखिम में
ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारियों की मिलीभगत से कर्मचारी समय से पहले नदारद हो जाते हैं। इस लापरवाही के चलते गर्भवती महिलाओं की जान जोखिम में पड़ सकती है।

स्थानीय लोगों की मांग
ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग से पीएचसी में तैनात स्टाफ की कार्यशैली में सुधार की मांग की है। उनका कहना है कि लेबर रूम जैसी संवेदनशील जगह पर तैनात कर्मचारियों के लिए सख्त नियम लागू किए जाएं।

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Editor Two
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