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USA में 30 दिनों से अधिक ठहरने वाले विदेशी नागरिकों के लिए अनिवार्य पंजीकरण का नया नियम लागू।

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USA में 30 दिनों से अधिक समय तक ठहरने वाले विदेशी नागरिकों के लिए अब पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया गया है। यह नया नियम अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (DHS) द्वारा लागू किया गया है। इसके तहत विदेशी नागरिकों को संघीय सरकार के पास अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी।

यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हें न सिर्फ भारी जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है, बल्कि उन्हें हिरासत में भी लिया जा सकता है। यहां तक कि पंजीकरण न कराने की स्थिति में उन्हें अमेरिका से निष्कासित भी किया जा सकता है।

यह फैसला राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन द्वारा आव्रजन नीति को कड़ा करने की दिशा में उठाया गया एक अहम कदम है। इससे अमेरिका में रह रहे आप्रवासी समुदाय, विशेषकर भारतीय प्रवासियों के बीच चिंता का माहौल पैदा हो गया है।

गौरतलब है कि अमेरिका में भारतीयों की बड़ी संख्या मौजूद है। साथ ही, भारत अमेरिका के लिए दूसरा सबसे बड़ा पर्यटन बाजार भी है। ऐसे में यह नया नियम भारतीय पर्यटकों और अप्रवासियों के लिए अतिरिक्त चुनौतियां लेकर आ सकता है।

एक अमेरिकी संघीय न्यायाधीश ने विदेशियों के पंजीकरण से संबंधित इस नियम को हरी झंडी दे दी है। न्यायाधीश ट्रेवर मैकफैडेन ने 10 अप्रैल को इस नियम को रोकने की याचिका खारिज कर दी थी। उन्होंने कहा था कि इसे रोकने के लिए पर्याप्त कानूनी आधार नहीं हैं। यह निर्णय नियम लागू होने से एक दिन पहले आया है। इससे नये नियम के क्रियान्वयन का रास्ता साफ हो गया है। यह नियम द्वितीय विश्व युद्ध के समय के कानून पर आधारित है।

यह नियम क्या है ?

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि ‘अमेरिका में 30 दिनों से अधिक समय तक रहने वाले सभी विदेशी नागरिकों को संघीय सरकार के पास पंजीकरण कराना होगा।’ ऐसा न करने पर जुर्माना, कारावास या दोनों हो सकते हैं। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं, तो आपको गिरफ्तार कर लिया जाएगा, जुर्माना लगाया जाएगा और देश से निर्वासित कर दिया जाएगा। इसके बाद तुम कभी वापस नहीं आ पाओगे.’

नए नियम के अनुसार 11 अप्रैल के बाद अमेरिका आने वाले लोगों को 30 दिनों के भीतर पंजीकरण कराना होगा। 14 वर्ष की आयु पूरी करने वाले बच्चों को भी पुनः पंजीकरण कराना होगा तथा अपने फिंगरप्रिंट जमा कराने होंगे। मानव आप्रवास अधिकार गठबंधन और अमेरिकी आप्रवास परिषद जैसे संगठनों का कहना है कि यह नियम भ्रम पैदा करता है। यह नियम प्रशासनिक प्रक्रिया अधिनियम का भी उल्लंघन करता है।

आव्रजन

वकीलों का कहना है कि जिनके पास एच-1बी कर्मचारी, छात्र और ग्रीन कार्ड जैसे दस्तावेज हैं, उन्हें पहले से पंजीकृत माना जाएगा। इसके बावजूद उन्हें अपने दस्तावेज अपने पास रखने होंगे और पते में किसी भी तरह के बदलाव की सूचना 10 दिन के भीतर देनी होगी। ऐसा न करने पर उन्हें जुर्माना भी भरना पड़ेगा। जिन अभिभावकों के बच्चे 30 दिनों से अधिक समय तक देश में रहते हैं, उन्हें भी अपने बच्चों का पंजीकरण कराना होगा।

होमलैंड सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोएम ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प का संदेश स्पष्ट है: जो लोग अवैध रूप से देश में हैं, उन्हें देश छोड़ देना चाहिए। यदि वे अभी चले जाएं तो उन्हें वापस आने का मौका मिल सकता है। उन्होंने कहा, ‘ट्रम्प प्रशासन सभी आव्रजन कानूनों को लागू करेगा। हमें यह जानने की जरूरत है कि हमारे देश और सभी अमेरिकियों की सुरक्षा के लिए हमारे देश में कौन है।’

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