Haryana
शादी के 43 साल बाद Karnal का बुजुर्ग दंपती आपसी सहमति से हुआ अलग
हरियाणा के Karnal के रहने वाले 69 वर्षीय व्यक्ति और 73 वर्षीय महिला ने शादी के 43 साल बाद आपसी सहमति से तलाक ले लिया। दोनों ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के मध्यस्थता और सुलह केंद्र की मदद से यह समझौता किया। तलाक के समझौते के तहत पति ने पत्नी को 3.07 करोड़ रुपये का स्थायी गुजारा भत्ता देने पर सहमति जताई।
संपत्ति बेचकर दिया गुजारा भत्ता
समझौते के लिए व्यक्ति ने अपनी कृषि योग्य जमीन और फसलें तक बेच दीं। उन्होंने 2.16 करोड़ रुपये का डिमांड ड्राफ्ट पत्नी को दिया और गन्ने व अन्य फसल बेचकर जे-फार्म के तहत 50 लाख रुपये नकद का भुगतान किया। अदालत ने स्पष्ट किया कि 3.07 करोड़ रुपये की यह राशि स्थायी गुजारा भत्ता मानी जाएगी।
रिश्ते में खटास और अलगाव
इस दंपती की शादी 27 अगस्त 1980 को हिंदू रीति-रिवाजों से हुई थी। शादी के बाद उनके 3 बच्चे हुए, जिनमें 2 बेटियां और एक बेटा शामिल हैं। हालांकि, समय के साथ उनके रिश्तों में खटास आ गई और 8 मई 2006 से वे अलग रहने लगे।
अदालत का निर्णय
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने 4 नवंबर 2024 को इस मामले को सुलह और समझौते के लिए मध्यस्थता केंद्र में भेजा था। मध्यस्थता प्रक्रिया में पति, पत्नी और उनके बच्चों ने शादी खत्म करने और 3.07 करोड़ के भुगतान पर सहमति जताई।
जस्टिस सुधीर सिंह और जस्टिस जसजीत सिंह बेदी की बेंच ने समझौते को स्वीकार करते हुए तलाक का आदेश जारी किया। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि इस राशि के बाद पत्नी और बच्चों का पति की संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं होगा। यहां तक कि पति की मृत्यु के बाद भी वे उसकी संपत्ति पर दावा नहीं कर सकते।
43 साल बाद लिया बड़ा फैसला
इस मामले ने दिखाया कि उम्र या शादी की अवधि चाहे जितनी लंबी क्यों न हो, आपसी सहमति और मध्यस्थता के जरिए भी विवाद सुलझाए जा सकते हैं। समझौते से तलाक लेने का यह मामला सामाजिक दृष्टि से एक अनोखी मिसाल है।