Uttar Pradesh
वाराणसी पहुंचे Devkinandan Thakur, सनातन बोर्ड गठन की मांग फिर दोहराई
कथावाचक और अपने विचारों के लिए चर्चित Devkinandan Thakur इन दिनों वाराणसी में हैं। उन्होंने एक बार फिर सनातन बोर्ड के गठन की आवश्यकता पर जोर दिया। उनका कहना है कि देशभर के मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करना चाहिए। उन्होंने विश्वास जताया कि काशी के संतों का आशीर्वाद रहा तो यह संकल्प जल्द ही पूरा होगा।
सनातन बोर्ड की मांग
वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में बड़ी संख्या में श्रद्धालु देवकीनंदन ठाकुर की बात सुनने पहुंचे। यहां उन्होंने कहा कि मंदिरों की देखरेख और व्यवस्थाओं का जिम्मा धार्मिक विद्वानों और धर्माचार्यों के हाथ में होना चाहिए। “तिरुपति प्रसाद जैसे विवाद दोबारा न हों, इसके लिए मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से दूर रखना आवश्यक है,” उन्होंने कहा। साथ ही, उन्होंने काशी के संतों और स्थानीय जनमानस से इस पहल के लिए समर्थन और आशीर्वाद मांगा।
बांग्लादेश घटना पर टिप्पणी
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के साथ हुई घटनाओं पर देवकीनंदन ठाकुर ने चिंता जताते हुए कहा, “यह घटना बेहद निंदनीय और कष्टदायक है। संपूर्ण विश्व के सनातनी इसे लेकर विरोध जता रहे हैं।”
सनातन यात्रा और कथा आयोजन
देवकीनंदन ठाकुर 1 दिसंबर से 7 दिसंबर तक वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में कथा सुनाएंगे। कथा के पहले दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। इसके पहले, उन्होंने कानपुर में सनातन यात्रा निकाली। पांच किलोमीटर लंबी यह यात्रा मोती झील से शुरू हुई, जिसमें उन्होंने संतों के साथ सनातन बोर्ड की स्थापना की मांग को उठाया।