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Air India Plane Crash: Takeoff के चंद Seconds बाद ही बंद हो गए दोनों Engines, Report में Shocking Revelations

पिछले महीने एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के साथ हुआ हादसा अब कई सवाल खड़े कर रहा है। अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने वाले इस बोइंग 787-8 विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के मामले में एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की शुरुआती जांच रिपोर्ट सामने आ चुकी है। रिपोर्ट में सामने आए तथ्यों ने एविएशन इंडस्ट्री को हिला कर रख दिया है।
टेकऑफ के तुरंत बाद बंद हो गए दोनों इंजन
AAIB की रिपोर्ट के अनुसार, 12 जून को दोपहर 1:38:42 पर फ्लाइट AI-171 ने अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरी और उड़ान भरते ही 180 नॉट्स की स्पीड पकड़ ली। लेकिन तभी कुछ ऐसा हुआ जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी — दोनों इंजन अचानक बंद हो गए।
जांच रिपोर्ट के मुताबिक, फ्यूल कंट्रोल स्विच (Fuel Control Switches) जो इंजन में ईंधन सप्लाई करते हैं, खुद-ब-खुद RUN से CUT-OFF पोजीशन में चले गए, वो भी सिर्फ 1 सेकंड के अंतर से। इसका मतलब था कि इंजन को ईंधन मिलना बंद हो गया और प्लेन की पावर सप्लाई भी ठप पड़ गई।
पायलट्स भी रह गए हैरान
इस हादसे की कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग (CVR) में एक बेहद चौंकाने वाली बातचीत दर्ज हुई है। एक पायलट दूसरे से पूछता है –
“तुमने इंजन क्यों बंद किया?”
जवाब आता है –
“मैंने कुछ नहीं किया।”
इस संवाद से साफ है कि यह घटना पायलट की गलती नहीं थी, बल्कि यह तकनीकी खराबी या ऑटोमेशन सिस्टम की फेलियर हो सकती है।
इमरजेंसी सिस्टम भी नाकाम रहा
जब दोनों इंजन फेल हो गए, तो इमरजेंसी में इस्तेमाल होने वाला RAM Air Turbine (RAT) एक्टिव हो गया। यह एक छोटी सी विंड टरबाइन होती है जो हवा की स्पीड से ऊर्जा पैदा करके थोड़ी देर के लिए हाइड्रोलिक और इलेक्ट्रिकल सिस्टम को सपोर्ट करती है।
इसके साथ ही Aircraft Power Unit (APU) भी एक्टिव हुआ, लेकिन ये सभी उपाय प्लेन को क्रैश होने से नहीं रोक पाए।
सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि लिफ्ट-ऑफ के तुरंत बाद ही RAT बाहर आ गया था, जो हालात की गंभीरता को दर्शाता है।
सिर्फ एक यात्री बचा, 260 लोगों की मौत
यह भयावह हादसा अहमदाबाद के एक मेडिकल कॉलेज हॉस्टल परिसर में हुआ। क्रैश के बाद 260 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 241 यात्री और 12 क्रू मेंबर शामिल थे।
इस हादसे में सिर्फ एक यात्री – ब्रिटिश नागरिक विश्वास कुमार रमेश ही जीवित बच सके, जिन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
क्या थी असली वजह? अभी भी सवाल कायम हैं
रिपोर्ट में यह जरूर बताया गया है कि फ्यूल सैंपल संतोषजनक पाए गए हैं। यानी फ्यूल की क्वालिटी में कोई खराबी नहीं थी। इसके बावजूद स्विचेज का खुद-ब-खुद कट-ऑफ मोड में चले जाना सवाल पैदा करता है —
- क्या यह तकनीकी खराबी थी?
- क्या कोई सॉफ़्टवेयर फेलियर हुआ था?
- या फिर कोई अज्ञात ऑटोमेशन एरर?
AAIB इस दिशा में आगे जांच कर रही है।
पायलट और क्रू उड़ान के लिए फिट थे
रिपोर्ट के मुताबिक, हादसे से पहले सभी पायलट्स और क्रू मेंबर्स का ब्रीथ एनालाइज़र टेस्ट किया गया था, जिसमें वे फ्लाइट ऑपरेट करने के लिए फिट पाए गए थे। सभी को उड़ान से पहले पर्याप्त आराम भी मिला था।
एयर इंडिया का बयान
एयर इंडिया ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि वो जांच एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग कर रही है।
“AI-171 हादसे से प्रभावित परिवारों के साथ एयर इंडिया खड़ी है। हम इस दुखद समय में शोक में हैं और हर संभव मदद देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
कंपनी ने रिपोर्ट के किसी खास बिंदु पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि जांच पूरी होने तक वो कुछ नहीं कह सकते।
अब तक बोइंग या इंजन पर कोई एडवाइजरी नहीं
सबसे हैरानी की बात यह है कि ना तो बोइंग 787-8 एयरक्राफ्ट पर और ना ही इसमें लगे GE GEnx-1B इंजन पर कोई विशेष एडवाइजरी जारी की गई है।
यानी तकनीकी खराबी की संभावना को अभी तक पूरी तरह नकारा नहीं गया है, लेकिन अभी फाइनल रिपोर्ट का इंतजार है।
हादसे के पीछे की असली वजह क्या थी?
इस शुरुआती रिपोर्ट से कई सवाल खड़े हो गए हैं। अगर यह मानवीय भूल नहीं थी, तो सिस्टम ने खुद यह गलती क्यों की? क्या फ्यूल कंट्रोल सिस्टम में कोई बग था? या फिर ऑटोमेशन ने गलत तरीके से काम किया?
फिलहाल जांच जारी है, और सबकी नजरें AAIB की फाइनल रिपोर्ट पर टिकी हैं।