Uttar Pradesh
CM Yogi ने खरगे और प्रियंका गांधी पर साधा निशाना, विपक्ष को घेरा
उत्तर प्रदेश के CM Yogi इन दिनों चुनाव प्रचार में जोर-शोर से जुटे हुए हैं। उत्तर प्रदेश में उपचुनाव की रैलियों के बीच उन्होंने झारखंड और महाराष्ट्र में भी प्रचार किया। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी पूरी ताकत झोंक रही है। इसी सिलसिले में रविवार, 17 नवंबर को सीएम योगी महाराष्ट्र के कोल्हापुर पहुंचे और वहां जनसभा को संबोधित किया।
प्रियंका गांधी और खरगे पर हमला
सभा में CM Yogi ने प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा, “प्रियंका गांधी कल यहां आई होंगी, लेकिन उन्होंने सच्चाई नहीं बोली होगी। उन्होंने विकास, सुरक्षा या नक्सलवाद पर बात नहीं की होगी, क्योंकि उनका मकसद समाज को बांटना है।”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर निशाना साधते हुए योगी ने कहा, “खरगे जी उम्रदराज हैं, लेकिन सच्चाई नहीं बताते। उन्हें अपने अतीत की घटनाओं के बारे में खुलकर बोलना चाहिए।”
खरगे के गांव की घटना का जिक्र
CM Yogi ने कहा कि 1947 में हैदराबाद के निजाम और रजाकारों ने खरगे जी के गांव को जला दिया था। इस आगजनी में उनकी मां, चाची और बहन की दुखद मौत हुई थी। योगी ने कहा, “जब मैं यह कहता हूं कि ‘बंटोगे तो कटोगे’, तो खरगे जी को बुरा लगता है। उन्हें सच बताना चाहिए कि वे रजाकार कौन थे, जिन्होंने यह किया।”
‘बंटोगे तो कटोगे’ का फिर दिया नारा
CM Yogi का ‘बंटोगे तो कटोगे’ बयान हरियाणा विधानसभा चुनाव में काफी चर्चा में रहा था। इसे चुनावी तस्वीर बदलने वाला बयान माना गया था। RSS ने भी इस नारे का समर्थन किया था। अब महाराष्ट्र के कोल्हापुर में एक बार फिर उन्होंने यही नारा दोहराते हुए कहा, “एकजुट रहेंगे, तभी सुरक्षित रहेंगे।”
प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन
CM Yogi के इस नारे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गुजरात में प्रचार के दौरान इसे दोहराया था। महाराष्ट्र में सीएम योगी का यह बयान एक बार फिर चर्चा का केंद्र बन गया है।
Uttar Pradesh
Bihar के हत्या आरोपी, साधु के भेष में लूट करते गोरखपुर में गिरफ्तार
Bihar में हत्या के आरोपी, साधु के भेष में गोरखपुर में लूट की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे। तारामंडल के यशोधरा कुंज इलाके में एक महिला से लूट करने के बाद रामगढ़ताल पुलिस ने चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। इनकी पहचान बिहार के जहानाबाद जिले के काको थाना क्षेत्र के हाजीपुर नदियावा निवासी पारस नट उर्फ लाठौर, गेंहरी नट, मारकण्डेय नट और परमिला उर्फ संतरा के रूप में हुई है। परमिला जोगी उर्फ योगी नट की पत्नी है, जबकि जोगी और पारस नट अगस्त में बिहार में हत्या करने के बाद फरार हो गए थे। पुलिस अब जोगी की तलाश में जुटी है।
लूट की घटना का तरीका
19 नवंबर को यशोधरा कुंज की निवासी साधना सिंह ने रामगढ़ताल थाने में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि सुबह करीब 10 बजे, दो अज्ञात व्यक्ति उनके कमरे के सामने भीख मांगने के लिए आए। ये दोनों साधु के भेष में थे और कामाख्या देवी के नाम पर कुछ चावल देने के बहाने उनके गहनों को चुराने का प्रयास कर रहे थे। आरोपितों ने चावल के साथ उनका मंगलसूत्र, कान की बालियां और अंगूठी रखवा दी और दावा किया कि इससे उनके धन में वृद्धि होगी।
कुछ देर बाद जब महिला ने चावल के साथ रखी पोटली खोली, तो उसमें मिट्टी जैसा पदार्थ निकला। शोर मचाने पर वही गिरिजा देवी नाम की महिला भी वहां आईं और बताया कि उनके साथ भी यही घटना घटी थी।
पुलिस की कार्रवाई
शिकायत मिलने के बाद रामगढ़ताल पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि ये आरोपी साधु के भेष में घूमते थे और महिलाओं को झांसा देकर उनके गहनों को चुराते थे। गिरफ्तार आरोपितों से पुलिस ने दो मंगलसूत्र, एक जोड़ी कान की बालियां, 27 ताबीज, 14 पीली धातु, चार अंगूठियां और 40 सफेद धातु की अंगूठियां बरामद की हैं।
पुलिस ने आरोपितों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है, जबकि फरार आरोपित जोगी उर्फ योगी नट की गिरफ्तारी के लिए एक टीम उसकी तलाश कर रही है।
Uttar Pradesh
सपा अध्यक्ष Akhilesh Yadav ने गोरखपुर नगर निगम में आउटसोर्सिंग भर्तियों पर सरकार पर साधा निशाना
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष Akhilesh Yadav ने गोरखपुर नगर निगम में तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक और लेखपाल जैसे महत्वपूर्ण पदों पर आउटसोर्सिंग के जरिए हो रही भर्तियों पर सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने इस मामले में व्यंग्य करते हुए कहा कि भाजपा को अपनी पूरी सरकार को आउटसोर्स कर देना चाहिए, ताकि सभी कमीशन एक ही जगह से और एक साथ मिल सके।
गोरखपुर नगर निगम ने 18 नवंबर को एक विज्ञापन जारी किया था, जिसमें इन महत्वपूर्ण पदों के लिए आउटसोर्सिंग के माध्यम से आवेदन मांगे गए थे। इन पदों के लिए 7 दिसंबर तक आवेदन की अंतिम तिथि रखी गई है। तहसीलदार को 35 हजार रुपये, नायब तहसीलदार को 30 हजार रुपये, राजस्व निरीक्षक को 29 हजार रुपये और लेखपाल को 27 हजार रुपये मानदेय देने की बात कही गई है। नगर निगम का कहना है कि कार्यभार अधिक होने के कारण सेवानिवृत्त अधिकारियों और कर्मचारियों को इन पदों पर नियुक्त किया जाएगा।
अखिलेश यादव ने इस निर्णय का विरोध करते हुए इसे पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समुदाय के खिलाफ एक आर्थिक साजिश करार दिया। उन्होंने भाजपा से इस प्रस्ताव को तत्काल वापस लेने की मांग की और कहा कि सरकार का यह कदम नौकरी और आरक्षण के संवैधानिक अधिकार को छीनने जैसा है। उन्होंने इसे निंदनीय बताया और कहा कि इस तरह की नौकरियों का विरोध उन्होंने पहले भी किया था।
इसके अलावा, अखिलेश यादव ने गुरुवार को उपचुनावों के परिणामों के बाद प्रदेशवासियों के नाम एक चिट्ठी लिखी। उन्होंने प्रशासनिक दबाव के बावजूद मतदान के दौरान प्रदेश की जनता का हौसला बनाए रखने के लिए सभी का धन्यवाद किया। अखिलेश ने कहा कि नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भाजपा के खिलाफ पीडीए की एकजुटता, सम्मान और अधिकारों के लिए थे। उन्होंने दावा किया कि भाजपा की तमाम कोशिशों के बावजूद पीडीए ने नैतिक रूप से सभी नौ सीटों पर जीत हासिल की है।
अखिलेश यादव ने प्रदेशवासियों से आग्रह किया कि वे अपने वोट की रक्षा करें और जीत का प्रमाणपत्र लेकर जनसेवा में जुट जाएं। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं, उम्मीदवारों और पत्रकारों को भी शुभकामनाएं दी।
Uttar Pradesh
यूपी उपचुनाव: Ghaziabad में वोटिंग में सबसे कम दिलचस्पी, सिर्फ 33.3% मतदान
उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के लिए बुधवार को मतदान संपन्न हो गया। चुनाव आयोग के अनुसार, इन चुनावों में औसत मतदान 49.3% दर्ज किया गया। हालांकि, Ghaziabad विधानसभा सीट पर सबसे कम वोटिंग रही, जहां मात्र 33.3% लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।
Ghaziabad में सबसे कम वोटिंग
Ghaziabad में बुधवार को 507 बूथों पर मतदान हुआ। छुट्टी के बावजूद, इस सीट पर मतदाताओं ने वोटिंग में खास रुचि नहीं दिखाई। 2022 के विधानसभा चुनावों में यहां 51.78% और 2017 में 53.27% मतदान हुआ था। लेकिन इस बार, केवल एक-तिहाई मतदाता ही घरों से बाहर निकले।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, गाजियाबाद का यह प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा, खासकर जब इसे मुरादाबाद की कुंदरकी सीट से तुलना की जाए, जहां 57.32% मतदान हुआ।
अन्य सीटों पर वोटिंग का हाल
अन्य सीटों पर मतदान प्रतिशत बेहतर रहा।
सीसामऊ: 49.03%
मझावां: 50.41%
मीरापुर: 57.02%
खैर: 46.35%
फूलपुर: 43.43%
करहल: 53.92%
कटेहरी: 56.69%
Ghaziabad सीट का राजनीतिक परिदृश्य
यह सीट भाजपा का गढ़ मानी जाती है। 2022 में, भाजपा के अतुल गर्ग ने यहां जीत दर्ज की थी। उनके सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई, जिसके चलते उपचुनाव कराए गए। भाजपा ने इस बार संजीव शर्मा को उम्मीदवार बनाया है। उनके खिलाफ सपा ने सिंहराज जाटव और बसपा ने पीएन गर्ग को मैदान में उतारा है।
कम वोटिंग का कारण
विशेषज्ञों का मानना है कि उपचुनाव में आमतौर पर मतदान कम होता है। गाजियाबाद में इसका प्रभाव और ज्यादा दिखा क्योंकि यह क्षेत्र कामकाजी लोगों का है। यहां के अधिकांश मतदाता छुट्टी के दिन भी मतदान के बजाय आराम करना या दिन को मनोरंजन के तौर पर बिताना पसंद करते हैं।
नतीजों का इंतजार
गाजियाबाद समेत नौ सीटों के नतीजे 23 नवंबर को घोषित होंगे। देखना दिलचस्प होगा कि इस कम मतदान का असर चुनाव परिणामों पर कितना पड़ता है।
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