Uttar Pradesh
UP Election: BJP ने 6 सीटों पर कब्जा जमाया, सपा को बड़ा झटका
उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 9 में से 6 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि उसकी सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (RLD) ने एक सीट अपने नाम की। दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी (SP) ने केवल 2 सीटों पर जीत हासिल की, जिससे यह साफ हो गया कि पार्टी लोकसभा चुनाव में मिली गति को बरकरार नहीं रख सकी।
उत्तर प्रदेश जैसे राजनीतिक रूप से संवेदनशील राज्य में, जहां चुनावी समीकरण तेजी से बदलते हैं, इन उपचुनावों ने भाजपा को लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद फिर से मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया।
‘बंटेंगे तो कटेंगे’ ने दिखाया असर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अगस्त में ही उपचुनावों के लिए अपनी रणनीति तय कर ली थी। उनका नारा ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ हिंदू एकता को मजबूत करने के लिए गढ़ा गया और पूरे चुनावी अभियान के दौरान गूंजता रहा। भाजपा प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा कि पार्टी ने समाजवादी पार्टी के ‘एम-वाई’ (मुस्लिम-यादव) समीकरण को चुनौती दी और एक नए ‘एम-वाई’ फैक्टर (मोदी-योगी) का निर्माण किया।
कुंदरकी में ऐतिहासिक जीत
मुस्लिम बहुल मुरादाबाद की कुंदरकी सीट पर भाजपा ने तीन दशकों बाद जीत हासिल की। पार्टी उम्मीदवार रामवीर सिंह ने सपा के मजबूत गढ़ को भेदते हुए ऐतिहासिक जीत दर्ज की। रामवीर ने कहा, “सपा ने मतदाताओं को हल्के में लिया और हमें मतदाताओं को यह समझाने में सफलता मिली कि केवल भाजपा ही उन्हें वोट बैंक की राजनीति से बाहर निकाल सकती है।”
कुंदरकी की जीत इतनी महत्वपूर्ण थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र में भाजपा की जीत के बाद अपने दिल्ली के भाषण में इसका जिक्र किया। उन्होंने कहा, “भाजपा का वोट बैंक मजबूत हुआ है, जबकि सपा का भरोसेमंद मुस्लिम वोट बैंक बिखर रहा है। यह ‘ब्रांड योगी’ की ताकत को दर्शाता है।”
सपा-कांग्रेस गठबंधन के समीकरण
कांग्रेस ने उपचुनावों में सपा का समर्थन करते हुए अपने उम्मीदवार नहीं उतारे। हालांकि, गठबंधन के स्थानीय स्तर पर कुछ असहमति की खबरें सामने आईं। सपा के राष्ट्रीय सचिव अरविंद सिंह ‘गोप’ ने कहा, “गठबंधन में कोई समस्या नहीं है। कांग्रेस ने हमारा समर्थन किया, लेकिन हार का कारण सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग है। जनता 2027 के चुनाव में भाजपा को सबक सिखाएगी।”
भाजपा के लिए विधानसभा चुनाव की राह आसान
उपचुनावों के नतीजों से भाजपा के लिए आगामी विधानसभा चुनावों की राह आसान होती दिख रही है। पार्टी का संगठन मजबूत हुआ है, और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ‘ब्रांड योगी’ ने पार्टी को नई ऊर्जा दी है। भाजपा का ‘मोदी-योगी’ फैक्टर विपक्ष के लिए बड़ी चुनौती बनता जा रहा है।