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देश में मिला तेल भंडार, कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता 84 फीसदी घटेगी

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आंध्र प्रदेश के काकीनाडा तट से 30 किमी दूर एक गहरे समुद्र परियोजना से पहली बार तेल निकाला गया था। पहले ओएनजीसी ने नवंबर 2021 तक परियोजना से तेल उत्पादन शुरू करने की योजना बनाई थी, लेकिन कोविड के कारण इसमें देरी हो गई। इस साल मई-जून तक रोजाना 45,000 बैरल कच्चे तेल का उत्पादन होने की उम्मीद है। यह देश की कुल खपत का करीब 7 फीसदी होगा. यहां से गैस उत्पादन भी खपत के 7 फीसदी के बराबर होने की उम्मीद है. यहां तेल के कुएं खुलने के बाद कच्चे तेल के आयात पर देश की निर्भरता कम हो जाएगी.

चीन और अमेरिका के बाद भारत दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा आयातक है। हालिया आंकड़ों के मुताबिक, देश हर साल अपनी जरूरत का करीब 84 फीसदी तेल आयात करता है। पिछले कुछ सालों में कच्चे तेल की मांग बढ़ने से आयात बढ़ा है. लेकिन अब आंध्र प्रदेश के काकीनाडा तट से कच्चे तेल का उत्पादन शुरू होने से पहले के मुकाबले कम कच्चे तेल का आयात करना होगा. घरेलू उत्पादन बढ़ने से पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में भी गिरावट आने की संभावना है.

साल 2022 में भारत पूरे साल में 173.52 अरब डॉलर का तेल आयात करेगा, जबकि 366.51 अरब डॉलर के साथ अमेरिका पहले स्थान पर और 204.72 अरब डॉलर के साथ अमेरिका दूसरे स्थान पर है. घरेलू उत्पादन में बढ़ोतरी के साथ सरकार लगातार इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल पर फोकस कर रही है. भारत ने 2022-23 तक पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण हासिल कर लिया है। 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा गया है। अगर यह लक्ष्य हासिल हो गया तो देश द्वारा कच्चे तेल का आयात कम हो जाएगा।

भारत सरकार लगातार पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण को बढ़ावा दे रही है। इथेनॉल उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा सब्सिडी और अन्य रियायतें भी दी जा रही हैं। 2025 तक पेट्रोल में 20 फीसदी इथेनॉल का लक्ष्य रखा गया है. देश में कच्चे तेल और इथेनॉल का उत्पादन बढ़ने से भारतीय अर्थव्यवस्था को सीधा फायदा होगा। फिलहाल भारत के खर्च का बड़ा हिस्सा कच्चे तेल के आयात पर खर्च हो रहा है. लेकिन अगले कुछ वर्षों में इसमें गिरावट आने की संभावना है. इसके साथ ही देश पेट्रोलियम उत्पादों में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।

फिलहाल भारत अपनी कुल तेल जरूरत का करीब 84 फीसदी आयात करता है. अब जब देश में नये तेल का उत्पादन शुरू हो गया है तो यदि आवश्यक तेल का 7 प्रतिशत भी इससे प्राप्त किया जा सके तो यह आयात घटकर 77 प्रतिशत रह जायेगा। दूसरी ओर, इथेनॉल उत्पादन बढ़ने से पेट्रोल का मिश्रण बढ़ेगा और कच्चे तेल के आयात में और कमी आएगी। इससे तेल का आयात 70 फीसदी तक घट सकता है. तेल आयात पर निर्भरता कम होने से भारत की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव कम होगा।

भारत में कच्चे तेल और इथेनॉल का उत्पादन बढ़ने का दूसरा फायदा पेट्रोलियम उत्पादों की कम कीमतों के रूप में होगा। इससे भारत को कच्चा तेल निर्यात करने वाले देशों से आने वाले समय में कीमतों में कमी आ सकती है। इससे ग्राहकों को राहत मिलेगी और अर्थव्यवस्था मजबूत होगी.

देश के अंदर कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ने से उद्योगों में रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा. इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल की खपत बढ़ने से वायु प्रदूषण में भी कमी आएगी। वास्तव में, इथेनॉल गैसोलीन की तुलना में कम ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन करता है। यह ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने में मदद करता है।

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि 7 जनवरी को पहली बार काकीनाडा तट से तेल निकाला गया था. कोविड के कारण कुछ देरी हुई. हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि 26 कुओं में से 4 कुएँ पहले से ही चालू हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि मई-जून तक प्रतिदिन 45,000 बैरल तेल का उत्पादन होने की उम्मीद है.

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हवाई जहाज़ बन गया आग का गोला, हो गया बड़ा हादसा , Plane हुआ Crash

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नेपाल की राजधानी काठमांडू में एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। Plane में सवार अधिकांश लोगों की मौत हो गई, लेकिन पायलट कैप्टन मनीष शाक्य बुरी तरह घायल हो गए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया। Plane को पोखरा जाना था, लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

Plane ने सुबह त्रिभुवन हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी, लेकिन फिर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान सूर्या एयरलाइंस का था और मरने वाले अधिकांश लोग एयरलाइन के कर्मचारी थे।

दुर्घटना के बाद, पुलिस और दमकलकर्मियों का एक समूह तुरंत मदद के लिए पहुंचा। विमान में आग लग गई, लेकिन उन्होंने इसे तुरंत बुझा दिया।

हम दुर्घटना की तस्वीरों में धुआं देख सकते हैं, लेकिन हमें अभी तक नहीं पता है कि ऐसा क्यों हुआ।

विमान दुर्घटना को देखने वाले लोगों ने कहा कि यह उड़ान भरने की कोशिश कर रहा था, लेकिन तभी अचानक झटका लगा और आग लग गई। इसके बाद यह रनवे के पास दो इमारतों के बीच एक गड्ढे में गिर गया।

14 जनवरी, 2023 को नेपाल में एक बड़ा विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान में 68 यात्री और 4 चालक दल के सदस्य सवार थे। यह नेपाल के पोखरा शहर के पास एक पहाड़ी से टकरा गया। दुख की बात है कि विमान में सवार सभी लोग इस दुर्घटना में मारे गए।

रूस में एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और 74 लोगों की मौत हो गई। रूस कह रहा है कि यूक्रेन ने विमान पर मिसाइलें दागी, जिससे विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और उसके अपने लोग मारे गए।

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राहुल गाँधी को आज का Budget नहीं आया पसंद, मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए इसे कुर्सी बचाओ बजट बताया

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला आम Budget पेश किया। प्रधानमंत्री को यह योजना पसंद आई और उन्होंने कहा कि इससे सभी को मदद मिलेगी। लेकिन एक अन्य महत्वपूर्ण व्यक्ति को यह पसंद नहीं आई और उन्होंने इसे किसी की नौकरी बचाने की योजना बताया।

राहुल गांधी ने कहा कि बजट उनके दोस्तों अडानी और अंबानी के लिए अच्छा है, लेकिन आम भारतीयों के लिए नहीं। उन्हें लगता है कि बजट कांग्रेस पार्टी के विचारों से कॉपी किया गया है और इसमें कुछ भी नया नहीं है। कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया बजट देश की प्रगति में मदद करने की बजाय प्रधानमंत्री मोदी की सरकार को सत्ता में बनाए रखने पर अधिक केंद्रित है।

उन्होंने बजट की आलोचना करते हुए कहा कि यह कांग्रेस के ‘न्याय’ एजेंडे की सही नकल नहीं करता है और युवाओं, किसानों और हाशिए के समूहों के लिए पर्याप्त नहीं करता है। खड़गे का मानना ​​है कि बजट अभिनव नहीं है और इसमें महिलाओं और ग्रामीण-गरीब लोगों जैसे समाज के विभिन्न वर्गों के लिए सार्थक पहल का अभाव है।

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क्या आपको पता है की देश के Budget की प्रिंटिंग कहां और कैसे होती है ?

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आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण Budget पेश करने वाली हैं | वित्त मंत्री इस बारे में बात करेंगी कि सरकार अगले साल किस तरह से पैसे खर्च करने की योजना बना रही है। यह सातवीं बार है जब वे यह काम कर रही हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि वे इस योजना को कैसे समझती हैं और इसे आधिकारिक कैसे बनाती हैं? आइए साथ मिलकर पता लगाते हैं।

हम आपको बताना चाहते हैं कि देश का बजट गुप्त रूप से बनाया जाता है। इस पर काम करने वाले लोग संसद में दिखाए जाने से पहले 10 दिनों तक अलग-थलग रहते हैं।

बजट बनाने वाले लोग कई दिनों तक काम के अलावा किसी से बात नहीं करते। वे वित्त मंत्रालय की बिल्डिंग में रहते हैं और अपने काम पर ध्यान केंद्रित करते हैं। ऐसा लगता है कि वे बाकी दुनिया से दूर एक खास बुलबुले में हैं। इस दौरान कुछ ही लोगों को बाहर जाने की अनुमति होती है।

सरकार हर साल पैसे खर्च करने और बचाने के लिए योजना बनाती है। वे यह योजना दिल्ली की एक बिल्डिंग में बनाते थे, लेकिन पहले किसी ने योजना के तैयार होने से पहले ही उसका कुछ हिस्सा साझा कर दिया था। इसलिए अब वे योजना को किसी दूसरी बिल्डिंग में बनाते हैं और इसे तब तक गुप्त रखते हैं जब तक कि यह पूरी तरह से तैयार न हो जाए। वे योजना पर काम करते समय इमारत को सुरक्षित रखने के लिए किसी को भी अंदर नहीं आने देते।

बजट बनाने से पहले, महत्वपूर्ण आर्थिक जानकारी एक नीली शीट पर एकत्र की जाती है। फिर इस जानकारी का उपयोग करके बजट बनाया जाता है। वित्त मंत्री को इस शीट को बाहर ले जाने की अनुमति नहीं है और मंत्रालय के संयुक्त सचिव इसके लिए जिम्मेदार हैं।

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