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Empowered Panchayats, समृद्ध गाँव: Punjab Government ने जारी की 332 Crore की पहली Installment

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पंजाब सरकार ने ग्रामीण विकास को तेज़ करने और गाँवों को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने राज्य की सभी ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों को 332 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी कर दी है। यह पैसा सीधे पंचायतों के बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया है, जिससे फंड रिलीज़ में किसी तरह की देरी या बिचौलियों की दखलअंदाज़ी नहीं होगी।

मुख्यमंत्री भगवंत मान और वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने साफ़ कहा है कि यह कदम पंजाब को “रंगीन और विकसित पंजाब” बनाने की दिशा में एक मजबूत शुरुआत है।

फंड दो हिस्सों में बाँटा गया जरूरत और प्राथमिकता के आधार पर

पंजाब सरकार ने इस 332 करोड़ रुपये को दो भागों में बाँटा है, ताकि गाँवों की ज़रूरतों के हिसाब से काम हो सके।

1.     अनटाइड फंड – 156 करोड़ रुपये

यह पैसा पंचायतें अपनी मर्जी से किसी भी विकास कार्य पर खर्च कर सकती हैं। जैसे:

  • गाँव की सड़क बनवाना
  • कम्युनिटी बिल्डिंग तैयार करना
  • पीने के पानी की सप्लाई मजबूत करना
  • बिजलीकरण और स्ट्रीट लाइट
  • ड्रेनेज सिस्टम सुधारना

इस फंड से पंचायतें स्वायत्त यानी independent होकर काम कर पाएंगी

2. टाइड फंड – 176 करोड़ रुपये

यह राशि कुछ खास कामों के लिए ही इस्तेमाल होगी, जैसे:

  • सफाई (Sanitation)
  • कचरा प्रबंधन (Waste Management)
  • सामुदायिक शौचालय
  • ODF (Open Defecation Free) अभियान
  • स्वच्छता और पर्यावरण सुधार

सरकार का कहना है कि “विकास सिर्फ बिल्डिंग बनाने से नहीं होता, बल्कि साफ़ और स्वस्थ माहौल भी उतना ही जरूरी है।

हर ग्राम पंचायत को मिला औसतन 1.76 लाख रुपये

पहली किश्त में हर ग्राम पंचायत को औसतन 1.76 लाख रुपये मिले हैं।
सरकार ने यह भी ऐलान किया है कि साल के अंत तक या जनवरी 2026 में 334 करोड़ रुपये की दूसरी किस्त भी जारी की जाएगी।

यानि पूरे साल में एक ग्राम पंचायत को कुल लगभग 3.52 लाख रुपये विकास कार्यों के लिए मिलेंगे।

तीन-स्तरीय फंड वितरण — 70:20:10 मॉडल

फंड को पंचायत स्तर पर इस तरह बांटा गया है:

  • ग्राम पंचायत – 70%
  • पंचायत समिति – 20%
  • जिला परिषद – 10%

इससे हर स्तर की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय होती है।

किन जिलों को मिला सबसे ज़्यादा फंड?

जनसंख्या और ज़रूरत के आधार पर सबसे ज़्यादा फंड इन जिलों को दिया गया —

  • लुधियाना – 33.40 करोड़
  • होशियारपुर – 28.51 करोड़
  • गुरदासपुर – 27.64 करोड़

बाकी जिले जैसे जालंधर, पटियाला, संगरूर, फाजिल्का, फिरोज़पुर, मोगा, मुक्तसर साहिब, तरनतारन आदि को भी उनकी आवश्यकताओं के हिसाब से पर्याप्त फंड मिला है।

अन्य बड़े प्रोजेक्ट: सड़कें और खेल स्टेडियम

सरकार ग्रामीण ढांचागत विकास पर भी भारी निवेश कर रही है:

  • 19,000 किलोमीटर सड़कों की मरम्मत पर 4,150 करोड़ रुपये
  • खेल स्टेडियम बनाने पर 1,000 करोड़ रुपये का विशेष बजट

सरकार का कहना है कि सड़क, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और खेल—सभी पर बराबर ध्यान दिया जाएगा।

डिजिटल ट्रांसफर, पूरी पारदर्शिता

फंड ट्रांसफर की ये पूरी प्रक्रिया डिजिटल है।
इससे:

  • भ्रष्टाचार की गुंजाइश खत्म होगी
  • पैसा सीधे पंचायतों के पास पहुंचेगा
  • विकास कार्य समय पर शुरू होंगे

सरकार ने यह भी कहा कि फंड के उपयोग की कड़ी मॉनिटरिंग की जाएगी।

सरकार का लक्ष्य मजबूत पंचायतें, विकसित गाँव

वित्त मंत्री चीमा के अनुसार:

“जिस पंचायत की सक्रियता ज्यादा होगी, वहाँ विकास उतनी ही तेज़ी से होगा।”

पंजाब सरकार का फोकस है:

  • साफ-सुथरे गाँव
  • मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर
  • बेहतर सड़कें
  • स्वास्थ्य और स्वच्छता
  • खेल संस्कृति का विकास
  • हर पंचायत को आत्मनिर्भर बनाना
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