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Akali Dal सुधार आंदोलन की पहली बैठक में ईशनिंदा मामलों पर लिया गया बड़ा फैसला

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Akali Dal सुधार आंदोलन की पहली बैठक में ईशनिंदा मामलों पर लिया गया बड़ा फैसलाआज शिरोमणि अकाली दल सुधार आंदोलन नामक समूह के नेता पहली बार फरीदकोट नामक स्थान पर मिले। वे खुश थे क्योंकि बहुत से लोग उन महत्वपूर्ण चीजों का समर्थन कर रहे हैं जिनके लिए उन्होंने अतीत में कड़ी मेहनत की है।

सुधार आंदोलन के नेता आज पहली बार मिले। वे कार्यकर्ताओं से सुनना चाहते थे कि आगे क्या करना है और यह जानना चाहते थे कि उनके द्वारा पहले किए गए काम के बारे में सभी की क्या राय है। इस तरह, वे भविष्य के लिए एक अच्छी योजना बना सकते हैं।

आज जत्थेदार गुरप्रताप सिंह वडाला नामक नेता ने लोगों से बात की और कहा कि भगवंत मान के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार अच्छा काम नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि अतीत की समस्याओं के कारण आम आदमी पार्टी और उसके समर्थकों के लिए चीजें कठिन हो रही हैं।

उन्होंने सरकार से यह भी कहा कि वे अच्छा काम नहीं कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने स्थानीय अदालत से एक गलत काम करने वाले व्यक्ति के मामले को चंडीगढ़ की एक दूर की अदालत में स्थानांतरित कर दिया। अब, समुदाय की मदद करने वाले वकीलों को मामले में मदद करने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है।

बीबी जागीर कौर ने सभी से एसजीपीसी के लिए वोट करने को कहा, जो गुरुद्वारों की देखभाल करने वाला समूह है। वह चाहती हैं कि नेता बनने के लिए चुने जाने वाले लोगों को सभी द्वारा चुना जाना चाहिए, न कि केवल उनके परिवार के आधार पर। उन्होंने यह भी कहा कि गुरुद्वारा समिति को बेहतर बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए जाने चाहिए। प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने सभी से जत्थेदार गुरचरण सिंह टोहरा नामक एक बहुत ही बुद्धिमान व्यक्ति के 100वें जन्मदिन को मनाने के लिए जल्द ही एक विशेष कार्यक्रम में शामिल होने को कहा।

वह चाहते हैं कि बहुत से लोग आएं और इस कार्यक्रम को खास बनाने में मदद करें। उन्होंने हाल ही में संत हरचंद सिंह लोंगोवाल को याद करने के लिए आयोजित एक सभा के दौरान एक अच्छे उद्देश्य के लिए कड़ी मेहनत करने वाले सहायकों को भी धन्यवाद दिया। सुधार आंदोलन के एक नेता चरणजीत सिंह बराड़ ने सभी को अब तक किए गए कार्यक्रमों के बारे में बताया। उन्होंने प्रत्येक गांव में सुधार आंदोलन के लिए एक समूह शुरू करने के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरने का तरीका भी साझा किया।

यह महत्वपूर्ण है क्योंकि अकाली दल मुख्य समूह है जो शिरोमणि सुधार आंदोलन को सफल बनाने में मदद करेगा। फरीदकोट से सांसद रह चुकीं बीबी परमजीत कौर गुलशन ने कहा कि यह जगह उनके लिए बहुत खास है और उन्हें यहां रहने वाले लोगों की बहुत परवाह है। बीबी परमजीत कौर लोडर ने कहा कि जब से सुधार आंदोलन शुरू हुआ है, तब से बहुत सारी अच्छी चीजें हो रही हैं। इस कार्यक्रम में पूर्व विधायक गगनजीत सिंह बरनाला और एडवोकेट जोगिंदर सिंह बराड़ जैसे कई महत्वपूर्ण लोगों ने सभी से बात की। पवनप्रीत सिंह, कुलवीर सिंह मट्टा और इलाके के कई कार्यकर्ता समेत कई अन्य लोग भी वहां मौजूद थे।

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कांग्रेस ने पूर्व सीएम Charanjit Channi को दी बड़ी जिम्मेदारी, किया फिर से विश्वास

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पंजाब के नेता रहे और अब जालंधर से सांसद Charanjit Channi को कांग्रेस पार्टी ने अहम जिम्मेदारी दी है। कल शाम ही कांग्रेस ने उन्हें और हिमाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री रहे मुकेश अग्निहोत्री को 2024 में जम्मू-कश्मीर में होने वाले चुनावों की निगरानी के लिए चुना है। आज का दिन अहम है क्योंकि जम्मू-कश्मीर में लोग विधानसभा चुनाव के लिए मतदान कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी चाहती है कि सब कुछ ठीक रहे, इसलिए वे दूसरे राज्यों से अपने बेहतरीन उम्मीदवारों को मदद के लिए बुला रहे हैं।’

उन्होंने मतदान के दौरान सब कुछ देखने और संभालने के लिए चन्नी को भी चुना है। कांग्रेस पार्टी ने कुछ अहम खबरें साझा की हैं। उन्होंने बताया कि चरणजीत सिंह चन्नी और मुकेश अग्निहोत्री को खास काम के लिए चुना गया है। Charanjit Channi पंजाब के नेता थे और उत्तर भारत में उनका काफी नाम है, इसलिए लोग उन्हें दूसरे जगहों पर भी पहचानते हैं। उनकी मदद के लिए कुछ अनुभवी लोगों को भी चुना गया है।

जम्मू-कश्मीर में पहले चरण में 24 सीटों पर हो रहे मतदान में कुल 229 उम्मीदवार चुनावी मैदान में नजर आ रहे हैं। जिनमें 9 महिलाएं और 92 निर्दलीय उम्मीदवार शामिल हैं। इनमें 36 उम्मीदवार ऐसे हैं, जिनके खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज हैं।

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Punjab में धान की रोपाई पर लगेगी रोक ! 15 इलाकों में धान की खेती पर लग सकती है रोक

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Punjab में भूमिगत जल स्तर लगातार कम होता जा रहा है। इस वजह से कुछ जगहों पर चावल की खेती बंद हो सकती है। 15 ऐसे इलाके हैं जिन्हें “डार्क जोन” कहा जाता है, जहां पानी बहुत कम है। पंजाब सरकार को इस बारे में कोई भी फैसला लेने से पहले बहुत सोच-समझकर फैसला लेना होगा।

Punjab सरकार ने किसानों की मदद के लिए कृषि नीति-2023 नाम से एक योजना साझा की है। वे इस योजना के बारे में किसानों से विचार सुनना चाहते हैं। योजना के साथ-साथ खेती को बेहतर बनाने के लिए कुछ सुझाव भी दिए गए हैं। डॉ. सुखपाल सिंह, जो किसान विशेषज्ञ हैं, का एक महत्वपूर्ण सुझाव है कि राज्य के 15 खास इलाकों में चावल की खेती बंद कर दी जाए, जहां खेती करना मुश्किल है।

उन्होंने बताया कि कुछ जगहें ऐसी हैं, जहां भूमिगत जल स्तर बहुत नीचे चला गया है, 400 से 500 फीट तक। चूंकि किसान चावल उगा रहे हैं, इसलिए उन्हें पैसे की समस्या हो रही है, क्योंकि वहां पर्याप्त पानी नहीं है और उन्हें अपने पौधों से उतना भोजन नहीं मिल रहा है। इसलिए, इन किसानों के लिए अलग-अलग तरह के पौधे उगाने का प्रयास करना एक अच्छा विचार होगा।

खेती के लिए योजना कहती है कि हमें किसानों को मुफ़्त बिजली देना तुरंत बंद कर देना चाहिए। अभी राज्य में 14 लाख (यानी 1.4 मिलियन) खेती की मशीनें हैं जो बिना पैसे चुकाए बिजली का इस्तेमाल कर रही हैं। इस मुफ़्त बिजली पर बहुत ज़्यादा पैसे खर्च होते हैं – हर साल लगभग 10,000 करोड़ रुपये (जो बहुत बड़ी रकम है)।

उन्होंने कहा है कि हमें कुछ ज़मीनों पर चावल नहीं उगाना चाहिए। इसके बजाय, वे चाहते हैं कि हम दूसरी तरह की फ़सलें उगाएँ जिन्हें ज़्यादा पानी की ज़रूरत नहीं होती। उन्हें यह भी लगता है कि किसानों को उनकी सभी फ़सलों का उचित मूल्य मिलना चाहिए।

सरकार ने किसानों की मदद के लिए एक नई योजना बनाई है। वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि किसानों को उनकी फ़सलों का अच्छा मूल्य मिले, न कि सिर्फ़ वह न्यूनतम राशि जो उन्हें मिलनी चाहिए। अगर किसानों को उनकी फ़सलों के लिए वह न्यूनतम राशि नहीं मिलती है, तो वे अंतर को पूरा करने के लिए 1,000 करोड़ रुपये का एक विशेष कोष बनाएंगे। योजना यह भी कहती है कि किसानों और खेतों पर काम करने वाले लोगों को ज़्यादा पैसे कमाने चाहिए।

वे चंडीगढ़ से जयपुर तक सड़क मार्ग से जुड़कर ट्रकों के लिए अलग-अलग जगहों से फल और सब्ज़ियाँ बड़े बंदरगाह तक ले जाना आसान बनाना चाहते हैं। उन्हें लगता है कि ज़ीरकपुर और मोहाली व्यस्त जगह बन सकते हैं जहाँ लोग आस-पास के कई इलाकों से इन फलों और सब्ज़ियों को खरीद और बेच सकते हैं।

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पत्रकार और लेखक Kamaljeet Singh को सलाहकार बोर्ड के सदस्य के रूप में नियुक्त किया

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Kamaljeet Singh बनवैत पंजाब के जाने-माने लेखक और रिपोर्टर हैं। भारत सरकार ने उन्हें सलाहकार बोर्ड नामक एक विशेष समूह का हिस्सा बनने के लिए चुना है, जो विभिन्न समुदायों की ज़रूरतों के बारे में निर्णय लेने में मदद करता है। यह समूह अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का हिस्सा है, जो भारत में छोटे समूहों के हितों का ख्याल रखता है।

Kamaljeet Singh बनवैत एक ऐसे व्यक्ति हैं जो राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की मदद करते हैं, जो एक ऐसा समूह है जो विभिन्न समुदायों, विशेष रूप से सिख समुदाय के अधिकारों की रक्षा करता है। भारत सरकार ने उन्हें इसलिए चुना क्योंकि उन्हें इन विषयों के बारे में बहुत कुछ पता है। 2011 में, उन्हें लेखन में उनके काम के लिए पंजाब सरकार से एक विशेष पुरस्कार मिला। उन्होंने 12 किताबें लिखी हैं और राजनीति को बहुत अच्छी तरह समझते हैं। बनवैत नामक एक निजी टीवी चैनल पर खबर इनसाइट नाम का एक शो आता है जिसके बारे में लोग अभी बहुत चर्चा कर रहे हैं।

शो को होस्ट करने वाले व्यक्ति ने पहले भी दूसरे चैनलों पर शो किए हैं। वह ऐसे लेख लिखते हैं जो हर दिन लोकप्रिय पंजाबी अख़बारों में छपते हैं। कमलजीत सिंह का जन्म नवांशहर के उदापर नामक गाँव में हुआ था। उन्होंने एक समाचार रिपोर्टर के रूप में काम करना शुरू किया और अंततः 25 से अधिक वर्षों तक एक प्रसिद्ध अख़बार में वरिष्ठ पत्रकार बने रहे। उन्होंने एक अन्य अख़बार में कार्यकारी संपादक के रूप में एक विशेष नौकरी भी की।

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