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महाराजा रणजीत सिंह की धरोहरों की वापसी, Raghav Chaddha की ऐतिहासिक पहल
आम आदमी पार्टी के सांसद Raghav Chaddha ने राज्यसभा में 24 जुलाई 2024 को एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया। उन्होंने ब्रिटेन में रखी महाराजा रणजीत सिंह की ऐतिहासिक धरोहरों, विशेष रूप से उनके स्वर्ण सिंहासन, को भारत वापस लाने की मांग की। यह कदम भारतीय संस्कृति और इतिहास के संरक्षण के लिए एक बड़ी पहल मानी जा रही है।
सरकार का आश्वासन
Raghav Chaddha की इस मांग पर केंद्र सरकार ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एक पत्र में लिखा कि सरकार ऐतिहासिक धरोहरों को वापस लाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता के बाद से अब तक 358 ऐतिहासिक वस्तुएं भारत वापस लाई गई हैं। महाराजा रणजीत सिंह से जुड़ी धरोहरों को वापस लाने के लिए भी सरकार राजनयिक माध्यमों का उपयोग करेगी।
महाराजा रणजीत सिंह का स्वर्ण सिंहासन
Raghav Chaddha ने अपने भाषण में लंदन के विक्टोरिया एंड अल्बर्ट म्यूजियम में रखे महाराजा रणजीत सिंह के स्वर्ण सिंहासन का उल्लेख किया। उन्होंने इसे भारत की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक बताया और कहा कि इसे वापस लाना हमारी जिम्मेदारी है।
उन्होंने राज्यसभा में कहा, “महाराजा रणजीत सिंह का शासन न्याय, समानता और धर्मनिरपेक्षता के मूल्यों पर आधारित था। उनका सिंहासन केवल एक वस्तु नहीं, बल्कि हमारे गौरवशाली इतिहास का प्रतीक है। इसे वापस लाना हमारे सांस्कृतिक पुनरुत्थान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।”
धरोहरों की वापसी में राघव चड्ढा की भूमिका
राघव चड्ढा ने यह मुद्दा न केवल संसद में उठाया, बल्कि सरकार पर ठोस कार्रवाई के लिए भी दबाव बनाया। उनकी पहल के बाद सरकार ने इसे प्राथमिकता के साथ लेने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि पंजाब और देश के लोगों की भावनाएं इन धरोहरों से जुड़ी हुई हैं।
सरकार की रणनीति और चुनौतियां
गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि ब्रिटिश काल के दौरान भारत से ले जाई गई धरोहरों को वापस लाने में कानूनी और राजनयिक चुनौतियां हैं। संबंधित देशों के कानून और नीतियां इस प्रक्रिया को प्रभावित करती हैं। बावजूद इसके, सरकार ने इस दिशा में प्रयास जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई है।
सांस्कृतिक संरक्षण की बड़ी जीत
राघव चड्ढा ने इस पहल को भारतीय इतिहास और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की दिशा में एक बड़ी जीत बताया। उन्होंने कहा, “यह केवल धरोहरों को वापस लाने का अभियान नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित करने का प्रयास है।”
सामाजिक मुद्दों के प्रति प्रतिबद्धता
राघव चड्ढा न केवल ऐतिहासिक मुद्दों बल्कि सामाजिक समस्याओं पर भी मुखर रहते हैं। हाल ही में उन्होंने संसद में पंजाब में बढ़ती ड्रग समस्या और हवाई कनेक्टिविटी जैसे मुद्दों पर भी सरकार का ध्यान आकर्षित किया।
महाराजा रणजीत सिंह की धरोहरों को भारत लाने की यह पहल, भारतीय इतिहास के संरक्षण और राष्ट्रीय गौरव को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सांसद राघव चड्ढा की इस पहल ने न केवल सरकार को सक्रिय किया, बल्कि देशवासियों के बीच सांस्कृतिक धरोहरों के महत्व को भी उजागर किया।