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PM मोदी के साढ़े तीन मिनट वाले भाषण पर कांग्रेस का सियासी दांव, यात्रा में यूं ही नहीं उठा यह मुद्दा

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राहुल गांधी की भारत जोड़ो में यात्रा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साढ़े तीन मिनट के भाषण का खूब जिक्र हो रहा है। दरअसल, मोदी सरकार के विरोध में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के दौरान प्रधानमंत्री के भाषण से मणिपुर के हिस्से के भाषण का जिक्र कांग्रेस न्याय यात्रा के दौरान कर रही है।

कांग्रेस पार्टी के महासचिव जयराम रमेश का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 123 मिनट के भाषण में महज साढ़े तीन मिनट मणिपुर के लिए दिए। जो बताता है कि मणिपुर जैसे संवेदनशील राज्य के लिए भारतीय जनता पार्टी की सोच क्या है। जानकारों का भी मानना है कि कांग्रेस पार्टी मणिपुर में भारत जोड़ो न्याय यात्रा की शुरुआत के दौरान भारतीय जनता पार्टी पर हमला कर एक साथ कई निशाने साध रही है।

कांग्रेस ने जब भारत जोड़ो न्याय यात्रा की शुरुआत की घोषणा मणिपुर से की, तभी तय हो गया था कि कांग्रेस इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी को घेरेगी। अब राहुल गांधी की मणिपुर से शुरू हुई यात्रा के बाद कांग्रेस ने अपनी पहले से तय रणनीति के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी को घेरना शुरू किया है। सोमवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने मणिपुर में कहा कि तीन मई से इस राज्य में हिंसा का दौर चल रहा है, लेकिन अब तक भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की ओर से यहां के लोगों के दुख दर्द को ना समझा गया और न गंभीरता से कोई उसका हल निकाला गया। 

जयराम रमेश कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव पर अपने 123 मिनट के भाषण में महज साढ़े तीन मिनट में मणिपुर पर बात खत्म कर दी। उनका कहना है कि मणिपुर के लोगों का दुख दर्द समझने के लिए भारतीय जनता पार्टी के ना किसी नेता के पास वक्त है और ना ही वह उसको सुलझाना चाहते हैं।

सियासी जानकार भी मानते हैं कि अविश्वास प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण का जिक्र कर कांग्रेस एक साथ कई निशाने साध रही है। राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार सुमित कुमार कहते हैं कि कांग्रेस ने मणिपुर से यात्रा की शुरुआत कर वहां के लोगों के दुख दर्द को देश के हिस्सों में ले जाने की कोशिश की है। 

हालांकि, वह कहते हैं कि मणिपुर के माध्यम से कांग्रेस पार्टी एक नैरेटिव सेट करके अपनी यात्रा को आगे बढ़ा रही है। उसका सियासी फायदा कितना होगा यह तो लोकसभा के चुनावी परिणाम बताएंगे, लेकिन जिस तरह से इस न्याय यात्रा के दौरान कांग्रेस लगातार भारतीय जनता पार्टी पर हमलावर है उससे सियासी तौर पर कांग्रेस खुद को मजबूत मान रही है। 

सियासी जानकारों का मानना है कि कांग्रेस अपनी रणनीति के मुताबिक अपनी पूरी यात्रा में भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर रहेगी। ताकि लोकसभा चुनाव में अपने कार्यकर्ताओं और गठबंधन से जुड़े सभी दलों को एक स्पष्ट संदेश दिया जा सके। 

कांग्रेस पार्टी से जुड़े रणनीतिकारों का कहना है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की शुरुआत से पहले चर्चा इस बात की ही हुई थी कि इसकी शुरुआत किस राज्य से की जाए। सभी लोगों का मत था कि मणिपुर के लोगों को इस वक्त सबसे ज्यादा न्याय की उम्मीद है इसलिए इस यात्रा की शुरूआत वहीं से होनी चाहिए। 

पार्टी के महासचिव जयराम रमेश कहते हैं कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी रविवार और सोमवार को विभिन्न नागरिक संस्थाओं से मिले। इस दौरान सभी लोगों ने राहुल गांधी से कहा है कि मणिपुर में एक संवेदनशील, पारदर्शी, जवाबदेह और सशक्त शासन की जरूरत है। मणिपुर के राहत शिविरों में रहने वाले लोगों से भी राहुल गांधी ने मुलाकात की। इस दौरान वह भाजपा से लेकर आरएसएस पर भी हमलावर रहे।

कांग्रेस पार्टी से जुड़े नेताओं का मानना है कि पार्टी लगातार मणिपुर मामले पर न सिर्फ़ सत्ता पक्ष को घेर रही है बल्कि जवाबदेही के लिए दबाव बना रही है। पार्टी के नेताओं ने सोमवार को अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मणिपुर में मारे गए लोगों का भी मुद्दा प्रमुखता से उठाया। 

राहुल गांधी ने भी अपनी इस यात्रा के दौरान कहा कि वह मणिपुर के लोगों के साथ हुए अत्याचार की आवाज अपनी पूरी यात्रा के दौरान लोगों के सामने उठाते रहेंगे। ताकि यहां के लोगों को न्याय मिल सके। कांग्रेस पार्टी के नेताओं का मानना है कि जिन नेताओं को मणिपुर की घटनाएं कोई खास नहीं लगती उनके लिए ही भारत जोड़ो न्याय यात्रा एक बड़ा सबक साबित होगी।

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हवाई जहाज़ बन गया आग का गोला, हो गया बड़ा हादसा , Plane हुआ Crash

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नेपाल की राजधानी काठमांडू में एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। Plane में सवार अधिकांश लोगों की मौत हो गई, लेकिन पायलट कैप्टन मनीष शाक्य बुरी तरह घायल हो गए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया। Plane को पोखरा जाना था, लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

Plane ने सुबह त्रिभुवन हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी, लेकिन फिर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान सूर्या एयरलाइंस का था और मरने वाले अधिकांश लोग एयरलाइन के कर्मचारी थे।

दुर्घटना के बाद, पुलिस और दमकलकर्मियों का एक समूह तुरंत मदद के लिए पहुंचा। विमान में आग लग गई, लेकिन उन्होंने इसे तुरंत बुझा दिया।

हम दुर्घटना की तस्वीरों में धुआं देख सकते हैं, लेकिन हमें अभी तक नहीं पता है कि ऐसा क्यों हुआ।

विमान दुर्घटना को देखने वाले लोगों ने कहा कि यह उड़ान भरने की कोशिश कर रहा था, लेकिन तभी अचानक झटका लगा और आग लग गई। इसके बाद यह रनवे के पास दो इमारतों के बीच एक गड्ढे में गिर गया।

14 जनवरी, 2023 को नेपाल में एक बड़ा विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान में 68 यात्री और 4 चालक दल के सदस्य सवार थे। यह नेपाल के पोखरा शहर के पास एक पहाड़ी से टकरा गया। दुख की बात है कि विमान में सवार सभी लोग इस दुर्घटना में मारे गए।

रूस में एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और 74 लोगों की मौत हो गई। रूस कह रहा है कि यूक्रेन ने विमान पर मिसाइलें दागी, जिससे विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और उसके अपने लोग मारे गए।

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राहुल गाँधी को आज का Budget नहीं आया पसंद, मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए इसे कुर्सी बचाओ बजट बताया

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला आम Budget पेश किया। प्रधानमंत्री को यह योजना पसंद आई और उन्होंने कहा कि इससे सभी को मदद मिलेगी। लेकिन एक अन्य महत्वपूर्ण व्यक्ति को यह पसंद नहीं आई और उन्होंने इसे किसी की नौकरी बचाने की योजना बताया।

राहुल गांधी ने कहा कि बजट उनके दोस्तों अडानी और अंबानी के लिए अच्छा है, लेकिन आम भारतीयों के लिए नहीं। उन्हें लगता है कि बजट कांग्रेस पार्टी के विचारों से कॉपी किया गया है और इसमें कुछ भी नया नहीं है। कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया बजट देश की प्रगति में मदद करने की बजाय प्रधानमंत्री मोदी की सरकार को सत्ता में बनाए रखने पर अधिक केंद्रित है।

उन्होंने बजट की आलोचना करते हुए कहा कि यह कांग्रेस के ‘न्याय’ एजेंडे की सही नकल नहीं करता है और युवाओं, किसानों और हाशिए के समूहों के लिए पर्याप्त नहीं करता है। खड़गे का मानना ​​है कि बजट अभिनव नहीं है और इसमें महिलाओं और ग्रामीण-गरीब लोगों जैसे समाज के विभिन्न वर्गों के लिए सार्थक पहल का अभाव है।

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क्या आपको पता है की देश के Budget की प्रिंटिंग कहां और कैसे होती है ?

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आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण Budget पेश करने वाली हैं | वित्त मंत्री इस बारे में बात करेंगी कि सरकार अगले साल किस तरह से पैसे खर्च करने की योजना बना रही है। यह सातवीं बार है जब वे यह काम कर रही हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि वे इस योजना को कैसे समझती हैं और इसे आधिकारिक कैसे बनाती हैं? आइए साथ मिलकर पता लगाते हैं।

हम आपको बताना चाहते हैं कि देश का बजट गुप्त रूप से बनाया जाता है। इस पर काम करने वाले लोग संसद में दिखाए जाने से पहले 10 दिनों तक अलग-थलग रहते हैं।

बजट बनाने वाले लोग कई दिनों तक काम के अलावा किसी से बात नहीं करते। वे वित्त मंत्रालय की बिल्डिंग में रहते हैं और अपने काम पर ध्यान केंद्रित करते हैं। ऐसा लगता है कि वे बाकी दुनिया से दूर एक खास बुलबुले में हैं। इस दौरान कुछ ही लोगों को बाहर जाने की अनुमति होती है।

सरकार हर साल पैसे खर्च करने और बचाने के लिए योजना बनाती है। वे यह योजना दिल्ली की एक बिल्डिंग में बनाते थे, लेकिन पहले किसी ने योजना के तैयार होने से पहले ही उसका कुछ हिस्सा साझा कर दिया था। इसलिए अब वे योजना को किसी दूसरी बिल्डिंग में बनाते हैं और इसे तब तक गुप्त रखते हैं जब तक कि यह पूरी तरह से तैयार न हो जाए। वे योजना पर काम करते समय इमारत को सुरक्षित रखने के लिए किसी को भी अंदर नहीं आने देते।

बजट बनाने से पहले, महत्वपूर्ण आर्थिक जानकारी एक नीली शीट पर एकत्र की जाती है। फिर इस जानकारी का उपयोग करके बजट बनाया जाता है। वित्त मंत्री को इस शीट को बाहर ले जाने की अनुमति नहीं है और मंत्रालय के संयुक्त सचिव इसके लिए जिम्मेदार हैं।

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