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Punjab

जिला मजिस्ट्रेट ने विभिन्न प्रतिबंधों के आदेश किए जारी

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नवांशहर: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देशों और प्रधान सचिव, गृह मामले और न्याय विभाग, पंजाब सरकार द्वारा राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए अहम प्रबंध किए गए हैं। जिसक चलते नवांशहर जिले में मेलों, कार्यक्रमों और शिक्षण संस्थानों में हथियार ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्राप्त आदेशों की अनुपालना में जिला मजिस्ट्रेट नवजोत पाल सिंह रंधावा ने मेलों, आयोजनों व शैक्षणिक संस्थानों में हथियार ले जाने व प्रदर्शन करने पर रोक लगा दी है।

धारा 144 के तहत जारी किए गए इन आदेशों में जिले में किसी भी प्रकार के मैरिज पैलेस/रिसॉर्ट, मेले, धार्मिक स्थान, जुलूस, बारात, शादी पार्टी या अन्य समारोह/सार्वजनिक समारोह और शैक्षणिक संस्थानों में हथियार लेजाने या उनका प्रदर्शन करने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इसके अलावा हथियारों को सोशल मीडिया पर प्रदर्शित करने पर भी प्रतिबंध लागू रहेगा। हथियारों या हिंसा का गुणगान करने वाले गानों पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा

धान की पराली जलाने पर प्रतिबंध

जिला मजिस्ट्रेट ने धारा 144 के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिले की सीमा के भीतर धान की पराली जलाने पर रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं। उनके संज्ञान में आया है कि आमतौर पर जिम्मेदार पक्ष धान की कटाई के बाद खेतों में बची पराली को जला देते हैं, जिससे पर्यावरण, जीव-जंतुओं, खड़ी फसलों, सड़कों के किनारों को नुकसान होता है। लगाए गए पेड़/पौधों को नुकसान होने का डर रहता है। इससे लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और भूमि की उर्वरता भी नष्ट हो जाती है।

जिलाधिकारी ने आदेश जारी किया है कि शाम 7 बजे से सुबह 10 बजे तक जिले की सीमा के अंदर कंबाइन मालिकों द्वारा धान की कटाई नहीं की जाएगी। उन्होंने अपने आदेश में यह भी कहा है कि जिले के सभी कंबाइन मालिकों, जमींदारों/किसानों को धान की कटाई करते समय कंबाइनों के सुपर एस.एम.एस. पंखों को चालू हालत में रखने व बिना सुपर एस.एम.एस. लगे कंबाइनों को चलाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। यह आदेश 13 जनवरी तक लागू रहेगा।

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CM Mann ने भगवती दीक्षा महाउत्सव में धर्मनिरपेक्षता और सांप्रदायिक सद्भाव को मजबूत करने का आह्वान किया

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CM Mann ने कहा कि पंजाब सरकार राज्य के विकास और जनता के कल्याण के लिए महान गुरुओं, संतों, महापुरुषों, पीरों-पैगंबरों और शहीदों के दिखाए मार्ग पर चल रही है। उन्होंने यह बात पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया की उपस्थिति में जैन भगवती दीक्षा महोत्सव के अवसर पर आयोजित एक समारोह में कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के प्रमुख के रूप में पंजाब के सभी निवासियों के हितों की रक्षा करना उनका कर्तव्य है। उन्होंने पंजाब को एक महान और पवित्र भूमि बताया, जहां विभिन्न धर्मों, भाषाओं और समाज के सभी वर्गों के लोग शांति और सद्भाव के साथ रहते हैं।

CM Mann ने कहा कि जनता ने उन्हें पंजाब की सेवा करने का बड़ा अवसर दिया है और वह इस कार्य में कोई कमी नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि हर समाज में धर्मों का सौहार्द और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व देश की प्रगति के लिए अत्यंत आवश्यक है। राज्य में भाईचारे को मजबूत करने के लिए उनकी सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इसके लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

CM Mann ने कहा कि धर्म हमें सादा जीवन, उच्च विचार और अहिंसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। हर धर्म का संदेश शांति, भाईचारा और विश्व बंधुत्व पर आधारित है, जो आज भी उतना ही प्रासंगिक है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे महान धार्मिक और आध्यात्मिक नेताओं के दिखाए मार्ग पर चलें और समाज में धर्मनिरपेक्षता और भाईचारे को और मजबूत करें।

CM Mann ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन हमारी युवा पीढ़ी को हमारे सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्यों से जोड़ने का अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि “आप” सरकार राज्य में शांति, एकता और भाईचारे को बनाए रखने के लिए पूरी तरह समर्पित है।

जैन समुदाय के साथ अपने पुराने संबंधों को याद करते हुए CM Mann ने कहा कि जैन संतों का आशीर्वाद हमेशा उनके साथ रहा है। उन्होंने जैन समुदाय को क्षेत्र में एक अत्याधुनिक अस्पताल स्थापित करने के लिए पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह अस्पताल पूरे उत्तर क्षेत्र के लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में अहम भूमिका निभाएगा।

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Punjab-चंडीगढ़ में घने कोहरे ने दी दस्तक, जारी किया का येलो अलर्ट, बढ़ा वायु प्रदूषण

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Punjab और चंडीगढ़ में ठंड का असर तेजी से बढ़ रहा है। शुक्रवार और शनिवार को Punjab के सात जिलों में घने कोहरे की संभावना जताई गई है। इसको लेकर मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। जिन जिलों में अलर्ट जारी किया गया है, उनमें अमृतसर, नवांशहर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, फतेहगढ़ साहिब और पटियाला शामिल हैं। हालांकि, कुछ इलाकों में सुबह हल्की धूप भी देखने को मिली।

सख्त उपायों के बावजूद पराली जलाने की घटनाएं पूरी तरह से रुक नहीं पाई हैं, जिससे वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। Punjab और चंडीगढ़ के कई शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खराब श्रेणी में दर्ज किया गया है। हालांकि, पिछले 24 घंटों में प्रदूषण स्तर में थोड़ा सुधार हुआ है। इसी दौरान पंजाब के अधिकतम तापमान में 0.4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है, जो सामान्य के करीब है। सबसे अधिक तापमान बठिंडा में 28.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, न्यूनतम तापमान में भी 0.2 डिग्री की गिरावट हुई है।

शुक्रवार सुबह 6 बजे चंडीगढ़ के मोहाली से सटे सेक्टर-53 में AQI 248, जो सबसे खराब रहा। सेक्टर-25 में AQI 161 और सेक्टर-22 में 196 दर्ज किया गया। पंजाब के मंडी गोबिंदगढ़ में AQI 273, लुधियाना में 261, जालंधर में 235, अमृतसर में 231 और पटियाला में 213 रहा। वहीं, सबसे कम AQI रूपनगर में 131 और बठिंडा में 159 दर्ज किया गया।

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Punjab में पराली जलाने के मामलों में हुई बढ़ोतरी, फाजिल्का में सबसे अधिक 42 घटनाएं दर्ज

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Punjab में इस सीजन पराली जलाने की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी देखी गई है। 21 नवंबर तक पराली जलाने के कुल 10,296 मामले सामने आए हैं। 21 नवंबर को 192 नए मामले दर्ज हुए, जिनमें सबसे अधिक 42 मामले फाजिल्का जिले से थे। इसके अलावा, फिरोजपुर में 38, मुक्तसर में 22, मोगा में 10, और फरीदकोट व तरनतारन में 13-13 मामले दर्ज किए गए।

पिछले वर्षों की तुलना में, इस साल पराली जलाने की घटनाएं काफी कम हुई हैं। 2023 में इसी अवधि तक 35,606 और 2022 में 49,526 मामले दर्ज किए गए थे। 21 नवंबर को अकेले इस साल 192 मामले दर्ज हुए, जबकि 2023 में 513 और 2022 में 243 मामले सामने आए थे।

मुख्य पर्यावरण अभियंता डॉ. करुणेश गर्ग ने बताया कि इस साल पराली जलाने के मामलों में लगभग 70% की कमी आई है। अब तक केवल 10,000 मामले सामने आए हैं, जबकि पिछले साल 36,000 से अधिक घटनाएं सैटेलाइट के जरिए दर्ज की गई थीं।

20 नवंबर तक, कुल 10,104 मामले दर्ज किए गए थे। उस दिन 179 मामले सामने आए, जिनमें संगरूर और फिरोजपुर में सबसे ज्यादा 26-26 मामले थे। मुक्तसर में 20, तरनतारन में 15, फरीदकोट में 14 और फाजिल्का में 10 मामले दर्ज किए गए।

18 नवंबर तक पराली जलाने के मामलों में मुख्यमंत्री भगवंत मान का जिला संगरूर 1,647 मामलों के साथ सबसे आगे रहा। फिरोजपुर 1,189 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर और तरनतारन 802 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर रहा। अन्य जिलों में अमृतसर (703), बठिंडा (670), मुक्तसर (668), मोगा (596), मानसा (560), पटियाला (536), फरीदकोट (470), कपूरथला (321), लुधियाना (246), और फाजिल्का (233) मामले सामने आए।

इस गिरावट को सकारात्मक संकेत मानते हुए अधिकारी इसे सख्त निगरानी और जागरूकता अभियान का परिणाम मान रहे हैं।

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