Uttar Pradesh
AMU अल्पसंख्यक दर्जे पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला, जानिए CJI ने क्या कहा ?
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ कहे जाने वाले महत्वपूर्ण जजों के समूह ने शुक्रवार को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी(AMU) को लेकर बड़ा फैसला सुनाया। उन्होंने तय किया कि यूनिवर्सिटी अल्पसंख्यक संस्थान के तौर पर अपना विशेष दर्जा बरकरार रखेगी। जजों के इस समूह में भारत के मुख्य न्यायाधीश समेत सात सदस्य थे। चार जज इस फैसले से सहमत थे, जबकि तीन जज इससे असहमत थे। सहमत होने वाले जजों में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल थे। असहमत होने वाले जजों में जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा शामिल थे।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने एक ऐसे फैसले के बारे में बात की, जिसमें चार अलग-अलग दृष्टिकोण थे। उन्होंने अनुच्छेद 30 नामक एक नियम का जिक्र किया, जिसमें कहा गया है कि सभी के साथ निष्पक्ष और बिना किसी भेदभाव के व्यवहार किया जाना चाहिए। चीफ जस्टिस का मानना है कि अगर यह नियम सिर्फ संविधान बनने के बाद शुरू हुए स्कूलों और कॉलेजों पर लागू होता है, तो यह कमजोर हो जाएगा। उन्होंने बताया कि संविधान बनने से पहले अल्पसंख्यक समूहों द्वारा बनाए गए स्कूलों को अभी भी अनुच्छेद 30 के तहत संरक्षित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम संविधान से पहले और बाद में बने स्कूलों के बीच के अंतर का उपयोग अनुच्छेद 30 को कम मजबूत बनाने के लिए नहीं कर सकते।
मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने समझाया कि जब लोगों के एक छोटे समूह (जैसे अल्पसंख्यक) के लिए स्कूलों या समूहों की बात आती है, तो उन स्कूलों या समूहों को शुरू करने और चलाने के नियम एक साथ चलते हैं। मुख्य न्यायाधीश ने यह भी उल्लेख किया कि सरकार के एक वकील ने कहा कि वे इस मामले के लिए न्यायाधीशों के एक बड़े समूह पर विचार करने के खिलाफ बहस नहीं कर रहे हैं। यह जानना महत्वपूर्ण है कि एक नियम (अनुच्छेद 30) है जो कहता है कि हमें छोटे समूहों के लोगों के साथ अनुचित व्यवहार नहीं करना चाहिए। बड़ा सवाल यह है कि क्या यह नियम उन्हें उचित व्यवहार के अलावा कोई विशेष अधिकार देता है।
मुख्य न्यायाधीश, श्री डी.वाई. चंद्रचूड़, स्कूलों के बारे में एक सवाल पूछ रहे थे। वह जानना चाहते थे कि हम कैसे बता सकते हैं कि कोई स्कूल लोगों के एक निश्चित समूह के लिए विशेष है, जैसे कि जो लोग एक अलग भाषा बोलते हैं या एक अलग धर्म का पालन करते हैं। उन्होंने पूछा कि क्या किसी स्कूल को सिर्फ इसलिए विशेष माना जाता है क्योंकि उसे उस समूह के किसी व्यक्ति ने शुरू किया था या फिर यह इस बात पर निर्भर करता है कि स्कूल को कौन चला रहा है।
Uttar Pradesh
Kannauj में रूह कांप देने वाला हुआ हादसा, झूला झूलते समय फंसे लड़की के बाल, हो गए खोपड़ी से अलग
Kannauj जिले के तालग्राम क्षेत्र के माधौनगर में एक मजेदार मेला लगा था, जिसमें बहुत सारे रोमांचक झूले लगे थे, जिन्हें हर कोई पसंद करता था। अनुराधा नाम की एक लड़की अपने दोस्तों के साथ झूले पर खेलने के लिए मेले में गई थी। जब वह झूला झूल रही थी, तो उसके बाल झूले के ऊपर एक धातु की छड़ में फंस गए। अनुराधा चिल्लाने लगी क्योंकि उसे चोट लग रही थी, लेकिन उसके बाल अभी भी फंसे हुए थे।
मेले में झूला झूला चल रहा था, और प्रभारी लोग इसे जल्दी से रोकने की कोशिश कर रहे थे क्योंकि कुछ गड़बड़ हो गई थी। लेकिन इससे पहले कि वे इसे रोक पाते, एक लड़की के बाल फंस गए और उसके सिर से उखड़ गए। इससे उसे बहुत चोट लगी और वह बिना बालों के ही गिर गई। देखने वाला हर कोई वाकई हैरान और डरा हुआ था। यह एक बहुत ही भयानक दुर्घटना थी जो कन्नौज के मेले में पहले कभी नहीं हुई थी।
एक व्यक्ति ने एक भयानक दुर्घटना को रिकॉर्ड किया और इसे ऑनलाइन साझा किया। दुर्घटना के बाद, एक लड़की को मदद के लिए मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। वहां के डॉक्टरों ने महसूस किया कि उसे बहुत चोट लगी है और उसे लखनऊ के एक बड़े अस्पताल में भेज दिया। दुर्घटना के बाद झूला चलाने वाला व्यक्ति भाग गया। लड़की के परिवार ने कहा कि उन्होंने झूला संचालक का आईडी कार्ड ले लिया है और उसे सुरक्षित रख रहे हैं।
पुलिस को घटना के बारे में पता है। इलाके में हर कोई चिंतित है और पूछ रहा है कि मेले में प्रभारी लोग सभी को कैसे सुरक्षित रखते हैं। वे समझना चाहते हैं कि लड़की के साथ इतनी गंभीर घटना कैसे हो सकती है और वह अब खतरे में क्यों है। लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई जानकारी साझा नहीं की है और घटना की आधिकारिक तौर पर रिपोर्ट करने वाले किसी व्यक्ति का इंतजार कर रही है।
Uttar Pradesh
UP के इन इलाकों में छाया रहेगा कोहरा, IMD ने दी जानकारी
UP में मौसम में इस समय बहुत बदलाव नहीं हो रहा है। लेकिन जल्द ही मौसम सुहाना और ठंडा होने लगेगा। अभी रातें बहुत ठंडी नहीं हो रही हैं, इसलिए लोगों को अभी नवंबर जैसा नहीं लग रहा है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि लखनऊ और आस-पास के इलाकों में मंगलवार को भी तापमान लगभग एक जैसा ही रहेगा। अगले कुछ दिनों तक मौसम शुष्क रहेगा और 16 नवंबर तक ऐसा ही रहेगा। सुबह के समय कुछ कोहरा हो सकता है, लेकिन यह हल्का होकर चला जाएगा।
थोड़ी धुंध रह सकती है, लेकिन बाद में आसमान साफ हो जाएगा। आगरा में नवंबर के 11 दिन बीत जाने के बाद भी मौसम गर्म है। सोमवार को तापमान सामान्य से अधिक था। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि 14 नवंबर से पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम बदलेगा, जिससे तेज हवाएं चलेंगी और तापमान ठंडा रहेगा। आमतौर पर नवंबर में लोग सुबह और शाम को अच्छी ठंड का आनंद लेते हैं, लेकिन इस साल ऐसा अभी तक नहीं हुआ है। इसके बजाय, दिन में सूरज लोगों को गर्मी का एहसास करा रहा है। सोमवार सुबह हल्का कोहरा छाया रहा, लेकिन जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, सूरज की तपिश बढ़ती गई।
मौसम विशेषज्ञ मोहम्मद दानिश ने बताया कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान में मौसम में बदलाव हो रहा है। यह बदलाव 14 से 16 नवंबर तक आगरा में भी दिखने लगेगा। बारिश तो नहीं होगी, लेकिन इस दौरान तेज हवाएं चलेंगी। हवाओं की वजह से मौसम सामान्य से थोड़ा ठंडा हो जाएगा। एक सप्ताह बाद मौसम में और भी बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि आसमान में बादल छाए रहने के बावजूद सूरज निकलेगा और चमकेगा। साथ ही हवा में थोड़ी चिपचिपाहट भी महसूस होगी, क्योंकि इसमें 63 प्रतिशत नमी है।
नवंबर के दूसरे सप्ताह से मौसम में थोड़ा बदलाव आया है। सुबह और शाम को ठंड महसूस हो रही है, लेकिन दिन में गर्मी महसूस हो रही है। कई जगहों पर सुबह के समय कोहरा और धुंध भी है, जिससे तापमान में काफी बदलाव हो रहा है। सोमवार को शहर में सबसे ठंडा तापमान 18 डिग्री रहा, लेकिन सबसे गर्म तापमान 28.8 डिग्री रहा। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि नवंबर के अंत तक ठंड और बढ़ेगी। दिवाली के बाद से ही मौसम में बदलाव हो रहा है।
Uttar Pradesh
UP में एक व्यक्ति ने पत्नी और 3 बच्चों को दिया जहर, तीनों को हुई मौत
UP के इटावा से एक दुखद घटना सामने आई है, जहां आभूषण बनाने वाले एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी और तीन बच्चों को जहर देकर घायल कर दिया। इसके बाद उसने रेल की पटरियों पर जाकर खुद को भी घायल करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने समय रहते उसे ढूंढ़कर बचा लिया। इस घटना से इलाके में हर कोई हैरान और परेशान है।
सत्येंद्र सोनी नामक व्यक्ति, जो एक मृत महिला का बड़ा भाई है, का मानना है कि मुकेश वर्मा नामक व्यक्ति को पता है कि वास्तव में क्या हुआ था। सत्येंद्र का कहना है कि परिवार में कोई बड़ा झगड़ा नहीं था। मुकेश की पहली पत्नी की मृत्यु हो गई थी, और फिर उसने दूसरी शादी कर ली। उसकी पहली शादी से एक बच्चा भी है। सत्येंद्र को लगता है कि जो कुछ हुआ वह पैसे या संपत्ति को लेकर मतभेद के कारण हो सकता है।
मृत बच्चों के चाचा सत्येंद्र सोनी ने एक बयान में कहा, “हमारे जीजा मुकेश वर्मा के अलावा कोई भी इस घटना का खुलासा नहीं कर सकता। केवल वही जानता है कि उसने ऐसा क्यों किया। परिवार में कोई बड़ा विवाद नहीं था, लेकिन यह संपत्ति से जुड़ा हो सकता है।” इस बीच, संजय कुमार ने कहा, “मुकेश वर्मा पारिवारिक विवादों के कारण परेशान था। उसने अपने परिवार के साथ मिलकर यह घातक कदम उठाया। पूछताछ और जांच के बाद ही असली वजह पता चलेगी। रहस्य सुलझाने वाली टीम ने उस जगह से सुराग जुटाए हैं, जहां कुछ हुआ था। वे यह पता लगाना चाहते हैं कि आखिर हुआ क्या था। पुलिस हर चीज पर बारीकी से नजर रख रही है और जल्द ही पूरी कहानी का पता लगाने का वादा कर रही है।
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