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राजस्थान में आचार संहिता लगने के बाद 692.36 करोड़ रुपए मूल्य की अवैध सामग्री जब्त

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नेशनल डेस्क: राजस्थान में 690 करोड़ रुपये की नकदी, शराब, मादक पदार्थ और मुफ्त में दिया जाने वाला सामान जब्त किया गया, जहां विधानसभा चुनाव के लिए मतदान शनिवार शाम समाप्त हो गया। इनका इस्तेमाल मतदाताओं को लुभाने के उद्देश्य से किया जाना था। मतदान संपन्न होने के बाद निर्वाचन आयोग द्वारा साझा किए गए आंकड़े के अनुसार, विभिन्न प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा कुल 690 करोड़ रुपये से अधिक की जब्ती की गई। आयोग ने कहा कि आंकड़े 2018 में राजस्थान में पिछले चुनावों की तुलना में 970 प्रतिशत अधिक हैं। उसने कहा, ‘‘नकदी, शराब, मादक पदार्थ, कीमती धातु और मुफ्त में दिया जाने वाले अन्य सामान की जब्ती में वृद्धि देखी गई है।”

राज्य में सीविजिल ऐप का व्यापक उपयोग का पता चला है। यह ऐप उपयोगकर्ताओं को 100 मिनट के भीतर उनकी शिकायतों को पंजीकृत करने और समाधान करने की अनुमति देता है। शनिवार सुबह तक प्राप्त कुल 20,298 शिकायतों में से 20,245 का निपटारा किया जा चुका था और 53 प्रक्रियाधीन थीं। आयोग ने कहा कि विभिन्न श्रेणियों में से सबसे अधिक ऐसी शिकायतें प्राप्त हुईं जो बिना अनुमति के पोस्टर या बैनर लगाने से जुड़ी थीं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार के साथ-साथ चुनाव आयुक्तों अनूप चंद्र पांडे और अरुण गोयल वाले आयोग ने पड़ोसी राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ ही अन्य प्रवर्तन एजेंसियों के साथ नियमित और विस्तृत समीक्षा की, ताकि राज्य में सुचारू, स्वतंत्र, निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित की जा सके।

निर्वाचन आयोग ने कहा कि पूरे राजस्थान में स्थापित 51,890 मतदान केंद्रों पर नवविवाहित जोड़े, दिव्यांग, महिलाएं और तीसरे लिंग के मतदाता, आदिवासी और युवा बड़ी संख्या में पहुंचे। निर्वाचन आयोग के एक पदाधिकारी ने सीईसी कुमार की हालिया टिप्पणी का उल्लेख किया जिसमें उन्होंने इस सीमावर्ती राज्य में समाज के सभी वर्ग के लोगों से घरों से निकलकर मतदान करने का आग्रह किया था।

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