Connect with us

Punjab

आतंकी Lakhbir Landa के खिलाफ Police का Action, 297 ठिकानों पर मारे छापे

Published

on

Lakhbir Landa

चंडीगढ़: मुख्यमंत्री भगवंत मान की दूरदर्शी सोच अनुसार पंजाब को अपराध मुक्त राज्य बनाने के लिए शुरू की गई मुहिम के अंतर्गत देश-विदेश स्थित आतंकवादियों, गैंगस्टरों और नशा तस्करों के आपसी संबंधों को नकेल डालने के उद्देश्य से एक अन्य महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पंजाब पुलिस की तरफ से रविवार को आतंकवादी Lakhbir Landa से जुड़े व्यक्तियों के संदिग्ध ठिकानों पर विशेष घेराबंदी और तलाशी मुहिम (कासो) चलाई गई।

यह छापेमारी डायरैक्टर जनरल आफ पुलिस (डी.जी.पी.) पंजाब गौरव यादव के निर्देशों पर सुबह 6 से सुबह 10 बजे तक एक ही समय पर की गई। इस दौरान राज्य के 28 पुलिस जिलों में लखबीर लंडा के लगभग 297 साथियों से जुड़े सभी रिहायशी और अन्य ठिकानों की तलाशी ली गई। स्पैशल डी.जी.पी. लॉ एंड ऑर्डर अर्पित शुक्ला ने बताया कि सभी सी.पीज/ एस.एस.पीज को हिदायत की गई थी कि वे इस आप्रेशन को सफल बनाने के लिए इंस्पैक्टर या सब-इंस्पैक्टर के नेतृत्व में मजबूत पुलिस पाॢटयां तैनात करें। उन्होंने बताया कि पुलिस टीमों को कार्रवाई के दौरान संदिग्ध व्यक्तियों को काबू करने के लिए भी कहा गया था। उन्होंने बताया कि पंजाब पुलिस की 150 टीमों, जिनमें लगभग 1200 पुलिस मुलाजिम शामिल हैं, ने राज्य भर में इस छापेमारी को अंजाम दिया। इस विशेष मुहिम (कासो) की योजना, हाल ही में पकड़े गए लखबीर लंडा की हिमायत वाले मॉड्यूलों से संबंधित कई व्यक्तियों से पूछताछ के बाद बनाई गई थी।

स्पैशल डी.जी.पी. ने बताया कि और पड़ताल के लिए कई व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया है और उनके पास से आपराधिक सामग्री भी जब्त की गई है, जिसकी आगे जांच जारी है। इस कार्रवाई के दौरान पुलिस टीमों ने इन अपराधियों से संबंधित घरों और अन्य स्थानों पर बारीकी से तलाशी ली और इलैक्ट्रानिक डिवाइसों से डाटा भी इकट्ठा किया, जिसको फॉरैंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि पुलिस टीमों ने हथियारों के लाइसैंसों की भी जांच की और असले के स्रोत के बारे लोगों से पूछताछ की। इसके अलावा विदेशों में रहते उनके पारिवारिक सदस्यों की यात्रा सम्बन्धी विवरण, विदेशों से बैंकों के लेन-देन, वैस्टर्न यूनियन और जायदाद संबंधी विवरण भी आगे जांच के लिए इकट्ठे किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि ऐसे छापे समाज विरोधी तत्वों में पुलिस का डर पैदा करने में मदद करते हैं, जबकि आम लोगों में सुरक्षा की भावना पैदा करते हैं।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement