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Uttar Pradesh

Kanpur में इस पार्टी का ख़त्म होने वाला है 22 साल पुराना गढ़, क्या बदलेगा सियासी गणित

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Kanpur के सीसामऊ इलाके में करीब 15,000 मतदाता हैं जो अपने वोट से किसी भी पार्टी की जीत का फैसला कर सकते हैं। पिछली बार 2022 के चुनाव में सपा पार्टी ने भाजपा पार्टी से 12,000 वोट अधिक पाकर सीसामऊ सीट जीती थी, जिसका मतलब है कि भाजपा 12,000 वोटों से हारी।

अगर लोगों के एक समूह के पास 12,000 वोट हैं, तो वे वोट वास्तव में यह तय करने में मदद कर सकते हैं कि कोई चुनाव में जीतता है या हारता है। कानपुर में करीब 15,000 सिख मतदाता हैं जो सीसामऊ इलाके के लिए खास चुनाव में काफी अहम होंगे। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कानपुर में सिख समुदाय से बात की और उनका समर्थन पाने की उम्मीद में उनके मंदिर गए।

सीसामऊ में भाजपा पार्टी ने 22 साल पहले जीत हासिल की थी, लेकिन यह आमतौर पर एक ऐसी जगह है जहां सपा नामक एक और पार्टी बहुत मजबूत है। सोलंकी परिवार लंबे समय से वहां काबिज है। पिछले साल हुए चुनावों में भाजपा को सपा से मात्र 12,000 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। अब सवाल यह है कि क्या प्रधानमंत्री मोदी के सिखों के धार्मिक स्थल गुरुद्वारा जाने से भाजपा को सिख मतदाताओं का समर्थन मिलेगा। यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अगर भाजपा इन मतदाताओं को अपने पक्ष में कर लेती है तो वह चुनाव के नतीजे बदल सकती है। भाजपा पार्टी एक महत्वपूर्ण चुनाव के दौरान अपने नेता का समर्थन करने के लिए एक बड़े आयोजन की योजना बना रही है।

इस क्षेत्र में बहुत सारे मुस्लिम मतदाता हैं जो वास्तव में परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं। कांग्रेस पार्टी अभी भी यह पता लगा रही है कि क्या वे सपा नामक किसी अन्य पार्टी के साथ मिलकर काम करेंगे, जिससे चीजें और भी उलझ जाती हैं। हाल ही में राहुल गांधी नामक एक नेता ने सिख समुदाय के बारे में कुछ ऐसी बातें कही जो लोगों को परेशान कर सकती हैं और कांग्रेस पार्टी की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकती हैं। लोग अनुमान लगा रहे हैं कि क्या सपा (समाजवादी पार्टी) और कांग्रेस कानपुर के सीसामऊ क्षेत्र में चुनाव के लिए मिलकर काम करेंगे। यह निश्चित नहीं है कि सिख समुदाय के मतदाता सपा का समर्थन करेंगे या नहीं। चुनाव की तारीख तय हो गई है और सपा ने अपने उम्मीदवार के तौर पर किसी को चुन लिया है, लेकिन हम अभी भी इंतजार कर रहे हैं कि भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) किसे अपना उम्मीदवार बनाएगी।

कई कारणों से सिख मतदाता अब भाजपा पार्टी का समर्थन करने के बारे में सोच रहे हैं। हम सोच रहे हैं कि क्या मोदी के प्रयासों से उनका समर्थन मिलेगा। आगामी उपचुनाव के नतीजे बताएंगे कि सिसामऊ में राजनीति किस तरफ जाएगी। अगर सिख मतदाता मदद करते हैं तो यह चुनाव बहुत कुछ बदल सकता है। कई सवाल हैं, लेकिन अभी ऐसा लग रहा है कि भाजपा इन मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की बहुत कोशिश कर रही है, जिससे उन्हें छोटे इलाकों में जीत मिल सकती है।

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Hazratganj: अतिक्रमण को लेकर दो गुटों में झगड़ा, पुलिस और नगर निगम की उदासीनता पर सवाल

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बुधवार दोपहर Hazratganj के नवल किशोर रोड पर अतिक्रमण को लेकर हुए विवाद ने बवाल का रूप ले लिया। लीला सिनेमा के सामने एक समोसे की दुकान से शुरू हुई कहासुनी ने जल्द ही हिंसक झगड़े का रूप ले लिया। हालांकि, पुलिस तब मौके पर पहुंची जब मामला शांत हो चुका था।

कैसे हुआ विवाद?

दोपहर करीब दो बजे, समोसा खाने आए एक युवक और दुकान मालिक के बीच पार्किंग को लेकर बहस हो गई।

युवक ने दुकान मालिक को टोकते हुए कहा कि उसकी दुकान भी सड़क पर अवैध रूप से लगाई गई है।

कहासुनी मारपीट में बदल गई, जिसमें दुकानदार और उसके कर्मचारियों ने युवक को पीटा।

युवक ने अपनी टीम बुला ली, और फिर दुकान मालिक के कर्मचारियों पर हमला किया गया।

इस दौरान युवक के साथी दो समूहों में बंट गए। एक टीम विष्णु नारायण इंटर कॉलेज की ओर गई, जबकि दूसरी टीम लीला सिनेमा की ओर दौड़ पड़ी। सड़कों पर यह झगड़ा देखने वालों के लिए अराजकता का माहौल पैदा कर गया।

अतिक्रमण बना झगड़े की जड़

स्थानीय निवासियों और व्यापारियों के अनुसार, नवल किशोर रोड पर अतिक्रमण की समस्या लगातार बढ़ रही है।

सड़क पर खुले दफ्तर, दुकानें और वेंडरों के कारण रास्ता संकरा हो गया है।

वाहन सड़क पर खड़े रहते हैं, जिससे जाम की स्थिति बन जाती है।

बिना वेंडिंग ज़ोन के दुकानों और ठेलों ने सड़क के एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर रखा है।

प्रशासन की उदासीनता

अतिक्रमण हटाने में नगर निगम और पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठ रहे हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर निगम अवैध कब्जों को हटाने में पूरी तरह लापरवाह है।

पुलिस भी इन मामलों में मौन बनी रहती है, जिससे विवाद और झगड़ों की घटनाएं बढ़ रही हैं।

यातायात और सुरक्षा पर असर

अतिक्रमण के कारण नवल किशोर रोड पर यातायात बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।

सड़क पर एक वाहन निकलने भर की जगह ही बचती है।

यदि कोई वाहन गलत दिशा से आ जाए तो जाम लगना तय है, जो अक्सर विवाद का कारण बनता है।

पूड़ी-सब्जी और समोसे की दुकानों के बाहर खड़े ग्राहकों और वाहनों से समस्या और गंभीर हो जाती है।

निवासियों की मांग

स्थानीय लोगों ने नगर निगम और पुलिस से अतिक्रमण हटाने की सख्त मांग की है।

यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो सड़क पर झगड़े और जाम की समस्या गंभीर रूप ले सकती है।

प्रशासन को वेंडिंग जोन बनाकर दुकानों और ठेलों को व्यवस्थित करना चाहिए।

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Bihar के हत्या आरोपी, साधु के भेष में लूट करते गोरखपुर में गिरफ्तार

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Bihar में हत्या के आरोपी, साधु के भेष में गोरखपुर में लूट की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे। तारामंडल के यशोधरा कुंज इलाके में एक महिला से लूट करने के बाद रामगढ़ताल पुलिस ने चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। इनकी पहचान बिहार के जहानाबाद जिले के काको थाना क्षेत्र के हाजीपुर नदियावा निवासी पारस नट उर्फ लाठौर, गेंहरी नट, मारकण्डेय नट और परमिला उर्फ संतरा के रूप में हुई है। परमिला जोगी उर्फ योगी नट की पत्नी है, जबकि जोगी और पारस नट अगस्त में बिहार में हत्या करने के बाद फरार हो गए थे। पुलिस अब जोगी की तलाश में जुटी है।

लूट की घटना का तरीका
19 नवंबर को यशोधरा कुंज की निवासी साधना सिंह ने रामगढ़ताल थाने में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि सुबह करीब 10 बजे, दो अज्ञात व्यक्ति उनके कमरे के सामने भीख मांगने के लिए आए। ये दोनों साधु के भेष में थे और कामाख्या देवी के नाम पर कुछ चावल देने के बहाने उनके गहनों को चुराने का प्रयास कर रहे थे। आरोपितों ने चावल के साथ उनका मंगलसूत्र, कान की बालियां और अंगूठी रखवा दी और दावा किया कि इससे उनके धन में वृद्धि होगी।

कुछ देर बाद जब महिला ने चावल के साथ रखी पोटली खोली, तो उसमें मिट्टी जैसा पदार्थ निकला। शोर मचाने पर वही गिरिजा देवी नाम की महिला भी वहां आईं और बताया कि उनके साथ भी यही घटना घटी थी।

पुलिस की कार्रवाई
शिकायत मिलने के बाद रामगढ़ताल पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि ये आरोपी साधु के भेष में घूमते थे और महिलाओं को झांसा देकर उनके गहनों को चुराते थे। गिरफ्तार आरोपितों से पुलिस ने दो मंगलसूत्र, एक जोड़ी कान की बालियां, 27 ताबीज, 14 पीली धातु, चार अंगूठियां और 40 सफेद धातु की अंगूठियां बरामद की हैं।

पुलिस ने आरोपितों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है, जबकि फरार आरोपित जोगी उर्फ योगी नट की गिरफ्तारी के लिए एक टीम उसकी तलाश कर रही है।

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सपा अध्यक्ष Akhilesh Yadav ने गोरखपुर नगर निगम में आउटसोर्सिंग भर्तियों पर सरकार पर साधा निशाना

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समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष Akhilesh Yadav ने गोरखपुर नगर निगम में तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक और लेखपाल जैसे महत्वपूर्ण पदों पर आउटसोर्सिंग के जरिए हो रही भर्तियों पर सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने इस मामले में व्यंग्य करते हुए कहा कि भाजपा को अपनी पूरी सरकार को आउटसोर्स कर देना चाहिए, ताकि सभी कमीशन एक ही जगह से और एक साथ मिल सके।

गोरखपुर नगर निगम ने 18 नवंबर को एक विज्ञापन जारी किया था, जिसमें इन महत्वपूर्ण पदों के लिए आउटसोर्सिंग के माध्यम से आवेदन मांगे गए थे। इन पदों के लिए 7 दिसंबर तक आवेदन की अंतिम तिथि रखी गई है। तहसीलदार को 35 हजार रुपये, नायब तहसीलदार को 30 हजार रुपये, राजस्व निरीक्षक को 29 हजार रुपये और लेखपाल को 27 हजार रुपये मानदेय देने की बात कही गई है। नगर निगम का कहना है कि कार्यभार अधिक होने के कारण सेवानिवृत्त अधिकारियों और कर्मचारियों को इन पदों पर नियुक्त किया जाएगा।

अखिलेश यादव ने इस निर्णय का विरोध करते हुए इसे पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समुदाय के खिलाफ एक आर्थिक साजिश करार दिया। उन्होंने भाजपा से इस प्रस्ताव को तत्काल वापस लेने की मांग की और कहा कि सरकार का यह कदम नौकरी और आरक्षण के संवैधानिक अधिकार को छीनने जैसा है। उन्होंने इसे निंदनीय बताया और कहा कि इस तरह की नौकरियों का विरोध उन्होंने पहले भी किया था।

इसके अलावा, अखिलेश यादव ने गुरुवार को उपचुनावों के परिणामों के बाद प्रदेशवासियों के नाम एक चिट्ठी लिखी। उन्होंने प्रशासनिक दबाव के बावजूद मतदान के दौरान प्रदेश की जनता का हौसला बनाए रखने के लिए सभी का धन्यवाद किया। अखिलेश ने कहा कि नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भाजपा के खिलाफ पीडीए की एकजुटता, सम्मान और अधिकारों के लिए थे। उन्होंने दावा किया कि भाजपा की तमाम कोशिशों के बावजूद पीडीए ने नैतिक रूप से सभी नौ सीटों पर जीत हासिल की है।

अखिलेश यादव ने प्रदेशवासियों से आग्रह किया कि वे अपने वोट की रक्षा करें और जीत का प्रमाणपत्र लेकर जनसेवा में जुट जाएं। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं, उम्मीदवारों और पत्रकारों को भी शुभकामनाएं दी।

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