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आखिर Rahul Gandhi रायबरेली- वायनाड में से कौन सी सीट छोड़ेगे?
लोकसभा चुनाव में INDIA Alliance ने अच्छा प्रदर्शन किया। इससे Rahul Gandhi जरूर बेहद खुश होंगे | लेकिन इसके साथ ही उनके सामने एक बड़ा धर्मसंकट भी खड़ा हो जाएगा| केरल में वायनाड और उत्तर प्रदेश में रायबरेली जीतने के बाद वह कौन सी सीट छोड़ेंगे? वोटों की गिनती होने तक वह दोनों सीटों पर अच्छे अंतर से आगे चल रहे थे|
इस फैसले के दूरगामी प्रभाव होंगे
Rahul Gandhi का संकट छोटा लग सकता है| लेकिन इसके दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं| वायनाड के जरिए राहुल गांधी को दक्षिण भारत से जुड़ने का अच्छा मौका मिला है| उन्होंने वहां काफी लोकप्रियता हासिल की है| इसी कनेक्टिविटी के कारण वे दक्षिणी राज्यों में सार्वजनिक सभाओं को बखूबी संभाल रहे हैं। कांग्रेस के लिए दक्षिणी राज्यों में अपना जनाधार बढ़ाना भी अहम है |
यहाँ उत्तर प्रदेश है | जहां की राजनीति का देश पर काफी प्रभाव पड़ता है| पिछली बार वह रायबरेली से सटी अमेठी सीट से हार गए थे| वह तीन बार अमेठी से चुनाव भी जीत चुके हैं। 2004 में पहली बार सांसद बनने के बाद 2019 में वह बीजेपी की स्मृति ईरानी से हार गए|
इसके साथ ही उन्होंने केरल की वायनाड सीट से भी चुनाव लड़ा था. वहां से वे जीतकर संसद पहुंच सके. इस बीच स्मृति ईरानी ने वहां की जनता के बीच अपनी पकड़ और घर दोनों बना ली. यह बात अलग है कि वहां के लोगों में अभी भी कांग्रेस और राहुल के प्रति प्यार और सम्मान है।
राहुल गांधी ने इस बार अपनी सीट अमेठी से बदलकर रायबरेली कर ली है. राहुल के नामांकन में उनकी मां और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शामिल हुईं. तब उन्होंने रायबरेली के लोगों को बताया कि वह अपने बेटे को उन्हें सौंप रही हैं|
राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी ने भी यह कहकर प्रचार किया था कि रायबरेली उनकी पारिवारिक सीट है. ऐसे में अगर वह रायबरेली सीट छोड़ने का फैसला करते हैं तो रायबरेली और अमेठी दोनों जगह की जनता उनसे नाराज हो सकती है |